दस छोटी छोटी हाथ पैर की उँगलियाँ..यह है आपकी खुशियों का छोटा सा पिटारा | आपने इसके जनम के हर चरण को कैमरा में कैद किया है, नर्सरी, छोटे छोटे कपड़े, मातृत्व से लेकर जन्म तक, और माँ के रूप में अपने नए जन्म तक को |
बिना नींद की रातें और असंख्य बार डायपर बदलने के बाद भी आपके हाथ में जो छोटा सा करिश्मा लिप्त हुआ था आपने उसके साथ प्रेम, वात्सल्य, और विस्मय पूर्ण समय का बहुत आनंद लिया है |
यही समय है जब आपका बच्चा खूब दिन दुनि रात चौगुनी बढ़ेगा | उस नन्ही सी जान को बढ़ते देखकर जीना एक एक अलग ही एहसास दिलाता है | पहले साल में बच्चे बहुत कुछ सीख जाते हैं और इसका पता लगाना मुश्किल होता है कि वो सही दिशा में बढ़ रहे हैं | सभी बच्चे अपनी अपनी गति के हिसाब से सीखते और बढ़ते हैं | सामान्य क्षेणी में कुछ पड़ावों पर नज़र रख सकते हैं |
आज हम संज्ञानात्मक विकास पर चर्चा करेंगे । संज्ञानात्मक विकास की पेहचान इस बात से होती कि एक बच्चा कैसे सीखता है, ज्ञान कैसे प्राप्त करता है और कैसे अपने आस–पास के माहौल के हिसाब से बर्ताव करता है। बचपन में एक बच्चे के रूप में विभिन्न संज्ञानात्मक कौशल प्राप्त किए जाते हैं जिनमे कुछ पड़ावों को पूरा करने की आवश्यकता होती है। माता–पिता के रूप में, आप स्मृति, एकाग्रता, ध्यान और धारणा के क्षेत्रों में अपने बच्चे के संज्ञानात्मक विकास को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
जन्म से ही बच्चे अपने आसपास के बारे में जानते हैं और उन्हें तलाशना चाहते हैं। जैसे ही आपका बच्चा उसके आस–पास के लोगों और वस्तुओं के साथ खेलता है और बातचीत करता है, वह अपने शरीर, उसके घर और उसके आस–पास की दुनिया के बारे में सीखता है।
पहले बड़े वर्ष के लिए संज्ञानात्मक पड़ाव यहां दिए गए हैं –
- चीजों के बारे में महसूस करके, सुनकर, देखकर, और सूंघ कर जानना । यह छाती पर रेंगने से शुरू होता है और धीरे–धीरे बच्चा न केवल माता–पिता बल्कि पर्यावरण को भी समझता है और प्रतिक्रिया करता है।
- मस्तिष्क के विकास और स्मृति में मदद करने के लिए हलचलों और इशारों को दोहराते हुए शुरू होता है – आप देखेंगे कि इस वर्ष में, बच्चे बार–बार दूध, खुशी, असुविधा और कई अन्य उत्तेजनाओं व्यक्त करने के लिए विशिष्ट इशारे करते हैं ।
- खिलोने और दूध की बोतल जैसी चीज़ों को हिला कर, पटक कर और फेंक कर उनको पहचानने की कोशिश | किसी छोटी वास्तु को ऊँगली से पकड़ना और बड़ी वस्तु को दोनों हाथों से पकड़ना |
- छुपी हुई वस्तुओं को आसानी से खोज लेना – जब आप झुनझुने को कम्बल या चादर के अंदर छिपा देते हैं तो वह समझ जाता है कि कम्बल हटाने से उसे झुनझुना मिल जायेगा
- यह समझना कि वस्तुओं का उपयोग कैसे किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, फर्श पर ब्लॉक को टक्कर मारना, एक झुनझुने को हिलना, या खिलौने पर बटन दबाना ।
- इस वर्ष में बच्चा विभिन्न प्रकार की कार्रवाइयों की नकल करेगा जैसे अलविदा अलविदा, उसके सिर को हिलाकर मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण कूद दर्शाता है।
- इस वर्ष में बच्चा विभिन्न प्रकार की कार्रवाइयों की नकल करेगा जैसे हाथ हिला कर विदा करना, सिर को हिलना, इत्यादि | यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।
- बच्चा एक–चरणीय आदेशों का पालन करेगा जैसे कि “कृपया मुझे गेंद दो।“, “यहां आओ।“
- एक किताब के पन्नो को पलटना, ब्लॉक के बने आकर को गिरा देना, मार्ग अवरोधकों से बचना और खुद से भोजन करना, इत्यादि ऐसे कुछ काम हैं जो बच्चे सीखेंगे और माहिर हो जायेंगे ।
- बच्चा वस्तुओं को उनके उचित उपयोग से जोड़ना शुरू कर देगा जैसे कि कप से पीना, कंघे से बाल काढ़ना, एक बार में एक पैर उठा कर पैंट पहनना, हाथ ऊपर उठा कर कमीज पहनना, इत्यादि |
बच्चा अपनी दैनिक क्रियाओं में ऊँगली का प्रयोग करना सीख जाएगा | डब्बे में चीज़ें डालना और निकालना उसका सबसे पसंदीदा खेल बन जायेगा |
संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा कैसे दें ?
