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इन 7 तरीकों से बच्चों के नखरों से निपटा जा सकता है

इन 7 तरीकों से बच्चों के नखरों से निपटा जा सकता है

28 Apr 2018 | 1 min Read

Shree Venkatesh

Author | 13 Articles

एक सार्वजनिक स्थान पर एक नखरे करने वाला बच्चा बहुत ही सामान्य सी बात है। कुछ साल पहले जब मैं मदर्स क्लब में शामिल नहीं हुई थी, तो मैं दर्शक गण में शामिल होकर आसमान सर पर उठाने वाले बच्चे के मातापिता के लिए खेद महसूस करती था। आज मैं स्वयं मदर्स क्लब में शामिल हूँ और एक व्यस्त सार्वजनिक जगह पर ग़दर मचाते हुए जुड़वा बच्चों की माँ हूं। मुझे एक सार्वजनिक व्यक्ति बनना और लोगों के ध्यान में रहना अच्छा लगता है। पर सच कहूं तो इस तरह का पब्लिक अटेंशन नहीं चाहिए था मुझे जब मेरे जुड़वां करीब 3.5 साल के करीब थे तो मैं अक्सर इस तरह की शर्मनाक परिस्तिथि में खुद को पाती थी अब वे 6 साल हैं, इसलिए इस तरह की हरकतें काफी कम हो गई है क्योंकि इस उम्र में उनके साथ तर्क करना संभव है।

 

यह एक मज़ाक लगेगा लेकिन जब मेरे जुड़वां बच्चे छोटे थे तो ऐसा लगता था कि घर से निकलने से पहले उनके बीच एक समझौता होता था कि वे एकजुट होकर ग़दर मचाएंगे किसी भी तरह से दोनों एक ही समय में हल्ला गुल्ला शुरू कर देंगे, भले ही मैं घर छोड़ने से पहले असंख्य बार उन्हें पब्लिक प्लेस के नियमों के बारे में अवगत करा चुकी हूँ वे दोनों मुझे आश्वस्त करते थे घर छोड़ने से पहले कि वे अपने सबसे अच्छे व्यवहार पर होंगे, लेकिन जैसे ही हम स्टोर या किसी सार्वजनिक स्थान पर पहुंचते, मुझे लगता है कि गजिनी फिल्म जैसा शार्ट टर्म मेमोरी लॉस हो जाता था और वो दोनों फिर शुरू हो जाते थे  !!

 

ऐसी शर्मनाक परिस्थितियों को कम करने के निश्चित तरीके हैं:

जूस या पानी के साथ कुछ छोटा मोटा स्नैक्स बाज़ार में इस तरह की हरकतों को कम करने का एक आसान तरीका है। यह बच्चों को व्यस्त रख कर  स्थिति को नियंत्रित करता है।

 

जब बच्चे ऐसा कर रहे हों तो मातापिता को भी वही सब करना ठीक नहीं है। मैं मज़ाक नहीं कर रही हूँ  !! ऐसा होता है। कभीकभी हम मातापिता इतने तनावग्रस्त हो जाते हैं कि हम भी बच्चों के नखरों के आगे स्वयं नखरे करना शुरू कर देते हैं। स्वयं पर काबू रखना कर स्थिति को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।

हमेशा नहीं पर कभी कभी बच्चों को सीने से लगा लेने से भी काम बन जाता है | और कोशिश करने में क्या हर्ज़ है ?

 

उस स्थान से बच्चे को दूर ले जाना आम तौर पर मदद करता है। उनका ध्यान बटा देने से निश्चित रूप से स्थिति को नियंत्रण में लाने में मदद मिलती है।

 

चीखने वाले बच्चे की पिटाई या उसपर चिल्लाना स्थिति को और ख़राब कर देगा। उस समय  पर हमारे आपा खोने से बचने के लिए बेहतर है कि बच्चे से प्यार से बात करें और बच्चे को थोड़ा प्यार दिया जाए | इससे बच्चा भी शांत हो जाता है और तनाव से भी बचा जा सकता है |

 

बच्चे को बाद में यह महसूस करना बहुत महत्वपूर्ण है कि उन्होंने क्या किया और इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। जब आप बच्चे को यह समझाते हैं कि उनका व्यवहार ठीक नहीं था तब ध्यान रखें कि बच्चा शांत हो और किसी रोष कि स्तिथि से नहीं गुज़र रहा हो | शांत मन अक्सर अपनी गलतियां मान लेता है |

 

जब बच्चा भूखा हो या फिर ठीक से सो नहीं पाया हो तब उसे किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में ले जाना या घर पर कई मेहमानों को बुलाना इस स्तिथि को आमंत्रित ज़रूर करता है | ऐसे समय में सुनिश्चित करें कि बच्चे का पेट भरा हो, और बच्चा अच्छी तरह से विश्राम कर चूका हो

 

मैंने एक माँ को 4 और 2  साल के बच्चों के बीच सामंजस्य बनाने की कोशिश करते हुए जब बड़ा बच्चा खूब शोरगुल मचा रहा था, तब मुझे अपने बच्चों की हरकतें याद गयीं | अब वो 7 वर्ष के हैं और उन्हें यह समझाना आसान है कि उनका व्यवहार उचित नहीं था चाहे वो घर पर हो या बाहर | इस उम्र में आप उनसे थोड़ा  खुल कर बात कर सकते हैं और कुछ नियम बाँध सकते हैं और नियमों के उल्लंघन करने पर क्या हो सकता है उस बारे में भी अवगत करा सकते हैं |

 

धैर्य रखने से ऐसी परिस्तिथियों का मुक़ाबला आसानी से किया जा सकता है | तब तक के लिए शुभकामनाएं

 

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