14 Sep 2021 | 1 min Read
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हिंदी हमारी मातृभाषा है क्या हम अपनी इस मातृभाषा का उतना ही सम्मान करते है। जितना अन्य देश अपनी भाषाओं का, हिंदी हमारे देश की पहचान है। लेकिन कहीं ना कही हमारे मन में हिंदी को लेकर हमेशा एक संशय रहता है अगर किसी के सामने हमने हिंदी में बात कर ली तो कहीं सामाने वाला कम ना समझ ले।
आजकल के बच्चों के लिए हिंदी समझना लिखना मुश्किल हो गया। ऐसा इसलिए क्योंकि शुरुआत से ही हम बच्चों को अंग्रेजी में ही बात करने की आदत डालते है। यह सही भी है क्योंकि बच्चों की अच्छी नौकरी और पढ़ाई के लिए अंग्रेजी माध्यम आवश्यक है।
अक्सर आपने ऐसा देखा होगा कि आपका बच्चा शब्दों का गलत उच्चारण करता है। या फिर अंग्रेजी में बात करने का तरीका अलग और हिंदी में अलग ऐसा इसलिए क्योंकि बचपन में तो हम सबसे पहले मां कहना सिखाते है। बच्चों की भाषा सीखने की शुरुआत जन्म के बाद से ही होती है। बोलने से पहले बच्चों में सुनने की क्षमता विकसित होती है। बच्चा वही बोलने की कोशिश करता है जो वह सुनता है।
अक्सर ऐसा होता है कि बच्चा सभी विषयों में तेज है लेकिन हिन्दी में कमजोर जिसकी वजह से बच्चे में आत्मविश्वास की भी कमी आती है। इसलिए हिंदी का सही उच्चारण और शब्दों की पहचान अवश्य होनी चाहिए।
बहुत से बच्चे शब्दों को इस तरह से बोलते हैं
ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे सही तरीके से स्वर और व्यंजन को नहीं समझ पाते है। जिसकी वजह से बच्चों को हिंदी समझने और बोलने में कठिनाई होती है।
भाषा का विकास बच्चों में 2 से 3 साल की उम्र में होने लगता है। अगर आप इसी उम्र से हिंदी भाषा का सही उच्चारण सिखाईगीं तो बच्चा स्पष्ट हिंदी बोलेगा। किसी भी भाषा का सही उच्चारण होना आवश्यक होता है।
प्रत्येक भाषा का अपना अलग महत्व है लेकिन हिंदी भाषा दुनिया में अपनी विशेष पहचान बनाए हुए है। क्यों ना इस हिंदी दिवस नए तरीके से बच्चों को हिन्दी भाषा की पहचान करवाए।
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