27 Apr 2018 | 1 min Read
Seema Kazi Rangnekar
Author | 17 Articles
गर्भावस्था में दांतों की समस्या कोई असाधारण बात नहीं है, इसलिए इस दौरान अपने दाँतों और मसूड़ों की देखभाल अच्छे से करना बहुत ही ज़रूरी हो जाता है |
गर्भावस्था में होर्मोनेस कम ज़्यादा होते रहते हैं, इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है | ऐसे में दांतों में लगे कीटाणुओं से मसूड़ों को खतरा रहता है और कोई न कोई मसूड़ों की बीमारी हो सकती है | इस वजह से कोख में पल रहे बच्चे की सेहत पर भी असर पड़ सकता है |
गर्भ धारण करने से पहले दांतों की सेहत का ख्याल :
गर्भधारण करने से पहले अपने दांतों और मसूड़ों का ख्याल और साफ़ सफाई रखना बहुत ज़रूरी है | दिन में कम से कम दो बार फ्लोराइड टूथपेस्ट से ब्रश करें, उसके बाद फ्लॉस करें और समय समय पर डेंटिस्ट के पास जाकर अपने दांतों का चेकअप करवाएं |
गर्भवती होने से पहले दांतों का पूरा चेकअप करवा लें | यह इसलिए क्यूंकि यदि कोई गड्ढा भरना हो या रुट कैनाल करवाना हो तो गर्भ धारण करने से पहले ही करवा लें |
दांतों की तकलीफ के कारण :
दांतों की तकलीफ के कुछ सामान्य कारण इस तरह हैं :
मसूड़ों की समस्या
मसूड़ों में जलन दूसरी तिमाही में होने लग जाती है | इसके लक्षण होते हैं सूजन, मसूड़ों से खून निकलना, खासकर ब्रश करते समय | हॉर्मोन की मात्रा बढ़ने से मसूड़ों की तकलीफ और भी बढ़ जाती है |
सुझाव: अपना टूथब्रश बदल कर नरम मुलायम ब्रश का इस्तेमाल कीजिये, हर रोज़ ब्रश कीजिये, फ्लोराइड टूथपेस्ट इस्तेमाल कीजिये, गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के तुरंत बाद अपने दांतों का चेकअप करवाइये |
उल्टियां आना
मॉर्निंग सिकनेस से आपके दाँतों का आसपास पेट में मौजूद एसिड लग जाते हैं | लगातार उल्टियां आने से दाँतों के प्राकृतिक कवच (जिसको टूथ इनेमल भी कहते हैं ) को नुक्सान पहुंच सकता है और दांतों के सड़ने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं |
सुझाव: उलटी होने के तुरंत बाद ब्रश ना करें, बल्कि सादे पानी से मुँह धोकर कुल्ला कर लें | उसके बाद फ्लोरिड माउथवाश से या तो गरारा (गार्गल) करें या फिर फ्लोराइड टूथपेस्ट को उंगली में लेकर दांत साफ़ कर लें | ब्रश करने से इनेमल को नुक्सान पहुंच सकता है, आप एक घण्टे के बाद ब्रश कर सकते हैं |
मीठा खाने की लालसा
शक्कर मिला हुआ मीठा पदार्थ दांतों को सड़ाने में भरपूर योगदान देता है |
सुझाव: कम शक्कर वाले खाद्य पदार्थ का सेवन कीजिये | स्नैक्स की जगह अधिक पौष्टिक फलों का सेवन भी किया जा सकता है | शक्कर वाली कोई भी मिठाई या पदार्थ खाने के बाद या तो ब्रश कीजिये अथवा ठीक से कुल्ला कीजिये |
ब्रश करते समय उबकाई आना
कुछ गर्भवती महिलाओं को ब्रश करते समय उबकाई आती है अथवा उलटी जैसा मन करता है
सुझाव: धीरे धीरे ब्रश कीजिये, टूथब्रश बदल कर देख सकते हैं, छोटे सर वाला ब्रश का इस्तेमाल कीजिये, या फिर ब्रश करते समय संगीत सुनिए ताकि आपका ध्यान बँट जाए |
याद रखने वाली बात
कैल्शियम की प्रचुर मात्रा आपकी हड्डियों की रक्षा करती है और आपके बढ़ते हुए शिशु को पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्व प्रदान करती रहती है | विटामिन दी से शरीर में कैल्शियम को समाने में काफी मदद मिलती है | गर्भावस्था के दौरान आप कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा कुछ पदार्थों का सेवन करके बढ़ा सकते हैं, जैसे दूध, पनीर, दही, चीज़, अंडे, फैटी मछली, इत्यादि | इतना ज्ञात हो की कैल्शियम और विटामिन डी के सप्लीमेंट की मात्रा अपने डॉक्टर से पूछ कर ही तय करें |
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