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मेरी माँ की महक
साड़ी चूड़ी बिंदी पहन, शीशे में जब देखती हूँ, तुम ही दिखती हो मुझे,

अपना अस्तित्व नहीं, सिर्फ तुम्हारा ही दिखता है मुझमें।

तुम्हारी ही परछाई हूँ मैं, तुम्हारी ही छाया हूँ, इतनी ज्यादा कि,

बच्चे कहते है मुझे, माँ, तुम तो बिल्कुल नानी हो गयी हो।
अलमारी में सहेजी तुम्हारी साड़ी,

यूँ ही जब मैंने आज ओढ़ी,

माँ, मुझसे फिर तुम्हारी महक आयी।

चेहरे पर अपने, जो हाथ मैंने फेरा,

तो आँख- नाक अपनी, तुमसी ही पायी।

माँ, तुम्हारी बहुत याद आयी।
रोटी सेकते वक़्त, एक रोटी ज़रा बिगड़ गयी,

सबने नकार दी, मेरे हिस्से में आयी।

तुम होतीं, तो झिडकती पहले फिर, बड़े चाव से खातीं।

वो रोटी आज फिर मैंने खायी,

उस उलाहने की याद आयी।

माँ आज मुझसे तुम्हारी महक आयी
माना वक़्त की कमी थी तुम्हारे पास,

तुम बहुत जल्दी चली गयी।

पर जितने भी दिन हम साथ थे,

तुम पूरी मेरी अपनी थीं।

कल भी थी, आज भी हो, हमेशा रहोगी,

ये दूरी हमें ना बाँट पाएगी।

मुझमें से हमेशा तुम्हारी महक ही आयेगी।
मैं तुमसे लड़ती थी, ख़ूब झगड़ती थी,

पर मानती थी, तुम्हारे बिना मेरा गुज़ारा नहीं हैं।

मुझे पता था, तुम्हें पता था,

कोई विकल्प एकदूजे का हमारे पास नहीं था।

ख़ुशी, अजीब सी मिलती थी,

जब तुम मुझे गुड़िया बुलाती थी,

मेरे नाम के साथ, हर रोज़

तुम मेरा वजूद को भी महकाती थी।
तीखी ज़ुबान मेरी झेलती थी जब भी तुम, मुझे पता था,

तुम में और पापा में मेरी जान बसती है, ये तुम्हें पता था।

ना जाने क्यूँ, तुम मुझे यूँ इतना चाहती थी,

कड़वा बोल जाती थी मैं, फिर भी तुम गले लगाती थी।

लोग जब मेरी तारीफ करते थे, वो तुम्हारी जीत होती थी,

अगर गलती से कोई मेरी बुराई कर बैठता, तुम अपने आँचल से उस बात को ढक देती।

तुम्हारी डाँट में भी प्यार था।

माँ, तुम्हारी महक भी अजीब है।
ऊँच नीच इतनी आसानी से मुझे समझाती थी,

और कभी कभी मेरी बात को भी तवज्जो दे जाती थी।

बहुत याद आती है तुम्हारी,

इतनी की आँख नम हो जाती है।

मेरे रोम रोम से माँ, सिर्फ़ तुम्हारी महक आती है।
साड़ी चूड़ी बिंदी पहन, शीशे में जब देखती हूँ, तुम ही दिखती हो मुझे,

अपना अस्तित्व नहीं, सिर्फ तुम्हारा ही दिखता है मुझमें।

तुम्हारी ही परछाई हूँ मैं, तुम्हारी ही छाया हूँ, इतनी ज्यादा कि,

बच्चे कहते है मुझे, माँ, तुम तो बिल्कुल नानी ही हो गयी हो।
#drswetabajaj .
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Isha Pal

Bahut Achi lines Hai...

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Seema Yadav

Very nice

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Ekta pawar

Bhut achha likha h or sari bate bhut sahi h ....ak maa hi h jo bhut bhut yad aati h

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