☑चन्दन का वानस्पतिक नाम सैंटलम एल्बम एल (सैंटलेसिया) तथा इसे आमतौर पर भारतीय सैंडलवुड के नाम से जाना जाता है। यह औषधीय और वाणिज्यिक महत्व युक्त वृक्ष प्राकृतिक सुगंध से युक्त है। सैंडलवुड और सैंडल हर्टवुड का उपयोग चिकित्सा की विभिन्न पारंपरिक प्रणालियों जैसे आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी दवा, में किया जाता है। सैंडवुड के बहुमुखी चिकित्सीय और स्वास्थ्य देखभाल महत्व इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स से आते है ➡चन्दनासव एक आयुर्वेदिक दवा है जिसमें मुख्य द्रव्य चन्दन है। चन्दन की ही तरह यह दवा भी शीतल गुणों से युक्त है। इसे मूत्र और मूत्र संबंधी विकारों में दिया जाता है। यह दवा बर्निंग मिक्टुरिशन, सिस्टिटिस में भी अनुशंसित है । आसव होने से इसे लेने पर पाचन बेहतर होता है। गोनोरिया और मूत्रमार्ग के रोगों में इसे लेने से लाभ होता है। पुरुषों की समस्या जैसे पेशाब में धातु जाना, पेशाब में इन्फेक्शन, शुक्रमेह आदि में भी इसे लिया जाता है। ➡चन्दनासव की खुराक
चन्दनासव को 1 से 2-टेबल चम्मच (12 से 24 मिलीलीटर) भोजन के बाद बराबर मात्रा में पानी के साथ या चिकित्सक द्वारा निर्देशित रूप में लेना चाहिए। ➡चन्दनासव को लेने का सही समय दिन में दो बार, खाना खाने के बाद है।
➡चन्दनासव के उपयोग
चन्दनासव को शरीर में जलन, गर्मी, और पेशाब के रोगों में दिया जाता है। इसे पेशाब की पथरी में कुछ अन्य दवाओं के साथ देते हैं। इसे दिल की कमजोरी, अपच और भूख नहीं लगने की समस्या में भी देते हैं। ➡शरीर में अधिक गर्मी एवं जलन की समस्या
🍃पेशाब में रूकावट, जलन, संक्रमण
🍃श्वेत प्रदर
🍃पेशाब के साथ धातु गिरना
🍃मूत्रकृच्छ
🍃पतलापन
🍃कमजोरी
🍃यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन
🍃यूरिक एसिड
🍃किडनी की पत्थरी
🍃सिस्ट
🍃सुजाक
🍃प्रमेह
🍃स्वप्नदोष
➡➡चन्दनासव के फायदे
चन्दनासव विभिन्न मूत्र पथ विकारों में फायदेमंद है। यह स्वस्थ पाचन और हृदय क्रिया के लिए एक प्राकृतिक टॉनिक के रूप में भी काम करता है। ➡मूत्र रोगों में करे लाभ
एंटी-बैक्टीरिया, एंटीथिथियेटिक, लिथोन्ट्रिप्टिक, एंटीऑक्सीडेंट, पेशाब बढाने और कुलिंग होने के गुण से यह पेशाब के रोगों जैसे डिसयूरिया, हाइपर्यूरिसिया, गुर्दे की पथरी, सिस्टिटिस आदि में फायदेमंद है। ➡चन्दनासव को शरीर में माइक्रोबियल संक्रमण से लड़ने और पथरी को गलाने के लिया जा सकता है। ➡दिल को दे ताकत
हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि यह कोरोनरी मांसपेशियों को पोषण प्रदान करता है और स्वस्थ जीवन के लिए पाचन में सुधार करता है। ➡नर प्रजनन क्षमता को बढ़ाए
यह नर प्रजनन दर में स्वाभाविक रूप से सुधार करने वाली दवा है। ➡चन्दनासव के साइड इफेक्ट्स
ज़रूरत के अनुसार और सही खुराक में लेने पर इसका कोई साइड इफ़ेक्ट आमतौर पर नहीं देखा जाता। ➡कौन नहीं लें
मधुमेह रोगी को इसकी संरचना में प्राकृतिक शक्कर की उच्च मात्रा के कारण इससे बचना चाहिए। ➡बच्चों को इसका उपयोग करने से बचना चाहिए। ➡गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला ➡गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला को जड़ी बूटियों की मजबूत संरचना के कारण इसका उपयोग करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।
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Roop Tara
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06 Sep 2019