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कैसे किगल एक्सरसाइज (Kegel Exercises) करें
श्रोणी या पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियाँ (pelvic floor muscles), जो कि गर्भाशय, मूत्राशय, और छोटी आंत, को सहारा देती है, उन्हें “किगल मसल” भी कहा जाता है, जिन्हें 1948 में स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. अर्नाल्ड किगल द्वारा पहली बार वर्णित किया गया था। डॉ. अर्नाल्ड किगल ने जनेन्द्रिय संबंधी शिथिलन के लिए बिना किसी शल्यचिकित्सा के विशेष प्रकार के व्यायाम को ईजाद किया था। किगल एक्सरसाइज को दिनचर्या में अपनाने से पेल्विक क्षेत्र संबंधी समस्याओं, जैसे कि मूत्र या मल असंयम से छुटकारा पाने में मदद मिलती है, तथा यह आपकी यौन संबंधी समस्याओं का भी समाधान होता है। सबसे ज्यादा महत्वपुर्ण बात यह कि आपको उन किगल मांसपेशियों को पृथक रूप से अनुभव कर के नियमित रूप से व्यायाम के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए।
पुरुष भी पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को पेल्विक मसल एक्सरसाइज द्वारा मजबूत कर सकते हैं।
3की विधि 1:

किगल एक्सरसाइज की तैयारी करना





1
अपने पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों (पेल्विक मसल) के शोध के लिए अपने मूत्र के प्रवाह को बीच में रोकना:;किगल एक्सरसाइज करने से पहले, अपनी पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों (पेल्विक मसल) का पता लगाना अत्यंत आवश्यक है। यह मांसपेशियां आपके पेल्विक क्षेत्र को आधार देने वाली मांसपेशी होती है। मूत्र के प्रवाह को बीच में रोकना इन्हें पहचानने के लिए सबसे सरल तरीका है। यह संकुचन किगल की मूलभूत गतिविधि है। अब उन मांसपेशियों को शिथिल कीजिये तथा मूत्र के प्रवाह को पुनः आरंभ कीजिये और आपको यह ठीक ठीक पता लग जायेगा की किगल कहाँ है।];यदि आपको कोई चिकित्सीय समस्या हो जिससे आपको सुरक्षित रूप से किगल करने में परेशानी महसूस हो रही हो तो अपने डाक्टर से मिलना न भूलें।
मगर हर दिन नियमित किगल एक्सरसाइज करने के लिए मूत्र के प्रवाह को बीच में न रोकें। मूत्र-त्याग करते वक्त किगल करने से दरअसल इसका विपरीत परिणाम होता है और मांसपेशियाँ कमजोर होती हैं।










2
यदि आपको किगल मांसपेशियों का पता लगाने में परेशानी हो रही हो तो अपनी योनी में उंगली रखकर मांसपेशियों को जरा सा दबाइए:;इससे आपको पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होगा और पेल्विक क्षेत्र जरा सा उठ जाएगा। दबाव को हटा दीजिये और पेल्विक क्षेत्र पुनः पूर्वावस्था में आ जाएगा। योनी में उंगली रखने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी उंगलियाँ ठीक से साफ़ हों।
यदि आप अपने जीवन-काल में यौन-क्रिया की सक्रिय अवस्था में हैं, तो अपने साथी की मदद से सम्भोग के दौरान किगल मांसपेशियों को महसूस कर सकती हैं।










3
किगल के शोध के लिए छोटे आईने (हैंड-मिरर) का उपयोग कीजिये:;यदि आपको फिर भी किगल का पता लगाने में परेशानी महसूस हो रही है, तो अपने मूलाधार के नीचे एक छोटे आईना (हैंड-मिरर) रखिये, जो आपकी योनी तथा मलद्वार के बीच का त्वचा से ढंका हुआ क्षेत्र है। अपनी इस किगल मसल को संकुचित और शिथिल करना शुरू करें। यदि आप इसे सही तरीके से करेंगी, तो आपको मूलाधार पर स्थित त्वचा हर संकुचन के साथ संकुचित होती दिखेगी।










