सम्भोग (Sambhog): मेरी पति की परिभाषा

सम्भोग (Sambhog): मेरी पति की परिभाषा

27 Apr 2018 | 1 min Read

Manveen (Motheropedia_Blog)

Author | 61 Articles

जब मैं 16 वर्ष की थी तब मैं मिल्स एंड बून्स बहुत पढ़ती थी और हर जगह उससे साथ लेकर जाती थी। क्लास में, कार में, स्कूल, बिस्तर और वॅाशरूम में। मैं जागती आंखों से ख्वाब देखती थी कि मेरे लिए एक लम्बा, सावला और खूबसूरत सा नौजवान आएगा और कैसे मेरे दिल कि धड़कनें तेज़ होंगी जब वो मेरे होठों को किस करेगा, मुझे अपनी बांहों में भर लेगा। तब मेरे पैर थिरकने लगेंगे, थोड़ी सी व्हिप्ड क्रीम और सम्भोग भरी अनगिनत रातें।

हालांकि यह सब मुझे मिल भी गया, जब तक मेरा बच्चा नहीं हुआ था। उसके बाद मैंने रोमांस को जीवित रखा, हड्डियों और ब्रेस्ट में दर्द के बावजूद पर यह नियमित संभोग (SAMBHOG) का नतीजा यह हुआ कि मेरा दूसरा बच्चा हो गया। अब यह तो मेरे सम्भोग (sambhog) भरे जीवन का अंत लेकर आया था। मैं हमेशा बच्चों में उलझी रहती थी, बर्तन, घर का रख रखाव, और मेरा बढ़ता हुआ वज़न। इन्ही सब से फुर्सत नहीं मिलती थी। अब तो व्हिप्ड क्रीम सिर्फ एप्पल पाई पर लगाने की सोच सकती थी।

जिस समय यह सब हो रहा था, मेरे लम्बे, सांवले और खूबसूरत नौजवान की काफी अनदेखी हो गयी । हालांकि वो समझ रहे हैं कि बच्चों को मेरी ज़रुरत है, वह यह भी समझते थे कि घर ठीक रहना भी ज़रूरी है, वो तब भी शांत रहने कि कोशिश करते थे जब मैं उनसे ज़्यादा बर्तनों के बारें सोचती थी और निराश न दिखने कि बहुत कोशिश करते थे जब सम्भोग (Sambhog) का विषय आने पर मेरी दबी छिपी सी यौनइच्छा बस यह कह पाती थी कि “हाँ, अब मेरा एक बेटा और बेटी हैं “

एक दिन उन्होंने मुझसे अपने मन की बात की मुझे अपने पास बैठाया। उस समय की बातचीत के अंश यह हैं और सम्भोग(Sambhog) की इच्छा के पीछे छुपे हुए कुछ एहसास :

वो मुझे चाहते हैं : यह कोई शारीरिक चाहत नहीं है, वह चाहते हैं कि मैं उन्हें विशेष महसूस कराऊँ। थोड़ी देर के लिए सब कुछ छोड़ कर उनके साथ सम्भोग करूँ, इसलिए नहीं कि यह उनकी जिस्मानी ख्वाहिश है बल्कि इसलिए कि मानसिक स्तर पर यह उन्हें एहसास दिलाता है कि मैं उन्हें चाहती हूँ । यदि मैं अनेकों चीज़ों के लिए समय निकाल सकती हूँ तो उन्हें चाहने और उनसे प्रेम करने के लिए भी समय निकाल सकती हूँ।

तुम मेरी पत्नी हो और मैं तुम्हारे करीब आना चाहता हूँ : हाय, मेरा बेचारा पति। मैं हमेशा कहती हूँ कि दिन में एक बार फ़ोन करने मेरा और बच्चों का हाल चाल ले लिया करो पर वो मेरे करीब रहने की अपनी चाहत को इस तरह व्यक्त करते हैं। मतलब यदि हमारे बीच कोई झगड़ा या अनबन हुई हो और हमें एक दुसरे से बात करने का अवसर ना मिला हो तो महाशय इस तरह मुझसे करीब आने के एहसास कि पुनःप्राप्ति के लिए मेरे पास आते हैं। एक पुरुष की बायोलॉजिकल केमिस्ट्री में सम्भोग एक ऐसी चीज़ है जिससे इनका दिमाग ऑक्सीटोसिन जैसे करीब आने वाले हॉर्मोन छोड़ता है, जिससे किसी के करीब आने के एहसास का पता चलता है।
मेरी भावनाएं तुम्हारे सामने जाहिर हो चुकी हैं, ज़रा सोचिये इस बात को। वो मूड में हैं, पर उनको पता नहीं है कि आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी। उन्हें पता है कि आप थक कर चूर हो चुकी हैं पर वो बच्चों के सोने का, घर की साफ़ सफाई इंतज़ार कर रहे हैं और लिस्ट में कहीं नीचे छिपी हुई सम्भोग की इच्छा के लिए बैठे हैं। वह मेरे निकट आते हैं, थोड़ा डरे डरे से, शायद ना सुनने का डर है। वो अपनी मनोभावनाओं को सम्भोग की इच्छा से जोड़ ही रहे हैं कि आप उन्हें बोल दें “मुझे नींद आ रही है “| उफ्फ्फ ! तो आपको स्वयं को अपनी इच्छा के विरुद्ध जाकर सम्भोग करने की ज़रुरत नहीं है, ज़रुरत है तो बस अपने पति को किसी तरह यह बताने की कि अगली रात को सम्भोग होगा वो भी एकदम जोशीला और प्रेम से सराबोर।

तो आज रात का प्लान यह है कि बच्चों को सुलाने जा रही हूँ, बर्तन को भूल कर अपने लिए थोड़ा समय निकाल कर फिर से एक बार याद कर रहीं हूँ कि वो ही मेरे मिल्स एंड बून्स के हीरो हैं और मेरे दिल में आज भी हलचल होती है जब वो मुझे चूमते हैं।

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#familyandrelationships

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