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*"सृष्टि कितनी भी परिवर्तित हो जाए किन्तु फिर भी हम पूर्ण सुखी नहीं हो सकते...!*
*परंतु*

*दृष्टि थोड़ी सी परिवर्तित हो जाए तो हम सुखी हो सकते हैं।*

*"जैसी दृष्टी-वैसी सृष्टि"*
*🙏सुप्रभात🙏*
*आज का दिन मंगलमय हो*
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