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कहीं आप भी इन्हें सिर्फ ऑटिज्म के लक्षण तो नहीं समझते?

कहीं आप भी इन्हें सिर्फ ऑटिज्म के लक्षण तो नहीं समझते?

4 Apr 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

ऑटिज्म के मामलों के चलते नए पेरेंट्स के मन में अपने शिशु को लेकर डर बना रहता है। अगर शिशु अपने ग्रोथ ईयर्स में समय पर बोलना शुरू ना करे या आंखों से आंखें ना मिलाए, तो माता-पिता परेशान हो जाते हैं। सतर्क पेरेंट्स का परेशान होना लाजमी है। लेकिन जिन्हें आप ऑटिज्म के संकेत मान बैठते हैं, वो कई मामलों में बच्चे के विकास की सामान्य गति होती है।

अगर कोई समस्या हो भी, तो जरूरी नहीं कि वो ऑटिज्म ही हो। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम न्यरोलॉजिकल विकारों का समूह है, जिसके बहुत सारे लक्षण बच्चे में दिखाई देते हैं। कई बार अन्य विकास संबंधी विकार भी ऑटिज्म के लक्षण जैसे लगते हैं, लेकिन वो होते नहीं हैं। इस लेख में उन्हीं लक्षणों पर चर्चा होगी, जिन्हें ऑटिज्म का संकेत मान लिया जाता है। 

  1. देर से बोलना शुरू करना

हां, ये सच है कि ऑटिस्टिक बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं और कई बार तो वो बोलना भी नहीं सीख पाते। अगर आपका बच्चा सामान्य रूप से विकसित हो रहा है, बस उसे बोलने में थोड़ी देरी हो रही है, तो शायद यह ऑटिज्म का लक्षण न हो। 

बोलने में देरी के कई कारण होते हैं, जैसे  वाचाघात (aphasia)। इसमें मस्तिष्क के उस हिस्से में दिक्कत होना जिससे भाषा नियंत्रित होती है। बच्चे को कम सुनाई देने पर भी वो बोलना देरी से सिखता और शुरू करता है। किस तेजी से बच्चा भाषा सिखता है, ये भी हर बच्चे पर निर्भर करता है।

हो सकता है कि कुछ समय के बाद बच्चा बोलना शुरू करे या उसके भाषा सीखने की गति बढ़े। लेकिन अगर यह दिक्कत बनी रहती है, तो चिकित्सक से मदद लेना शुरू करें। 

  1. अलग शौक रखना

दूसरे बच्चों के मुकाबले आपका बच्चा कुछ अलग शौक रखता है, तो फिक्र मत कीजिए, ये सामान्य हो सकता है। कम उम्र में कोई गेम बना लेना या साइंस के सभी मुश्किल प्रोजेक्ट आसानी से कर लेना, ऑटिज्म की ओर संकेत नहीं करते। हां, ऑटिज्म का शिकार होने वाले बच्चे विशेष प्रतिभा रखते हैं, लेकिन ये बच्चों में ऑटिज्म के लक्षण में से ही एक हो जरूरी नहीं। हो सकता है आपका बच्चा बुद्धिमान और क्रिएटिव हो।

ऑटिज्म की ओर संकेत ना करने वाले लक्षण - Red flags which don't indicate autism
लिखने की कोशिश करती बच्ची / स्रोत – फ्रीपिक
  1. बुलाने पर जवाब न देना

शिशु वैसे तो सही से बुलाने पर प्रतिक्रिया देता है, लेकिन जब वो पीठ फेरकर बैठा हो, तो वो आपकी आवाज का जवाब नहीं देता? ये सिर्फ बच्चों में ऑटिज्म के लक्षण की ओर इशारा नहीं करता, बल्कि सेन्सरी प्रोसेसिंग डिसऑर्डर (SPD) के कारण भी होता है।

एसपीडी में बच्चा किसी विषय या वस्तु पर बहुत ध्यान लगाता है, लेकिन इस दौरान वो न तो बोलता है, न किसी दूसरे व्यक्ति से आंखें मिलाता है। अगर आपका बच्चे के साथ ऐसा नहीं है, तो हो सकता है कि वो किसी दूसरे काम में पूरी तरह से डूबा हुआ है या फिर उसे हेयरिंग लॉस की दिक्कत है। 

इसे ऑटिज्म का लक्षण समझकर परेशान होने की जगह चिकित्सक से मिलकर शिशु की इस दिक्कत के बारे में तुरंत बात करनी चाहिए।

  1. 6 साल के बाद कोई लक्षण दिखना

बच्चों में ऑटिज्म के लक्षण 3 साल के अंदर ही बच्चे में दिखने शुरू हो जाता हैं। अगर आपके बच्चे में 6 साल की उम्र के बाद कोई ऑटिज्म से मिलते-जुलते लक्षण दिख रहे हैं, तो उसकी वजह कुछ और हो सकती है। आपका बच्चा अबतक सही से विकसित हुआ और उसने सामान्य व्यवहार किया है, तो दिखने वाले लक्षण ऑटिज्म के नहीं हो सकते। 

  1. अकेले रहना पसंद करना

ऑटिस्टिक बच्चों को अकेले रहना अच्छा लगता है, यह बात एकदम सच है। मगर ऐसा बिल्कुल नहीं है कि सिर्फ ऑटिस्टिक बच्चे ही एकांत प्रेमी हों। कई बच्चे और वयस्क अकेले रहना पसंद करते हैं। इसकी वजह शर्मीलापन या भीड़, शोर के मुकाबले चुपचाप शांत वातावरण को तरजीह देना हो सकता है। अगर आपको बच्चे में एकांत रहने के साथ ही दूसरे संकेत भी दिख रहे हैं,  तो डॉक्टर से संपर्क करें। 

आपके बच्चे में ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी एक या दो लक्षण नजर आते हैं, तो जरूरी नहीं की वो ऑटिज्म हो। हां, इस संबंध में डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। साथ ही दो से अधिक ऊपर बताए गए लक्षण दिखने पर बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है।

कई बार तो प्रेग्नेंसी में ऑटिज्म का पता लगा जाता है। अगर आपने अपनी गर्भावस्था के दौरान ऐसा कुछ महसूस नहीं किया है, तो ये संकेत किसी दूसरी परेशानी की ओर संकेत कर सकते हैं। इसी वजह से समय पर चिकित्सक से मिलना ही समझदारी होगी।

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