14 Apr 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
गर्भवती महिलाओं में प्रसव के बाद गंभीर रक्तस्राव की समस्या भी देखी जा सकती है। जिसे मेडिकल टर्म में हीमोफिलिया कहा जाता है। खासतौर पर नार्मल डिलीवरी के दौरान हीमोफिलिया की समस्या अधिकतर देखी जा सकती है। ऐसे में प्रसव के बाद हीमोफीलिया बीमारी से बचने के लिए क्या किया जाना चाहिए व किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, इसकी जानकारी होनी जरूरी है।
इसी की जानकारी के लिए यहां पढ़ें हीमोफीलिया बीमारी क्या है,हीमोफीलिया के कारण, लक्षण के साथ ही इसके निदान व उपचार की जानकारी भी।
हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी (Hemophilia in Hindi) है, जिसे गंभीर रक्तस्राव विकार कहा जाता है। यह एक आनुवांशिक बीमारी है। यानी अगर किसी परिवार में हीमोफीलिया बीमारी का इतिहास है, तो यह उनके बच्चों में भी हो सकता है। यही कारण है कि अगर किसी महिला को प्रसव के बाद हीमोफीलिया यानी गंभीर रक्तस्राव की समस्या होती है, तो यह उसे उसके परिवास से मिली विरासत बीमारी के कारण हो सकता है।
इसके अलावा, ऐसी महिलाओं या लोगों में छोटी-मोटी चोट, सर्जरी या त्वचा के कटने-छिलने पर भी गंभीर रक्तस्राव हो सकता है और उनके चोट से खून सामान्य से अधिक बह सकता है।
दरअसल, शरीर में रक्त के थक्के बनाने में एक खास तरह के प्रोटीन की भूमिका होती है। वहीं, अगर शरीर में उस प्रोटीन का निर्माण न हो या उसका उत्पादन प्रभावित हो जाए, तो ऐसी स्थिति में रक्त के थक्के बनने कम हो सकते हैं और हीमोफीलिया हो सकता है।
हीमोफिलिया के प्रकार विभिन्न हो सकते हैं, जिनमें से इसके दो प्रकार सबसे मुख्य व आम माने जाते हैंः
अगर किसी महिला को जन्म से ही हीमोफीलिया बीमारी है या गर्भावस्था के दौरान उसे हीमोफीलिया होता है, तो इसके कारण प्रसव के दौरान उसके शरीर से अधिक मात्रा में रक्तस्राव हो सकता है। अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या नॉर्मल डिलीवरी व सी-सेक्शन दोनों ही तरह के प्रसव में हो सकती है।
इसके अलावा, प्रसव के बाद हीमोफीलिया होने से नई माँ में निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं, जैसेः
हीमोफीलिया के कारण (Causes Of Hemophilia In Hindi) निम्नलिखित हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
सामान्य से अत्यधिक रक्तस्राव होना ही हीमोफीलिया के लक्षण का पहला संकेत माना जाता है। इसके अलावा भी हीमोफीलिया के लक्षण निम्नलिखित होते हैं, जैसेः
हीमोफीलिया का निदान (Diagnosis Of Hemophilia In Hindi) करने के लिए स्वास्थ्य चिकित्सक निम्नलिखित विधियों को अपना सकते हैंः
हीमोफीलिया का इलाज करने के लिए निम्नलिखित उपचार मौजूद हैंः
नोटः गर्भावस्था के दौरान हीमोफीलिया का इलाज करने के लिए डॉक्टर किस प्रकार के उपचार की सलाह देंगे, यह गर्भवती महिला के स्वास्थ्य, उसके लक्षणों और गर्भावस्था के चरण पर आधारित हो सकता है। इसलिए, बेहतर होगा कि गर्भधारण करने से पहले ही हीमोफीलिया का निदान कराएं और उसका उचित इलाज कराएं।
अगर गर्भवती महिला को पहले से ही हीमोफीलिया है या उसे गर्भावस्था के दौरान हीमोफीलिया होता है, उसे निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे वह अपने साथ ही अपने शिशु की सेहत को भी बेहतर बनाए रख सकती है।
इन बातों के साथ ही, अगर गर्भवती महिला को छोटी-मोटी चोट लगने के बाद लंबे समय तक खून बहता है या बिना किसी चोट के नाक से खून बहता है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और तुरंत प्रभाव से इसका उपचार कराना चाहिए।
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