- पढ़िए, खूब पढ़िए और बच्चे को पढ़कर सुनाइए | इस आयु में बच्चे बहुत सी बातें सीखते हैं |
- अपने बच्चे से संवाद कीजिये – उससे बच्चों वाली बातें नहीं बल्कि ज्ञानवर्धक और गहन बातें कीजिये | उसे बताइये कि आप क्या पका रहे हैं, क्या खा रहे हैं, उसे खिला रहे हैं और उसका डायपर बदल रहे हैं, इत्यादि |
- उसके डायपर बदलते समय या नहलाते समय शरीर के अंगों को छूकर उनके बारें में बातें कीजिये |
- अक्षरों और संख्याओं की ध्वनि के बारे में बच्चे को बताइये | सब कुछ गिन कर और पढ़ कर बताइये |
- निर्देशों वाला खेल खेलिए | आपका बच्चा सरल आदेशों और निर्देशों का पालन करने में तेज़ी से सक्षम होता जाता है और जब उसे एहसास होता है कि जो आप कह रहे हैं वो काम वह कर पा रहा है तो उसे स्वयं पर गर्व होता है
- वैसे खिलौने रखिये जो एक दुसरे में समा जाएँ, जैसे कि डब्बे और कप्स | बच्चे को बताएं कि कैसे उन्हें एक के ऊपर एक रखना है | मेरा बच्चा तो मेरा खड़ा किया टावर को गिराने में बहुत खुश होता है |
- इस चरण में बच्चे को वस्तुओं कि स्थायिता के बारे में बताइये – कम्बल के नीचे बड़े खिलौने छिपाते हुए उसे दिखाइए | जब आप उसे खिलौना खोजने के लिए कहेंगे तो वह देखेगा कि कम्बल फ्लैट नहीं है और उसे याद आएगा कि आपने खिलौना उसके नीचे छिपाया था | वो कम्बल हटा कर खिलौना खोज लेगा |
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- इस चरण तक बच्चा रेंगते हुए और मदद लेकर खड़े होकर आसपास का वातावरण टटोलने लग जाता है | संगीत के साथ साधारण अभ्यास कराइये ताकि चलने में और संतुलन को मज़बूत बनाने में मदद मिले |
- बच्चे को रसोईघर के बर्तन और कड़छी दीजिये | वो उसे पटकेगा, खाना बनाने कि नक़ल करेगा या बस उससे खेलेगा, पर जो करता है करने दीजिये | बच्चे की कलात्मकता देखकर आप हैरान हो जायेंगे |
- यह ध्यान रहे कि आप बच्चे को एक समय से ज़्यादा से ज़्यादा 2 या 3 खिलौनों से खेलने दें | इससे एकाग्रता आती है, ध्यान केंद्रित करने कि क्षमता बढ़ती है और खेल की तरफ आदर भाव आता है |
अब जब हम संज्ञानात्मक विकास पर आने वाले अनेक लेखों में पहला लेख समाप्त कर रहे हैं, तो मेरी सलाह यही है कि “शिक्षा और विकास कहीं भी और हर जगह हो सकता है, सबसे ज़रूरी बात यह है कि हमेशा ध्यान केंद्रित रखें और अवसर ना खोएं” |
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