4
किगल शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपका मूत्राशय रिक्त है:;यह जरुरी है। किगल करने की शुरुआत भरे हुए मूत्राशय के साथ नहीं करना चाहिए, नहीं तो आपको किगल करते वक्त दर्द महसूस होगा, और साथ ही मूत्र-रिसाव की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। एक्सरसाइज शुरू करने से पहले, मूत्राशय की जाँच कर लें जिससे यह एक्सरसाइज जितना हो सके उतना बेहतर ढंग से की जाए।










5
पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों (पेल्विक फ्लोर मसल्स) के संकुचन पर ही ध्यान केन्द्रित करें:;किगल व्यायाम करते वक्त आपको केवल इन मांसपेशियों पर ही ध्यान केन्द्रित करना है, इसलिए अच्छे परिणाम के लिए, दूसरी मांसपेशियों, जैसे कुल्हे, जांघ या पेट की मांसपेशियों पर बल देने की जरुरत नहीं है। इस गतिविधि पर केन्द्रित होने तथा निपुणता से करने में मदद के लिए तथा मांसपेशियों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए यह सुनिश्चित करें कि आप किगल करते वक्त श्वास को बिना रोके इसे भीतर तथा बाहर ले तथा छोड़ रहीं हैं।
अपनी मांसपेशियों को शिथिल रखने में मदद के लिए आप अपने पेट पर हाथ रखकर यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि आप के पेट की मांसपेशियाँ शिथिल हैं।





थोड़ी किगल एक्सरसाइज करने के पश्चात् यदि आपकी पीठ या पेट में थोड़ा दर्द महसूस हो, तो इससे यह सूचित होता कि आप इसे ठीक से नहीं कर रहीं हैं।










6
आरामदायक मुद्रा में बैठ जाईए:;आप इस एक्सरसाइज को या तो कुर्सी पर बैठकर या फर्श पर लेटकर कर सकती हैं। यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी कुल्हे तथा पेट की मांसपेशियाँ शिथिल अवस्था में हों। यदि आप लेटी हुई हैं तो पीठ के बल हाथों को फैलाये तथा दोनों घुटनों को मोड़ते हुए सटाकर रखिये। अपने सिर को निचे टिकाकर रखिये जिससे गर्दन में अकड़न न हो।


3की विधि 2:

किगल एक्सरसाइज शुरू करना





1
अपनी पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को पांच सेकंड के लिए सिकोड़ीये:;जब आप इसकी शुरुआत कर रहीं हो तो आप उन मांसपेशियों को ज्यादा देर तक सिकोड़कर तनाव पैदा नहीं करना चाहेंगी। यदि पांच सेकंड भी आप को ज्यादा लम्बी अवधि लग रही है, तो आप मांसपेशियों सिर्फ 2-3 सेकंड तक सिकोड़ कर रख सकती हैं।










2
अपनी मांसपेशियों को दस सेकंड का आराम दें:आपको अपनी उन पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को पुनः सिकोड़ने के पहले आदर्शतः दस सेकंड का आराम देना चाहिए। इससे उन्हें आराम के लिए पर्याप्त समय मिलता है, जिससे तनाव उत्पन्न नहीं होता। इसकी पुनरावृत्ति करने से पहले एक से दस तक गिनें।










3
इस व्यायाम को दस बार दोहराएँ:;इसे किगल का एक चरण समझा जाएगा। यदि आप ने उन मांसपेशियों को पांच सेकंड तक सिकोड़कर शुरुआत की है, तो उन्हें पांच सेकंड तक सिकोड़कर रखिये तथा दस सेकंड तक उन्हें ढीला छोड़िये, ऐसा दस बार कीजिये। इतना किगल एक समय के लिए पर्याप्त है, तथा आपको ऐसे सत्र एक दिन में 3 से 4 बार करना चाहिए, इससे अधिक नहीं।










4
धीरे-धीरे पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को दस सेकंड तक सिकोड़े रखने तक का अभ्यास कीजिये:;आप मांसपेशी को सिकोड़ने की अवधि को हर सप्ताह बढ़ाकर दस सेकंड तक ले जा सकती हैं। इससे ज्यादा लम्बे समय तक इसे करने की आवश्यकता नहीं, तथा इसे दस बार से अधिक करने की भी जरुरत नहीं। एक बार आप दस सेकंड तक पहुँच जाएँ, तो इससे चिपके रहें तथा 10-10 सेकंड के संकुचन दिन में 3-4 बार करें।[६]










