भगवान श्री कृष्ण का स्मरण करते ही हमारे मन-मस्तिष्क में उनकी मनमोहक छवि उभर आती है... श्याम रंग के सुंदर चेहरे पर मुकुट और उस मुकुट में मोरपंखी। भगवान कृष्ण हमेशा अपने सिर पर मोरपंखी क्यों धारण करते थे??🤔 इसके तीन कारण (3)प्रचलित है:) 👇🏻 मोरपंखी राधाकृष्ण के प्रेम की निशानी मानी जाती है। इसके पीछे मान्यता है कि कान्हा जब 🏞वन में बांसुरी बजाते थे तो राधा उस बासुरी की धुन पर नृत्य🎶💃💃💃💃 करती थी और राधा के साथ ही वन में स्थित मोर भी नृत्य करते थें। एक दिन नृत्य करते हुए जब एक मोर की पंखी नीचे धरती पर गिरी तो कृष्ण ने उसे राधा और सभी मोर का स्नेह मान अपने मुकुट👑 पर धारण कर लिया। इसके बाद से ये हमेशा के लिए श्री कृष्ण के माथे की शोभा बन गई।😍🙏🏻
🙏🏻🙏🏻❤इस धरती पर मोर ही एक ऐसा प्राणी माना जाता है जो कि अपने जीवनकाल में ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करता है, मोरनी मोर के आँसुओ😪😪 को पीकर गर्भ धारण 🤰🏻कारती है। मोरपंखी पवित्रता और त्याग का प्रतीक मानी जाती है। यही वजह कि भगवान श्री कृष्ण स्वयं इस पवित्र पक्षी के पंख को अपने मष्तक पर धारण करते हैं।
❤🙏🏻 मोरपंखी में सभी सात प्रमुख रंगो🌈 का मेल देखने को मिलता है, ☀दिन के समय ये मोरपंखी जहां नीले रंग की नजर आती है, तो वहीं रात 🌚में ये काले रंग में परिवर्तित नजर आती है। 👌👌👌मोरपंखी में प्रकृति और जीवन के सभी रंगों का सुंदर संयोजन🌈 देखने को मिलता है। भगवान श्री कृष्ण मोरपंखी को अपने मुकुट पर धारण कर जीवन और प्रकृति के प्रति प्रेम और स्नेह का संदेश देते हैं।
24 Aug 2019
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Soma Sur
Beautiful post 👌👌
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26 Aug 2019
kiran kumari
Nice post
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25 Aug 2019
Roop Tara
Thank u dear <span style="color:#3B5998;"><b> @616d5c089dc2de0015c6e9c0 </b></span>
Soma Sur
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26 Aug 2019