27 Jul 2022 | 1 min Read
Mona Narang
Author | 163 Articles
बच्चों के साथ मॉनसून ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो पैरेंट्स को ढेरों सावधानियां बरतने की जरूरत होगी। क्योंकि इस सुहाने मौसम में पैरेंट्स बच्चों को खेलने व मस्ती करने से रोक भी नहीं सकते और इस समय वायरल बीमारियों का खतरा सबसे अधिक होता है।
पैरेंट्स यह भी चाहते हैं कि उनका बच्चा एंजॉय करें लेकिन बीमार भी न पड़े, तो इस बीच बैलेंस बनाना उनके लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है। आपकी इस टेंशन को दूर करने के लिए लेख में हम कुछ मॉनसून ट्रैवल टिप्स शेयर कर रहे हैं, जिन्हें फॉलों कर आप बच्चों को सुरक्षित रखने के साथ छुट्टियों को भरपूर एंजॉय कर सकेंगे।
नीचे कुछ टिप्स शेयर कर रहे हैं, जिन्हें फॉलो कर आप बच्चों के साथ मॉनसून ट्रिप का भरपूर आनंद ले पाएंगे। आइए जानते हैं मॉनसूट ट्रिप पर जाने से पहले पैरेंट्स को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बच्चों की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है, जिस वजह से बरसात के मौसम में वो सबसे पहले संक्रमण की चपेट में आते हैं। डॉक्टर बच्चों को मॉनसून से पहले फ्लू वैक्सीन लगवाने के लिए कहते हैं। ऐसे में अपने बच्चे के डॉक्टर से बात कर और ट्रिप पर जाने से पहले उन्हें फ्लू की वैक्सीन जरूर लगवा दें।
बच्चों के साथ मॉनसून ट्रिप जाने से पहले बच्चे के डॉक्टर से जरूर मिलें। बच्चे के चेकअप के साथ डॉक्टर से इमरजेंसी की स्थिति के लिए कुछ एंटीबायोटिक्स, एसिडिटी, सर्दी-खांसी, पेट संबंधी दवाओं के नाम लिखवा लें। ट्रिप के दौरान बच्चे का खास ख्याल रखें। शुरुआती लक्षण दिखते ही तुरंत उन्हें दवा खिलाएं। ट्रिप की पैकिंग करते वक्त एक फर्स्ट एड किट बनाकर जरूर साथ रखें।
बारिश के मौसम में मच्छरों के आतंक से बच्चे को कैसे बचाया जाए, माता-पिता को इसकी पूरी तैयारी करनी होगी। इसके लिए बेबी सेफ मॉस्किटो रिपलेंट स्प्रे कैरी करें। बच्चे को सुबह और शाम दोनों समय इस स्प्रे को लगाएं।
इसके अलावा, बच्चे के कपड़े, खिलौनों व बेड के आस-पास मॉस्किटो रिपलेंट पैचेज लगाएं। ये भी शिशु को मच्छर से सुरक्षित रखने में बेहद असरदार हैं।
यदि बच्चे को मच्छर ने काट लिया है और प्रभावित जगह पर सूजन या लाली आ गई है, तो बेबीचक्रा आफ्टर बाइट रोल ऑन लगाने से उन्हें काफी राहत मिल सकती है।
मॉनसून ट्रिप की पैकिंग करते समय उसमें वेपर पैच रखना न भूलें। पानी में खेलने कूदने से अक्सर बच्चे सर्दी-जुकाम के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में बच्चे की बंद नाक को मिनटों में वेपर पैच से काफी आराम मिलेगा।
वेकेशन के दौरान बच्चा स्ट्रीट फूड खाने की जिद करेगा, लेकिन उसे बाहर का खाना न खाने दें। बच्चों को मॉनसून में होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए इस बात का आपको सख्ती से पालन करना होगा। खाना खाते समय सुनिश्चित करें कि रेस्टोरेंट साफ-सुथरा हो। ऐसा इसलिए क्योंकि मानसून में खाने में बैक्टीरिया बहुत तेजी से पनपते हैं और इससे डायरिया का जोखिम रहता है।
ट्रैवलिंग के दौरान बच्चे को भूख लगी है और आस-पास कोई रेस्टोरेंट भी नहीं है, तो लोकल फूड खिलाने की जगह अपने पास हेल्दी स्नैक्स लेकर जाएं। हेल्दी स्नैेक्स में आप फ्रूट्स, ड्राई फ्रूट्स और सीड्स पैक कर सकते हैं।
ट्रैवलिंग के दौरान कई ऐसी जगह होंगी जहां आप हैंडवॉश नहीं कर सकते। जैसे आप ट्रेन या बस में हैं। ऐसे में बच्चे को कुछ भी खिलाने से पहले उनकी हाथों को कीटाणुमुक्त करने के लिए सैनिटाइजर कैरी करें। ध्यान रखें बच्चों के लिए अपने सैनिटाइजर का इस्तेमाल न करें। उनके लिए बेबी सेफ सैनिटाइजर ही खरीदें।
ट्रिप के लिए बच्चों के फुल कपड़े रखें। जैसे पैंट्स, फुल स्लीव्स शर्ट, फुल स्लीव्स टॉप आदि। इससे बच्चों को मच्छर व अन्य कीड़ों से सुरक्षित रखा जा सकता है। साथ ही बारीश के मौसम में ठंडक होती है तो पूरे कपड़ों में बच्चों को थोड़ी गर्माहट महसूस होगी। कपड़ों के साथ-साथ उनके फुटवियर भी कवर्ड रखें। जैसे सैंडल्स की जगह शूज पैक करें।
बच्चों को मॉनसून ट्रिप एंजॉय कराने के साथ उन्हें कैसे सुरक्षित रखना है, यह आप लेख में जान चुके हैं। तो अब बिना स्ट्रेस लिए बनाएं बच्चों के साथ मॉनसून ट्रिप का प्लान।
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