5
पुल-इन किगल करें:;यह किगल का दूसरा प्रकार है। पुल-इन किगल करने के लिए, पेल्विक क्षेत्र मांसपेशियों को वैक्यूम की तरह समझें। कुल्हे की मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न करें तथा पैरों को आगे पीछे करें। इस अवस्था में 5 सेकंड रहें तथा फिर छोड़ दें। ऐसा 10 बार करें। इसे पूर्ण करने में 50 सेकंड तक का समय लगेगा।


3की विधि 3:

परिणाम प्राप्त करें





1.किगल एक्सरसाइज को दिन में कम से कम 3-4 बार करें:;यदि आपको इसे सच में नियमित करना है, तो इसे आपको अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा। इसे दिन में 3-4 बार करना सही है, क्योंकि एक किगल सत्र ज्यादा समय नहीं लेता, तथा इसे नियमित दिनचर्या में अपनाया जा सकता है। आप इसे सवेरे, दिन में, और शाम को करने का नियम बना सकती हैं जिससे बिना इसके लिए समय निकालने की चिंता किये आप इसे कर सकें।










2.किगल को अपने व्यस्त दिनचर्या में सम्मिलित करें:इसे करने के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप इसे बिना किसी के जाने कर सकती हैं। आप इसे अपने ऑफिस के डेस्क पर बैठे-बैठे, अपने दोस्तों के साथ नाश्ता करते, या सोफे पर दिन भर की थकान के बाद आराम करते कर सकती हैं। यद्यपि शुरुआत में इसका एकांत में अभ्यास करना जरुरी होता है।[७]
आप इसे भी अपनी दैनिक क्रिया का हिस्सा बना लें, जैसे आप मेल या ईमेल चेक करती हैं।





एक बार अपने मुताबिक किगल एक्सरसाइज आपने साध लिया हो, तो आपको ज्यादा किगल करने के बजाय इतनी संख्या को नियमित रूप से करने पर ध्यान देना चाहिए। यदि आप इसे अत्याधिक करेंगी, तो आपको मूत्रत्याग या मलत्याग करते समय मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।





बस ध्यान रखिये, मूत्र के प्रवाह को रोककर किगल मांसपेशियों का पता लगाना सबसे सही तरीका है, फिर भी हर बार मूत्रत्याग करते वक्त इसे करने का नियम मत बनाएं, नहीं तो आपको मूत्रत्याग करते वक्त असंयम की परेशानी उत्पन्न हो सकती है।










3.यदि आप किगल नियमित रूप से कर रहीं हैं तो इसका परिणाम एक महीने में दिखना शुरू हो जायेगा:;कुछ महिलाओं के लिए किगल के परिणाम आकस्मिक होते हैं; जबकि दूसरों के लिए किगल द्वारा मूत्रमार्ग संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिलता है। कुछ महिलाऐं किगल से निराश हो जाती हैं, क्योंकि कुछ सप्ताह तक किगल करने के पश्चात् उन्हें कुछ अच्छा बदलाव महसूस नहीं होता। अपने शरीर में बदलाव महसूस करने के लिए लम्बे समय तक इसे करें। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ के मुताबिक आप 4-6 हफ़्तों में मन मुताबिक परिणाम प्राप्त कर सकती हैं।







4.यदि आपको लगे कि आप किगल ठीक से नहीं कर रहीं हैं तो किसीसे मदद लें:;आपके डाक्टर आपको किगल मांसपेशियों को पहचानने और इसके व्यायाम को ठीक से करवाने में मदद कर सकते हैं। यदि आपको लगे कि आप किगल काफी महिनों से कर रहीं हैं, फिर भी इसका कोई असर महसूस नहीं हो रहा है, तो आपको डाक्टरी मदद की जरुरत है। आपके डाक्टर आपके लिए यह कर सकते हैं:
जरुरत पड़ने पर, आपके डाक्टर आपको बायो-फीडबैक दे सकते हैं। इस प्रक्रिया में मॉनिटरिंग उपकरण को आपकी योनी के भीतर रखा जाता है, जिसके इलेक्ट्रोड को बाहर रखा जाता है। मॉनिटर द्वारा यह बताया जा सकता है कि आप कितना सही तरीके से पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को संकुचित कर पा रहीं हैं, तथा कितनी देर तक इस संकुचन को बनाये रख सकती हैं।





