गर्दन का व्यायाम-
गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होने से प्रतिदिन के कार्यों में गर्भवती स्त्री को आसानी होती है।
गर्दन का व्यायाम करने के लिए किसी चटाई आदि पर पालथी मारकर बैठ जाएं। अपना शरीर खिंचा हुआ, कंधे ऊपर, कमर सीधी तथा सिर और गर्दन एक ही दिशा में होने चाहिए। गर्भवती स्त्री को सबसे पहले सिर को नीचे और आगे की इस प्रकार झुकाना चाहिए कि ठोड़ी जाकर छाती से मिल जाए। फिर धीरे से सिर को उठाना चाहिए तथा मुंह को खोल देना चाहिए। इस क्रिया को कुछ देर तक करते रहना चाहिए। फिर कुछ समय के बाद धीरे-धीरे अपनी गर्दन को नीचे लाकर मुंह को बन्द करना चाहिए। इस क्रिया के द्वारा गर्दन की सभी मांसपेशियों का व्यायाम पूरा हो जाता है। इस व्यायाम को रोजाना धीरे-धीरे 5 बार करना चाहिए।
गर्दन के दूसरे व्यायाम में इसी स्थिति में गर्दन को दाहिनी ओर मोड़कर अपनी ठोड़ी को पहले दाहिनी ओर कंधे के ऊपर लाना चाहिए। ऐसी स्थिति में कुछ समय समय तक रुके रहें। इसके बाद धीरे-धीरे बीच में लाएं तथा फिर बाएं कंधे की ओर जाना चाहिए। इस क्रिया से गर्दन के दोनों ओर की मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है। गर्दन के एक दूसरे व्यायाम में गर्दन को ऊपर की ओर उठाकर छत की ऊपर देखना चाहिए। ऐसी स्थिति में कम से कम 10 सेकेण्ड तक रहना चाहिए। फिर गर्दन को सामने की ओर लाकर 5 सेकेण्ड तक रोके रहते हैं। इसके बाद गर्दन को नीचे की ओर करते हैं ताकि ठोड़ी, छाती से छू जाए। इस क्रिया को 10 सेकेण्ड तक बारी-बारी से 5 बार करना चाहिए। अगले व्यायाम में गर्दन को दाहिनी ओर घुमाते हैं ताकि कान कंधों से छूने लगे। इस स्थिति में 10 सेकेण्ड तक रहना चाहिए। इसके बाद गर्दन को बीच में लाते हैं। इसी प्रकार अब गर्दन को बाईं तरफ ले जाएं और 10 सेकेण्ड तक गिनती करनी चाहिए। इसे प्रतिदिन 5 बार करना चाहिए।और इस बारे में डाक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए।
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Isha Pal
Thanks for sharing.. helpful post