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प्रेग्नेंसी में डेंटल हाइजीन पर दें ध्यान, इससे भी पड़ता है गर्भावस्था पर असर

प्रेग्नेंसी में डेंटल हाइजीन पर दें ध्यान, इससे भी पड़ता है गर्भावस्था पर असर

25 May 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

गर्भावस्था में मौखिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना और महत्वपूर्ण हो जाता है। जी हां, प्रेग्नेंसी अपने साथ मसूड़ों और दाँतों से जुड़ी समस्याएं अपने साथ लेकर आती है। इस दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव के चलते ये सबकुछ होता है। अगर इस पर गौर न किया जाे, तो गर्भस्थ शिशु का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। बस तो आगे प्रेग्नेंसी में डेंटल हाइजीन क्यों जरूरी है।

गर्भावस्था और ओरल हेल्थ

प्रेगनेंसी में होने वाले हार्मोनल बदलाव बहुत-सी दिक्कतों के संग डेंटल प्रॉब्लम भी लेकर आते हैं। अगर प्रेग्नेंसी से पहले ओरल हेल्थ को आपने अनदेखा किया है, तो इसकी आशंका और बढ़ जाती है। डेंटिस्ट निशा ओझा बताती हैं कि लगभग 74 प्रतिशत महिलाओं को गर्भावस्था में पेरियोडोंटल बीमारियां होती हैं। इसलिए गर्भावस्था के समय ओरल हेल्थ व डेंटल हाइजीन पर ध्यान देना और जरूरी होता है।

डॉक्टर निशा ओझा के अनुसार, गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी में कभी भी रुटीन चेकअप और क्लीनअप करवा सकती हैं। लेकिन, प्रेगनेंसी में दांतों से जुड़े बड़े ट्रीटमेंट करवाने का सही समय सेकंड ट्राइमेस्टर होता है।

गर्भावस्था के दौरान होने वाली सबसे आम ओरल डिजीज कौन-सी हैं?

  • गर्भावस्था के कारण पेरियोडॉन्टल बीमारियां जैसे मसूड़ों में सूजन (Gingivitis)
  • खाने की आदतों में बदलाव के कारण गर्भवती महिलाओं को कैविटी का खतरा
  • गर्भवती महिलाओं के दाँतों में प्लाक बिल्ड अप ज्यादा हो सकता है। 
  • मसूड़े के ऊतक में अल्सर
  • गर्भावस्था ग्रेन्युलोमा (छोटे हिस्से में सूजन)
  • दांतों का ढीला होना
  • मुंह का सूखापन (Mouth dryness)
  • दांतों को क्षति व दांतों में सड़न
प्रेग्नेंसी में डेंटल हाइजीन
प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ बनाए रखती महिला / स्रोत – पिक्सेल्स

प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ पर ध्यान न देने से होने वाली दूसरी दिक्कतें

गर्भावस्था में ओरल हेल्थ पर गौर नहीं किया जाए, तो गर्भवती महिला के साथ ही शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए, इनके बारे में जानें –

समय से पहले जन्म

कुछ अध्ययनों से पता चला है कि मसूड़े की बीमारी और समय से पहले बच्चे के जन्म के बीच सीधा संबंध है। एक अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि पुरानी मसूड़ों की बीमारी वाली गर्भवती महिलाओं में समय से पहले (सप्ताह 37 से पहले) बच्चों को जन्म देने आशंका स्वस्थ मसूडों वाली महिलाओं के मुकाबले चार से सात गुना अधिक थी। इसलिए प्रेगनेंसी में ओरल हाइजीन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

शिशु का वजन कम होना

आपको जानकार हैरानी होगी कि पीरियडोंटल डिजीज को प्रेग्नेंसी में लो बर्थ वेट का कारण भी माना जाता है। जन्म के समय बच्चे का वजन कम होने से उसके पूरे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। हालांकि, स्तनपान कराने और सही देखभाल से यह समस्या खत्म हो जाती है।

बैक्टीरिया से संक्रमित होना

सीडीसी में मौजूद जानकारी के अनुसार, जिन महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद कैविटी होती है, उनसे ये बैक्टीरिया नवजात तक पहुंचते हैं। इससे बचपन से ही बच्चे के दांतों में कैविटी की दिक्कत होने लगती है।

महिला को ओरल ट्यूमर

प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ पर ध्यान न देने से नॉन कैसरियस ट्यूमर हो सकता है। इससे खाना-पीना मुश्किल होने लगता है। गर्म पेय पीने, ठंडा पेय पीने और चबाने में दिक्कतें होती हैं। ”ट्यूमर” शब्द पढ़कर चिंता न करें। ये कैंसर नहीं बनते और न ही फैल सकते हैं। 

इसमें कोई शक नहीं कि गंभीर मसूड़ों के संक्रमण मातृत्व की यात्रा को अप्रिय बना सकते हैं। इसी वजह से प्रेगनेंसी में डेंटल हाइजीन पर गौर करना आवश्यक है। समय-समय पर डेंटिस्ट से चेकअप करवाते रहें और प्रेगनेंसी की वजह से डेंटिस्ट के अपॉइन्टमेंट की तारीख को आगे न बढ़ाएं। गर्भावस्था में दांतों की सफाई या अन्य कार्य सुरक्षित माने जाते हैं। बस डॉक्टर को अपनी गर्भावस्था के बारे में जरूर बताएं। 

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