डाक्टर विद्युतीय उत्तेजना द्वारा आपको पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को पहचानने में मदद कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, हल्की विद्युतीय तरंग पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों पर लगायी जाती है। सक्रीय होने पर यह तरंग आपकी मांसपेशियों को संकुचित करेगी। कुछ इस्तेमाल के बाद, आप स्वतः ही इस प्रक्रिया को कर सकेंग




5.किगल को जारी रखें यदि आप उत्सर्गी असंयम को दूर रखना चाहती है:;यदि आप उन मांसपेशियों को मजबूत रखना चाहती हैं तथा उत्सर्गी असंयम को दूर रखना चाहती हैं, तो किगल को जारी रखना चाहिए। यदि आप इसे करने के कुछ महिनों बाद रुक जाती हैं तो उत्सर्गी असंयम की समस्या वापस लौट आएगी। आपको उन मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए कार्य करना होगा तथा इसके लिए प्रतिबद्ध होना होगा।





सलाह
अपनी सांस को रोकने, कूल्हों या जांघों को संकुचित करना, पेट अंदर सिकोड़ने इत्यादि का प्रयत्न कदापि न करें।





इस व्यायाम में निपुण होने पर आप इसे खड़े खड़े भी कर पाएंगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप इसका अभ्यास खड़े होने पर करें और आप इसे बर्तन धोते समय, लाइन में खड़े खड़े, या ऑफिस में बैठे हुए, टीवी शो के कमर्शियल ब्रेक के दौरान, या ड्राइव करते समय ट्रैफिक सिग्नल पर भी कर सकती हैं।





आप किसी भी समय धीमी या तेज़ गति से किगल एक्सरसाइज कर सकती है तथा इसका किसी को पता भी नहीं चलेगा। कुछ महिलाऐं दैनिक कार्य जैसे कि ड्राइविंग, टीवी देखते हुए, किताब पढ़ते हुए, फ़ोन पर बात करते हुए इसे करना पसंद करती हैं।





संतुलित आहार लेने की कोशिश करें।





गर्भवती महिलाऐं भी किगल एक्सरसाइज कर सकती हैं।





कल्पना करें कि आपके फेफेड़े पेल्विक क्षेत्र में हैं तथा सांस लेते वक्त मूलाधार को शिथिल करें तथा सांस छोड़ते वक्त आकुंचित करें।





कुछ योगासन किगल करने की तरह होते हैं, इसलिए यदि आपको इसे करने में परेशानी हो रही है , तो आप उन चुनिंदा योगासन को अपना कर ऐसा कर सकती हैं।




चेतावनी
किगल हमेशा रिक्त मूत्राशय के साथ करें। भरे हुए मूत्राशय के साथ किगल करने पर पेल्विक क्षेत्र कमजोर होगा और मूत्रमार्ग संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाएगी।





बाथरूम करते वक्त किगल न करें, बस इसका इस्तेमाल शुरुआत में मांसपेशियों का पता लगाने के लिए ही करें। मूत्र के प्रवाह को रोकने पर मूत्र मार्ग संक्रमण की परेशानी उत्पन्न हो सकती है।






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Ishwar Singh

प्रेगनेंसी में संबंध बनाने से क्या होता है

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Nimmi rathore

Thank u dear <span style="color:#3B5998;"><b> @616d9126ca67e40013aaf3e5 </b></span><span style="color:#3B5998;"><b></b></span>

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Aditi Ahuja

Very helpful dear!!

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Nimmi rathore

Thank u <span style="color:#3B5998;"><b> @6372a3d82338f60015eaf03e </b></span><span style="color:#3B5998;"><b></b></span> actually I do it daily so that i shared.. I hope all mommy who has weak pelvic muscles get knowledge about it..

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swati upadhyay

ye bhot hi helpful hai dear

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