• Home  /  
  • Learn  /  
  • मासूम मीनावाला हैं 6 मंथ प्रेग्नेंट, जानें छठे महीने में गर्भवती महिलाओं को किन बातों का रखना चाहिए ख्याल
मासूम मीनावाला हैं 6 मंथ प्रेग्नेंट, जानें छठे महीने में गर्भवती महिलाओं को किन बातों का रखना चाहिए ख्याल

मासूम मीनावाला हैं 6 मंथ प्रेग्नेंट, जानें छठे महीने में गर्भवती महिलाओं को किन बातों का रखना चाहिए ख्याल

25 Jul 2022 | 1 min Read

Mona Narang

Author | 163 Articles

फेमस डिजिटल कंटेंट क्रिएटर और फैशन इंफ्लूएंसर मासूम मीनावाला अपने शानदार स्टाइल स्टेटमेंट के लिए आए दिनों खबरों में बनी रहती हैं। बीते दिनों उन्हें कांस फिल्म फेस्टिवल में ‘मोस्ट ऑथेंटिक फैशन इन्फ्लुएंसर’ अवार्ड से नवाजा गया था। लेकिन इस बार वह अपने फैशन सेंस के लिए नहीं बल्कि प्रेग्नेंसी को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। प्रेग्नेंसी के छठे महीने में मासूम ने इंस्टाग्राम पर बहुत क्यूट वीडियो शेयर कर फैंस संग गुडन्यूज शेयर की है।

इस वीडियो में सबसे पहले मासूम अपने पति के साथ बेबी बंप फ्लॉन्ट करती नजर आ रही हैं। इसके बाद उन्होंने अपने परिवार के लोगों व दोस्तों से उनकी प्रेग्नेंसी को लेकर जो रिएक्शन्स थे, उन्हें जोड़ा है। मासूम का प्रेग्नेंसी एनाउंसमेंट का यह वीडियो काफी क्यूट और इमोश्नल करने वाला है। इस वीडियो के कैप्शन में उन्होंने प्रेग्नेंसी का छठा महीना चल रहा है, यह भी जानकारी दी है। लेख में आगे गर्भवती महिलाओं को छठे महीने में किन-किन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए, इसके बारे में जानेंगे।

प्रेग्नेंसी के छठे महीने में प्रेग्नेंट महिलाएं किन बातों का रखें ध्यान

इस बात से सभी अच्छे से वाकिफ होंगे कि प्रेग्नेंसी को तीन तिमाही में बांटा गया है। प्रेग्नेंसी का छठा महीना लगते ही दूसरी तिमाही के खत्म होने का समय नजदीक आने लगता है। गर्भावस्था के 21वें सप्ताह से 24वें सप्ताह तक गर्भवती को किन-किन चीजों का अनुभव होता है व किन बातों का ध्यान रखना होता है, नीचे इसकी सम्पूर्ण जानकारी साझा कर रहे हैं:

मासूम मीनावाला प्रेग्नेंसी के छठे महीने में
मासूम मीनावाला प्रेग्नेंसी न्यूज/चित्र स्रोत: फ्रीपिक

1. प्रेग्नेंसी के छठे महीने में महिलाओं को एडिमा यानी सूजन की समस्या होने लगती है। ऐसा शरीर द्वारा शिशु के विकास के लिए दिन-रात काम करने की वजह से होता है। इस दौरान गर्भवती के शरीर में खून का उत्पादन 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इस वजह से गर्भवती महिलाओं में सूजन की दिक्कत होने लगती है, जो ज्यादातर पैरों और हाथों में होती है।

गर्भावस्था के छठे महीने में महिलाओं को एक पोजीशन में नहीं बैठना चाहिए। न ही उन्हें अधिक समय के लिए खड़ा होना चाहिए और न ही बैठना। कोशिश करें कुछ देर बैठें व कुछ देर खड़े होकर काम करें। कुछ देर वॉक करें। ऐसा करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगा और सूजन कम होने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, एक्सपर्ट की देखरेख में प्रेग्नेंसी योग करें। इससे भी सूजन में काफी राहत मिलेगी।

