दिल्ली-हरियाणा सीमा पर ऐतिहासिक शहर बदरपुर की संकरी, घुमावदार गलियों में एक दम्पति रहते थे| उनका एक छोटा इन्टरनेट कैफ़े था और वही उनके जीवन-यापन का सहारा था| परिवार बहुत संपन्न नहीं था, लेकिन खुशहाल जीवन जी रहा था| किन्तु, जब उनका बच्चा क्लेफ्ट के साथ पैदा हुआ, तो उस दम्पति को समझने में काफी मुश्किल हुई कि वह क्या था, और क्या उनका बच्चा तंदुरुस्त हो सकेगा? क्या उसका इलाज संभव होगा? स्माइल ट्रेन ने उन्हें आश्वस्त किया और उनकी सारी शंकाओं एवं भय का समाधान किया| उनके नन्हे चीकू को एक नयी मुस्कान मिली, बिलकुल निःशुल्क! चीकू खूब हंसता-खिलखिलाता है और नए लोगों से मिलकर हमेशा खुश होता है. कल्पना करें - आपकी ओर से बस एक छोटा-सा सहयोग ऐसी खूबसूरत मुस्कानों के लिए हमारी मदद कर सकता है! 2020 को खुशी के साथ विदा कहने के लिए आज ही सहयोग करें : https://bit.ly/2W34jyb