10 saundaryavardhak utpad jinke upyog karne se bache

10 saundaryavardhak utpad jinke upyog karne se bache

9 May 2022 | 1 min Read

Tinystep

Author | 2574 Articles

हम औरतें सौंदर्यवर्धक उत्पादों को इस्तेमाल किये बगैर नहीं रह सकतीं, क्योंकि हमें उनकी आदत सी हो गयी है | हर नए उत्पाद का अपना ही एक आकर्षण होता है | पर इन उत्पादों के दुष्प्रभाव भी होते हैं , जिन्हें जान लेना अत्यंत आवश्यक है | ये दुष्प्रभाव हमारे त्वचा पर हो सकते है या उत्पाद के मूल्य भी परेशानी का कारण बन सकता है | १० ऐसे उत्पाद जिन्हें इस्तेमाल करने से आप तुरंत पीछे हट जाए , उनकी सूची नीचे दी गई है :-

1. एक्सफोलिएंट्स जो बेहद कठोर है |

आपके चेहरे को निर्जीव त्वचा और मंदता से दूर करने के लिए एक्सफोलिएंट्स अवश्य लाभदायक है | पर इन्हीं एक्सफोलिएंट्स का आपके चेहरे पर कठोर परिणाम भी दिख सकता है | अगर सही एक्सफोलिएंट्स का चुनाव ना  किया जाए तो लाभ से ज़्यादा इनका  दुष्परिणाम देखना पड़ सकता है | कई  महिलाओं को इनके उपयोग से रूखी त्वचा और मुँहासे जैसे नतीजे प्राप्त हुए हैं | एक्सफोलिएंट्स जो बेहद कठोर हो , इनके इस्तेमाल से त्वचा पर ऐसा बुरा असर पड़ता है | एक्सफोलिएंट्स जो पीसी मेवों से बनी हो, या पिट्स अथवा तेज़ माइक्रो बीड्स को एक्सफोलिएटिंग एजेंट के रूप में इस्तेमाल करता हो, उन्हें इस्तेमाल करने से तुरंत बचे | इनके दुष्प्रभावों से बचने के लिए ऐसे एक्सफोलिएंट्स का इस्तेमाल करें जो जोजोबा जैसे चिकने मोतियों से बनी हो और आपके त्वचा की सौंदर्य को और निखारने में मदद करें |

2. सुगंधित उत्पादों का इस्तेमाल |

बाज़ार में उपलब्ध ढेर सारे पदार्थों को हम अक्सर सुगंधित पाते है, पर परफ्यूम का यही सुगंध हमें चिड़चिड़ा भी कर देते है | परफ्यूम में इस्तेमाल किये  गये कृत्रिम सुगंधों को बिलकुल भी इस्तेमाल न करें | प्राकृतिक संघटकों से बने सुगंधों का ही इस्तेमाल किया करें | सिर्फ उसी परफ्यूम का उपयोग करें जिसका मूल आधार उत्पाद सुगंधित हो | उदाहरण के लिए , कोको – मक्खन लोशन में जैविक कोको के होने से लोशन अपने आप सुगंधित होगा |

3. बालों को हटाने की क्रीम

बालों को हटाने की क्रीम आसानी से और तेज़ी से अवांछित बालों  को निकालने में मदद करते हैं | पर इनके इतने प्रभावशाली होने के पीछे रासायनिक पदार्थों का हाथ होता है | ये क्रीम आपके त्वचा के पोर्स को खोलकर बालों को त्वचा से एकदम अलग कर देते है | इसीलिए हम अवांछित बालों को इतनी आसानी से बाहर खींच सकते है | यहाँ पर केवल रासायनिक पदार्थों का हमारे त्वचा पर नहीं , बल्कि पोर्स के निरंतर खुलने और बंद होने में भी है | महिलाएँ ज़ो इन क्रीमों का ज़्यादा इस्तेमाल करती है , उनके त्वचा पर हम कई ऐसे खुले पोर्स देख सकते है , जो बिलकुल अप्रिय लगते है |

4. खनिज तेल का प्रयोग

बाज़ार में उपलब्ध ढेर सारे पदार्थों में खनिज तेल का प्रयोग सामान्य बात है | लोशन से लेकर मेकअप के हर चीज़ में खनिज तेल का इस्तेमाल होता है | जो बात खुलकर बताया नहीं जाता. वो यह है कि खनिज तेल असल में त्वचा  के पोर्स को बंद कर देते है | इससे त्वचा पर ब्लैक हेड्स , इरप्शन्स  और ब्लेमिशेस ज़्यादा हो जाते हैं | पदार्थों को खरीदते समय यह अवश्य देखें कि वो पैराफिन और पेट्रोलियम तेल से बिलकुल मुक्त हो | ग्लिसरीन से बने उत्पाद किसी भी तरह के त्वचा पर रौनक ले आते हैं |

