सर्दियों में शिशु के कपड़े गरम, नरम और आरामदेह हो।
बच्चे के हाथपैर गरम रखने के लिए उसे दस्ताने और मोजे पहनाने चाहिए और उस का सिर टोपी से ढकें।
अपने शिशु का टीकाकरण समयसमय पर नियमित रूप से करवाएं ताकि वह वायरस और बैक्टीरिया से दूर रहें.
शिशु के लिए मां का दूध सर्वोत्तम है, क्योंकि इस से उस का इम्यूनिटी पावर बढ़ता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती.
सर्दियों में शिशु के कपड़े गरम, नरम और आरामदेह हो।
बच्चे के हाथपैर गरम रखने के लिए उसे दस्ताने और मोजे पहनाने चाहिए और उस का सिर टोपी से ढकें।
अपने शिशु का टीकाकरण समयसमय पर नियमित रूप से करवाएं ताकि वह वायरस और बैक्टीरिया से दूर रहें.
शिशु के लिए मां का दूध सर्वोत्तम है, क्योंकि इस से उस का इम्यूनिटी पावर बढ़ता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती.
सर्दियों में बच्चे को ज्यादातर बीमारियां उस के करीब किसी बीमार व्यक्ति के खांसनेछींकने और उस के संपर्क में आने से होती हैं, इसलिए बच्चे को रोगी व्यक्ति से दूर रखें.
सर्दियों में बच्चे को ज्यादातर बीमारियां उस के करीब किसी बीमार व्यक्ति के खांसनेछींकने और उस के संपर्क में आने से होती हैं, इसलिए बच्चे को रोगी व्यक्ति से दूर रखें.
और आप डॉक्टर को दिखाएं
Isha Pal
सर्दियों में शिशु के कपड़े गरम, नरम और आरामदेह हो।
बच्चे के हाथपैर गरम रखने के लिए उसे दस्ताने और मोजे पहनाने चाहिए और उस का सिर टोपी से ढकें।
अपने शिशु का टीकाकरण समयसमय पर नियमित रूप से करवाएं ताकि वह वायरस और बैक्टीरिया से दूर रहें.
शिशु के लिए मां का दूध सर्वोत्तम है, क्योंकि इस से उस का इम्यूनिटी पावर बढ़ता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती.
सर्दियों में शिशु के कपड़े गरम, नरम और आरामदेह हो।
बच्चे के हाथपैर गरम रखने के लिए उसे दस्ताने और मोजे पहनाने चाहिए और उस का सिर टोपी से ढकें।
अपने शिशु का टीकाकरण समयसमय पर नियमित रूप से करवाएं ताकि वह वायरस और बैक्टीरिया से दूर रहें.
शिशु के लिए मां का दूध सर्वोत्तम है, क्योंकि इस से उस का इम्यूनिटी पावर बढ़ता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती.
सर्दियों में बच्चे को ज्यादातर बीमारियां उस के करीब किसी बीमार व्यक्ति के खांसनेछींकने और उस के संपर्क में आने से होती हैं, इसलिए बच्चे को रोगी व्यक्ति से दूर रखें.
सर्दियों में बच्चे को ज्यादातर बीमारियां उस के करीब किसी बीमार व्यक्ति के खांसनेछींकने और उस के संपर्क में आने से होती हैं, इसलिए बच्चे को रोगी व्यक्ति से दूर रखें.
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