नवजात शिशु को हिचकी क्यों आती है?

नवजात शिशु को हिचकी क्यों आती है?

19 Apr 2023 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

 नवजात शिशु को हिचकी आने पर न्यू मॉम के लिए चिंता का विषय बन जाता है कि यह नॉर्मल है कि नहीं। लेकिन सच तो यह है कि इस बात को लेकर टेंशन करने की कोई जरूरत नहीं है, यह प्रक्रिया नॉर्मल होती है। यहाँ तक कि गर्भ में भी शिशु हिचकी लेते हैं, वह भी सामान्य प्रक्रिया होती है। जिस तरह से बड़ों को हिचकी आने पर प्रॉबल्म होता है, वैसे ही शिशु को भी हिचकी आने पर असुविधा होती है। 

लेकिन यह बात समझने की जरूरत है कि नवजात शिशु को हिचकी आता क्यों है या हिचकी आने पर क्या करने से बच्चे को इस समस्या से आराम मिलेगा। इसके अलावा शिशु को हिचकी न आए, इससे बचाने के लिए किन तरीकों को अप्लाई करना चाहिए? हम समझते हैं कि ऐसे कई सवाल न्यू मॉम के मन में आता होगा, इसलिए आज हम नवजात शिशु को हिचकी क्यों आती है, इसके बारे में आगे बात करेंगे।

नवजात शिशु को हिचकी क्यों आती है?। Causes of Hiccups in New Born Babies in Hindi

शायद आपको पता नहीं कि हिचकी शिशु के मस्तिष्क के विकास और सांस लेने के लिए जरूरी होता है। यह उसके पहली आदत में शामिल होता है। वैसे भी हिचकी पर शिशु क्या बड़ों का भी कंट्रोल नहीं होता है। 

असल में हिचकी एक रिफ्लक्स होता है, यह तब होता है जब डायाफ्राम के कारण वोकल कॉर्ड्स के खुलने और बंद होने के कारण होता है। आम तौर पर ये खाने-पीने के समय होता है।

शिशुओं में हिचकी आना आम बात है। नवजात शिशुओं को अक्सर हिचकी आती है, जो इस बात का संकेत देता है कि बच्चा स्वस्थ है और सही तरह से उसका विकास हो रहा है।

नवजात शिशु को हिचकी आने पर क्या करना चाहिए?
नवजात शिशु को हिचकी आने पर क्या करना चाहिए?/चित्र स्रोत: फ्रीपिक

नवजात शिशु को हिचकी आने पर क्या करना चाहिए?। What to do When baby has Hiccups in Hindi

आम तौर पर बच्चों को हिचकी आने पर बड़ो जैसा प्रॉबल्म नहीं होता है, लेकिन हिचकी आने पर खाना-पीना मुश्किल हो जाता है। आमतौर पर, हिचकी की समस्या 5-10 मिनट के भीतर अपने आप चली जाती है, जिसके कारण उपचार करना उतना जरूरी नहीं होता है।

अगर कुछ मिनटों के बाद भी शिशु को हिचकी आना बंद नहीं हो रहा है तो इन उपायों को आजमा सकते हैं-

  • शिशु को दूध पिलाने पर डकार दिलाने से हिचकी आने की संभावना को कम किया जा सकता है। क्योंकि डकार दिलाने से अतिरिक्त गैस पेट में से निकल जाता है।
  • यदि आप ध्यान दें कि आपका बच्चा हमेशा दूध पिलाने के दौरान हिचकी लेता है, तो हो सकता है कि आप उसे बहुत जल्दी दूध पिला रही हों। दूध पिलाने की गति धीमी करने से आपके बच्चे को हिचकी आने की संभावना कम हो सकती है।
  • जब आपका बच्चा शांत हो तभी दूध पिलाएं। बच्चे को भूख लगने और रोने से पहले उसे दूध पिलाने की कोशिश करें। यदि आपका बच्चा दूध पिलाने के दौरान परेशान है, तो दूध पिलाने के दौरान अन्नप्रणाली (esophagus)में जलन हो सकती है।
  • बोतल से दूध पिलाने के समय बोतल के निप्पल में दूध भरा होना चाहिए। बच्चे को दूध पिलाने से पहले निप्पल में हवा कम करें। अतिरिक्त हवा हिचकी को बदतर बना सकती है।
  • बच्चे के लिए निप्पल का साइज सही होना चाहिए। यदि आप बोतल से दूध पिलाती हैं, तो सुनिश्चित करें कि  निप्पल का प्रवाह आपके बच्चे के लिए बहुत तेज या बहुत धीमा नहीं होना चाहिए।
  • ब्रेस्टफीडिंग के दौरान लैच अच्छी तरह से होना चाहिए, इससे हिचकी होने की संभावना कम हो जाती है।

यदि आपके शिशु ने बहुत लंबे समय से हिचकी लेना बंद नहीं किया है या यदि वह हिचकी लेते समय असहज महसूस करता है, तो आपको डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता हो सकती है।

एक्सपर्ट टिप्स- नवजात शिशु को हिचकी आने पर क्या करना चाहिए यह तो जान लिया लेकिन बच्चे को दूध पिलाने के बाद हाथ धोना भी बहुत जरूरी होता है, यह कभी भूलना नहीं चाहिए। और डकार दिलाने के समय अगर बच्चे दूध उगलता है तो बेबी वाटर वाइप्स से साफ करना चाहिए।

A

gallery
send-btn

Related Topics for you

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.