5. साबुन का प्रयोग

सामान्य प्रकार के साबुन इस्तेमाल करने से त्वचा एकदम रूखी बन जाती है | सिर्फ साबुन और उसके बाद मॉइस्चराइसर लगाने के बदले आप एक अच्छे क्लीन्ज़र का प्रयोग करें | असल में क्लीन्ज़र भी साबुन का ही काम करता है , साथ में त्वचा को अधिक पोषण भी दिलाता है | त्वचा के प्राकृतिक तेलों को बरकरार रखने में मदद करता है | क्लीन्ज़र में मौजूद दूध और बादाम तेल के गुण त्वचा को और निखारने में मदद करता है |

6. एलकोहॉल आधारित उत्पादों का प्रयोग

एलकोहॉल भी कई अन्य पदार्थों की तरह त्वचा को एकदम रूख़ा बना देते है |  एलकोहॉल आधारित उत्पाद शुरु में भले ही आपके चेहरे पर रौनक लाने में सहायता करें पर आगे जाकर ये हानिकारक भी साबित हो सकते है | जल आधारित या ग्लिसरीन आधारित उत्पादों को अपनाने से त्वचा का रूख़ापन दूर हो जाता है | याद रखें कि रूख़ी त्वचा आपके चेहरे को बेज़ान बना देती है, और चेहरे पर अधिक मुंहासे होने की वज़ह भी बनती है |

7. स्थायी या अस्थायी रूप से बालों पर रंग लगाना

अलग रंगों का प्रयोग करना कितना मज़ेदार होता है | बालों पर कोई नया रंग लगा लेने से सिर्फ बालों का आकर्षण ही नहीं बदलता,बल्कि उसका असर व्यक्ति के समग्र व्यक्तित्व पर भी पड़ता है | बालों पर रंग लगाना चाहे कितना भी मन मोहक हो , पर कई अनुसंधानों के परिणाम से ये हानिकारक पाया गया है | गाढ़े रंगों को बालों पर ज़्यादा लगाने से आगे जाकर ब्लैडर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है | प्राकृतिक या जैविक रूप में उपलब्ध रंग सुरक्षित होते है और इन्हें ज़रूर आज़माए |

8. नेल पॉलिश या नाखूनों पर रंग लगाना

बालों पर लगाने वाले रंगों की तरह नाखूनों पर लगाने वाले रंग भी बेहद आकर्षक होते है | अच्छी तरह हवादार माहौल में इनका प्रयोग किया जाना चाहिए | जो विषाक्त पदार्थ नेल पॉलिश से निकलते है , वे मस्तिष्क के समझने की गति की क्षमता पर असर डाल सकते है सिर्फ उन्ही लोकप्रिय ब्रांडस को अपनाये जो सौंदर्य के मानकों का पालन करते हो | अगर आपके पास पुराने नेल पॉलिश है , तो उन्हें इस्तेमाल न करें |

9. एन्टी – पेर्स्पिरेंट्स का प्रयोग

एन्टी – पेर्स्पिरेंट्स लाभदायक ज़रूर होते हैं , पर उनमें एल्यूमीनियम लवण की मात्रा बहुत अधिक होती है | एल्यूमीनियम लवण कैंसर के प्रमुख कारण माने जाते है | स्तन कैंसर और एल्यूमीनियम लवण के उपयोग में गहरे सम्बन्ध पाए जा चुके है | खासकर जब आप अवांछित बालों को त्वचा से निकालकर तुरंत एन्टी – पेर्स्पिरेंट्स लगा लें तो बुरा परिणाम हो सकता है | प्राकृतिक उत्पादों से बने डिओडरंट का  इस्तेमाल करने से त्वचा पर कम बुरा असर पड़ता है|

10. सनस्क्रीन में मौजूद विटमिन – ए

लगभग आधे से ज़्यादा सनस्क्रीन लोशनों में विटमिन – ए  या रेटिनॉल का पदार्थ अवश्य होता है | विटमिन – ए सिर्फ अपने में बिल्कुल बुरा नहीं है , पर जब यहीं विटमिन – ए सूर्य के किरणों से मिल जाए तो वो हानिकारक बन जाता है  ये भी कैंसर रोग के प्रमुख कारणों में से एक है | अंधेरे में सनस्क्रीन का प्रयोग सुरक्षित माना गया है, पर दिन में सूर्य की रोशनी में ये एकदम हानिकारक है | यहीं वजह है कि रात को लगाने वाले क्रीमों में भी हम  विटमिन – ए के अस्तित्व पा सकते है |

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