9 May 2022 | 0 min Read
Tinystep
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क्या आप इन 10 खाद्य पदार्थों को अपने बच्चे को खाने को दे रही हैं? यदि हाँ, तो आपको इसे रोकना होगा। जैसे ही आपका बच्चा बढ़ता है, वह आपकी प्लेट से भोजन खाने के लिए उत्सुक रहता है, और आप भी उसके आहार में नए खाने जोड़ने के लिए उत्सुक रहतीं हैं | आपको यह समझना होगा कि सभी खाद्य पदार्थ हर उम्र में आपके बच्चे के लिए सुरक्षित नहीं हैं।
आप ये ज़रूर देखेंगी कि डॉक्टर आये दिन आपके बच्चे के आहार में बदलाव लाने की सिफारिश करेंगे, जहाँ कुछ खानो को खाने की इजाज़त दी जाती है और कुछ खाने एक उम्र तक से मना कर दिया जाता है |
यहाँ कुछ खाने दिए गए हैं जिन्हे आपको अपने बच्चे को खिलाने से बचना चाहिए | आपकी जानकारी के लिए हमनें ये भी बताया है कि आप कितनी उम्र से इन खाद्य पदार्थों को अपने बच्चे के आहार में शामिल कर सकती हैं |
नोट: अधिकांश खाद्य पदार्थ यहाँ दिए गए हैं ,वे निश्चित रूप से रूप से उम्र से पहले दिए जाने पर बच्चे के स्वास्थ्य के लिए ख़तरा हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि उनसे एलर्जी होने का भी डर हो |
लैक्टोज और दूध प्रोटीन एलर्जी की प्रतिक्रिया पैदा कर सकते हैं और पेट की कठिनाइयों का कारण बन सकते है क्योंकि वे पचाने में मुश्किल हैं। शिशु ज़्यादा मिनरल्स, प्रोटीन और सोडियम जो गाय के दूध में होते हैं, उन्हें नहीं पचा सकते | दही और चीज़, संसाधित होते हैं और इस तरह उन्हें आसानी से पचाया जा सकता है,इसलिए बच्चे इन्हें खा सकतें हैं |
डॉक्टरों की राय में बच्चे इन्हे १ साल के बाद ही खा सकतें है |
सभी प्रकार के नट सामान्यतः सभी 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए खतरनाक होते हैं क्योंकि बच्चे इन्हें चबा नहीं सकते। इसके अलावा, एलर्जी एक संभावना है (विशेषकर मूंगफली से) |अपने बच्चे को मूंगफली और नट्स देने से पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञ से पूछें | इन खाद्य पदार्थों का असर घातक हो सकता है।
डॉक्टरों की राय में बच्चे इन्हे ४ साल के बाद ही खा सकतें है |
ये एलर्जी नहीं पैदा करते हैं, लेकिन एसिड होने के कारण बच्चों में रैशेस हो सकते है और यह पचाने में भी मुश्किल होते है | नींबू या अनानास का रस फल के प्यूरी में डालना ठीक है, लेकिन बच्चे को शुद्ध कटा हुआ नारंगी और अनानास खिलाना ठीक नहीं है। इसके अलावा, सिर्फ इसलिए कि टमाटर जैसा फल खट्टे परिवार से नहीं है, इसका मतलब यह नहीं है कि इसमें एसिड नहीं होता ऐसा न समझें|
डॉक्टरों की राय में बच्चे इन्हे ६ महीने के बाद ही खा सकतें है |
वास्तव में यह एक स्वादिष्ट फल है, लेकिन कच्ची स्ट्रॉबेरी केवल एक बड़े के आहार में मौजूद होनी चाहिए। शिशुओं में वो गंभीर एलर्जी पैदा कर सकती हैं हालांकि पकी हुई स्ट्रॉबेरी बिल्कुल ठीक है क्योंकि उच्च तापमान प्रोटीन को निष्क्रिय कर देता है जिससे एलर्जी की प्रतिक्रिया नहीं होती है।
डॉक्टरों की राय में बच्चे इन्हे ६ महीने के बाद ही खा सकतें है |
क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम एक बीजाणु बनाने वाला जीव है जो प्रकृति में आम है, और ये मुमकिन है कि शहद में यह जीवाणु पाया जा सकता है । इससे होने वाली बड़े आंत की इस बीमारी को आप अपने बच्चों में होने से रोक सकती हैं|
डॉक्टरों की राय में बच्चे इन्हे १ साल के बाद ही खा सकतें है |
कई डॉक्टर कहते हैं कि एक बड़े शिशु को बेक किए गए सामान खिलाना ठीक है, जिसमें अंडे शामिल हैं, लेकिन सुनिश्चित करें कि सफेद और पीले दोनों हिस्से पूरी तरह से पकाए गए हों क्योंकि वे सैल्मोनेला संक्रमण का कारण बन सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दस्त हो सकता है।
डॉक्टरों की राय में बच्चे इन्हे १ साल के बाद ही खा सकतें है |
गाजर, फलों के पूरे टुकड़े और अंगूर और प्लम जैसे बड़े फल बच्चे निगल नहीं पातें और उनके लिए यह खतरनाक सिद्ध हो सकतें है | गाजर, खीरे, फूलगोभी के छोटे टुकड़ों (1/2 इंच से अधिक बड़े नहीं) को पका कर बच्चे को खिलाएं | फलों के लिए, उन्हें छोटे चबाये जाने वाले टुकड़ों में काटकर या मसल कर बच्चे को खिलाएं |
डॉक्टरों की राय में बच्चे इन्हे ६ महीने के बाद ही खा सकतें है |
अगर परिवार में सीफ़ूड एलर्जी है तो अपने बच्चे को मछली से दूर रखें, खासकर शेलफिश से, विशेष रूप से झींगा, केकड़े का मांस, क्लैमस, आदि से। अपने बच्चे के लिए एक अनुकूलित योजना बनाने के लिए उसके डॉक्टर से बात करें |
डॉक्टरों की राय में बच्चे इन्हे १ साल के बाद ही खा सकतें है |
यह आपके बच्चे के आहार के लिए बिलकुल ख़राब है | मामूली मात्रा में यह ठीक है, लेकिन अत्यधिक चीनी दांत सड़ा सकती है | इसके बजाय, आप अपने बच्चे के भोजन को मीठा करने के लिए मीठे फल का उपयोग कर सकती हैं |
डॉक्टरों की राय में बच्चे इन्हे १ साल के बाद ही खा सकतें है |
खाद्य पदार्थ जो चिपचिपे होते हैं वे बच्चों में घुटन पैदा कर सकतें है | गुड़, श्रीखंड, जाम और चिपचिपी कैंडीज जैसे खाद्य पदार्थ आपके बच्चे के गले में अटक सकते हैं |
डॉक्टरों की राय में बच्चे इन्हे १ साल के बाद ही खा सकतें है |
आपकी थोड़ी सी सावधानी आपके बच्चे को सुरक्षित और बीमारियों से दूर रख सकती है |
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