anonymous
follow-btn
*चलो हंसने की कोई, हम वजह ढूंढते हैं,*

*जिधर न हो कोई ग़म, वो जगह ढूंढते हैं !*

*बहुत उड़ लिए ऊंचे आसमानों में यारो,*

*चलो जमीं पे ही कहीं, हम सतह ढूंढते हैं !*

*छूटा संग कितनों का ज़िंदगी की जंग में,*

*चलो उनके दिलों की, हम गिरह ढूंढते हैं !*

*बहुत वक़्त गुज़रा भटकते हुए अंधेरों में,*

*चलो अँधेरी रात की, हम सुबह ढूंढते हैं !*
#haapyhours
Like

4

Likes

Comment

0

Comments

Share

0

Shares

settings
lifestage
gallery
send