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✨✨Bahut pyari kavita ✨✨
आहिस्ता; चल; जिंदगी,अभी

कई; कर्ज; चुकाना; बाकी; है

कुछ; दर्द; मिटाना;; बाकी; है

कुछ;; फर्ज निभाना; बाकी है
;;;;;;;;;;;;;;;;;; रफ़्तार; में तेरे; चलने से

;;;;;;;;;;;;;;;;;; कुछ रूठ गए कुछ छूट गए

;;;;;;;;;;;;;;;;;; रूठों को मनाना बाकी है

;;;;;;;;;;;;;;;;;; रोतों को हँसाना बाकी है
कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए

कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए

उन टूटे -छूटे रिश्तों के

जख्मों को मिटाना बाकी है
;;;;;;;;;;;;;;;;;;; कुछ हसरतें अभी; अधूरी हैं

;;;;;;;;;;;;;;;;;;; कुछ काम भी और जरूरी हैं

;;;;;;;;;;;;;;;;;;; जीवन की उलझ; पहेली को

;;;;;;;;;;;;;;;;;;; पूरा; सुलझाना; बाकी;;;; है
जब साँसों को थम जाना है

फिर क्या खोना ,क्या पाना है

पर मन के जिद्दी बच्चे को

यह;; बात;; बताना; बाकी; है
;;;;;;;;;;;;;;;;;;;; आहिस्ता चल जिंदगी ,अभी

;;;;;;;;;;;;;;;;;;;; कई कर्ज चुकाना बाकी;;; है

;;;;;;;;;;;;;;;;;;;; कुछ दर्द मिटाना;; बाकी;; है;;

;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;; कुछ; फर्ज निभाना बाकी है ।
;;;;; जय सिया राम...🙏🏻📿 subh prabhat
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