2. छठे महीने में गर्भवती का बेबी बंप काफी बढ़ जाता है। इससे पेट के नीचले हिस्से पर दबाव पड़ता है, जिससे कई गर्भवती महिलाओं को कब्ज की परेशानी होने लगती है। इस समस्या से बचाव के लिए फाइबर युक्त चीजों का सेवन करने के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। इसके साथ ही जिन महिलाओं को ज्यादा दिक्कत है, वो डॉक्टर से परामर्श कर दवा का सेवन कर सकती हैं।

3. गर्भावस्था के छठे महीने लगने के साथ महिलाएं पीठ दर्द की शिकायत कर सकती हैं। ऐसा शरीर द्वारा शिशु के विकास के लिए जरूरी हार्मोन के विकास के कारण हो सकता है। इसके अलावा, शिशु का बढ़ता वजन भी मांसपेशियों पर दबाव पैदा कर पीठ दर्द को ट्रिगर कर सकता है। इससे बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं को अपने पॉश्चर का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। साथ ही नियमित रूप से प्रेग्नेंसी सेफ एक्सरसाइज करने से भी पीठ दर्द को दूर किया जा सकता है।

4. गर्भ में बच्चे के बढ़ने के साथ महिलाओं को अधिक भूख लग सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्भवती का शरीर इस दौरान डबल काम कर रहा होता है, जिसके लिए अधिक एनर्जी की जरूरत होती है। एनर्जी के लिए गर्भवती को अधिक कैलोरी की आवश्यकता होगी और यही वजह है कि गर्भवती को ज्यादा भूख लगने लगती है। इसलिए, अधिक भूख लगने को लेकर परेशान न हों। हां, खान-पान की आदतों का ध्यान रखें। इस समय जंक खाने की क्रेविंग होगी, लेकिन खुद पर नियंत्रण कर हेल्दी ऑप्शन्स को आहार में शामिल करें। इससे बच्चे को भी फायदा होता है।

5. कुछ महिलाओं को 6 महीने लगने पर अनिद्रा की समस्या होती है। बच्चे का रात को किक करने से, माँ की नींद डिस्टर्ब हो सकती है। वहीं, कुछ महिलाओं का रात के समय बार-बार पेशाब जाना परेशान का सबब बन सकता है। ऐसा गर्भाशय का मूत्राशय पर पड़ने वाले दबाव के कारण होता है। इससे भी गर्भवती महिला की नींद खराब होती है। ऐसे में गर्भवती महिला दिन के समय या सुबह देर तक सोने की कोशिश करें। क्योंकि गर्भवती महिला के स्वास्थ्य व गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए, माँ का नींद पूरा करना भी बेहद जरूरी होता है।

6. वर्किंग प्रेग्नेंट महिलाओं को हाथों व पैरों में झनझनाहट महसूस हो सकती है। ऐसा दिनभर सिस्टम के आगे एक ही पोजीशन में बैठे रहने के कारण हो सकता है। इस दौरान गर्भवती महिला के शरीर में रक्त संचार बढ़ा होता है। ऐसे में बेहतर होगा कि गर्भवती महिला हर घंटे अपनी कुर्सी से उठकर दफ्तर का एक चक्कर काट कर आएं।

7. छठा महीना लगने पर बच्चे का विकास सही हो रहा है या नहीं, यह पता लगाने के लिए गर्भवती महिला के कुछ जरूरी टेस्ट किए जाते हैं। इसे लेकर किसी तरह की लापरवाही न बरतें। समय पर डॉक्टर को दिखाएं और अपने टेस्ट कराएं।

ये थी कुछ महत्वपूर्ण बातें जिनका प्रेग्नेंसी के छठे महीने में गर्भवतियों को ध्यान रखना चाहिए। उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। इसके साथ ही फैशन ब्लॉगर मासूम मीनावाला को बेबीचक्रा की टीम की तरह से ढेरों शुभकामनाएं।

Feature Image Source: Instagram

ये भी पढ़ें:

गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में क्या है आपके लिए पौष्टिक आहार?

हर माँ के लिए ज़रूरी हैं दूसरी तिमाही में ब्लड, यूरिन और ये स्क्रीनिंग टेस्ट

प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में शरीर में क्या बदलाव होते हैं?

A

gallery
send-btn

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.