इनका रखें सबसे ज्यादा ख्याल;
डॉक्टरों का कहना है कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में ज्यादा भीड़भाड़, प्रदूषण और रेडिएशन वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए। ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर ट्रैवलिंग करने से भी बचें। मॉर्निंग सिकनेस से बचने के लिए नींबू-पानी या अदरक की चाय पी जा सकती हैं। दिनभर में चार या पांच बार तरल चीजें, जैसे छाछ, नींबू-पानी, नारियल पानी, फलों का जूस या शेक पीएं। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। इन तीन महीनों में बच्चे के अंग बनने शुरू होते हैं। ऐसे में खाने की मात्रा से ज्यादा उसकी क्वॉलिटी पर ध्यान देना जरूरी है।; तैयार करें डाइट चार्ट;
शुरुआती तीन महीनों में प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन से भरपूर चीजें ज्यादा खानी चाहिए। अपने खाने में दाल, पनीर, अंडा, नॉनवेज, सोयाबीन, दूध, दही, पालक, गुड़, अनार, चना, पोहा, मुरमुरे को शामिल करें। फल और हरी पत्तेदार सब्जियां भी खूब खाएं। शरीर में पानी की कमी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए ओर आप डॉक्टर से सलाह ले।मे आरटिकल शेयर करती हु पढ लिजिए।
durga salvi
इनका रखें सबसे ज्यादा ख्याल;
डॉक्टरों का कहना है कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में ज्यादा भीड़भाड़, प्रदूषण और रेडिएशन वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए। ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर ट्रैवलिंग करने से भी बचें। मॉर्निंग सिकनेस से बचने के लिए नींबू-पानी या अदरक की चाय पी जा सकती हैं। दिनभर में चार या पांच बार तरल चीजें, जैसे छाछ, नींबू-पानी, नारियल पानी, फलों का जूस या शेक पीएं। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। इन तीन महीनों में बच्चे के अंग बनने शुरू होते हैं। ऐसे में खाने की मात्रा से ज्यादा उसकी क्वॉलिटी पर ध्यान देना जरूरी है।; तैयार करें डाइट चार्ट;
शुरुआती तीन महीनों में प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन से भरपूर चीजें ज्यादा खानी चाहिए। अपने खाने में दाल, पनीर, अंडा, नॉनवेज, सोयाबीन, दूध, दही, पालक, गुड़, अनार, चना, पोहा, मुरमुरे को शामिल करें। फल और हरी पत्तेदार सब्जियां भी खूब खाएं। शरीर में पानी की कमी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए ओर आप डॉक्टर से सलाह ले।मे आरटिकल शेयर करती हु पढ लिजिए।
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