26 Mar 2019 | 1 min Read
Roop Tara
Author | 15 Articles
जब बच्चा बोलना शुरू करता है तो उसका एक एक शब्द सुनने के लिए पूरा परिवार उत्सुक रहता है। बच्चे ने कब माँ कहा और कब पहली बार पूरा वाक्य बोला, जैसे अवसरों की तारीख को याद रखा जाता है। नयी दुनिया में हर रोज़ ,हर पल नया शब्द , नया अनुभव बटोरते ये नन्हे मुन्हे बहुत ही उत्सुक और बैचैन रहते हैं। क्या , क्यों और कैसे, जैसे शब्दों से शुरू होने वाला इनका हर सवाल ,दुनिया के सारे रहस्यों को एक दिन में जान लेने के लिए बेताब रहतें हैं।
छोटे बच्चे अक्सर ऐसे सवाल पूछते हैं, जो आपको बेतुके या बेमतलब लग सकते हैं।जैसे : सूरज को सूरज क्यों कहतें है , इंद्रधनुष में सात रंग क्यों होते हैं , पौधे सिर्फ पानी क्यों पीते हैं ,खाना क्यों नहीं खाते और वगैरह वगैरह। कई बार मां-बाप बच्चों को इस बात के लिए डांटते हैं कि वो इतने सवाल क्यों पूछते हैं। मगर वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि जो बच्चे ज्यादा सवाल पूछते हैं, उनका आईक्यू लेवल सामान्य बच्चों की अपेक्षा ज्यादा तेज होता है। बच्चों के लिए दुनिया की ज्यादातर चीजें नई और अंजानी होती हैं। अगर आप बच्चों के इन बेमतलब के सवालों का जवाब प्यार से दें, तो बच्चों को जल्द ही चीजें समझ आने लगती हैं।
कभी भी बच्चों को इसलिए नहीं डांटना चाहिए कि वो बार-बार आपसे सवाल करता है। जब बच्चे सवाल पूछें तो उसमें दिलचस्पी जरूर दिखाएं। बच्चों को सवाल पूछने पर अगर आप उनका जवाब नहीं देते हैं या उन्हें डांट देते हैं, तो बच्चे हतोत्साहित होते हैं। बच्चों को अक्सर अपने आस-पास की चीजें आकर्षित करती हैं। इनमें जो चीजें उन्हें नहीं समझ आती हैं, वो अपने तरीकों से उनके उत्तर तलाशने की कोशिश करते हैं। ऐसे में जब बच्चे आपसे कोई सवाल करें, तो कोशिश करें कि उसका जवाब दें और जितना संभव हो, सही जवाब दें।
आपको हर बार बच्चों के सवालों का ही इंतजार नहीं करना चाहिए। उन्हें हमेशा नई-नई चीजों के बारे में बताते रहना चाहिए। अगर कभी किसी चीज को देख कर आपको यह लगे कि आपके बच्चे को उसके विषय में पता होना चाहिए तो उसकी दिलचस्पी उसमें पैदा करें। अगर बच्चे को नई-नई चीजों के विषय में दिलचस्पी होगी, तो उसके दिमाग का विकास भी वैज्ञानिक आधार पर होगा। ऐसे बच्चे ज्यादा बुद्धिमान होते हैं। बच्चों में नई चीजों के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है कि बचपन से ही उनके सभी सवालों का सही और तुरंत जवाब दें। इससे बच्चे और ज्यादा सवाल पूछने के लिए प्रेरित होते हैं।
हो सकता है आप जो जवाब दें, वो बच्चों को समझ न आएं। ऐसे में हार मानने के बजाय उन्हें उदाहरण देकर समझाएं। बच्चो के ज्यादातर सवाल उलझे हुए और अटपटे होते हैं मगर इसका मतलब ये नहीं है कि आपके जवाब भी उलझे हुए हों। बच्चों के किसी भी सवाल का जवाब देते समय गलत तथ्य या गलत बातों का सहारा न लें।
जब भी बच्चे सवाल करें, तो कोशिश करें कि आप उन्हें वैज्ञानिक जबाव दे पाएं, जिससे बच्चे में चीजों और उनके विज्ञान के प्रति दिलचस्पी पैदा हो। अगर आपको बच्चों के सवालों के जबाव कठिन लगते हैं या आपको उनके बारे में जानकारी नहीं है, तो किसी दोस्त-रिश्तेदार की मदद लें या इंटरनेट पर उनके साइंटिफिक उत्तर तलाशें। चाहें तो बाजार में और इंटरनेट पर बच्चों के लिए तमाम तरह के एनसाइक्लोपीडिया आते हैं, जिनमें बच्चों की जिज्ञासा से जुड़े बहुत सारे सवालों के जवाब होते हैं। जवाब देने से एक ओर तो आप दोनों के बीच रिश्ता मजबूत होगा, वहीं बच्चे को भी भरोसा होगा कि आप उसकी हर दुविधा में उसका साथ देने के लिए खड़ी हैं।
ऊपर लिखे इन ४ आसान तरीकों को अपनाकर आप अपने बच्चे के सभी सवालों का जवाब आसानी से दे सकतें है। याद रखें लगातार बच्चे का यूँ सवाल पूछना ,आपको परेशान कर सकता है। धैर्य रखें , सवाल को टालने के लिए बच्चे से झूठ और काल्पनिक उत्तर न दें। बच्चा छोटा है , कुछ नहीं समझता ये सोचकर मनघड़ंत कुछ भी जवाब देने से बचे। शुरूआती 5 वर्ष बच्चे के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते है , अतः उसके सवालों के सही जवाब देकर उसे सतुंष्ट करें।
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