बच्चों के साथ सचेतन का अभ्यास

बच्चों के साथ सचेतन का अभ्यास

10 May 2018 | 1 min Read

Anamika Agnihotri

Author | 19 Articles

एक हफ्ते पहले मैं अपनी पुरानी दोस्त कनिका से कॉफ़ी पर मिली थी | हमने बहुत सी बातों पर चर्चा की और उनमे से एक बड़ी बात यह थी कि कनिका अपनी 6 वर्षीय बेटी निशी के बारे में चिंतित थी, जो हर सुबह पेट दर्द और तबियत ख़राब होने की शिकायत करती है ताकि स्कूल ना जाना पड़े |

 

जबकि इस स्थिति के अन्य पहलू हो सकते हैं जैसे कि निशी को स्कूल में बदमाशी अथवा बुलिंग का सामना करना पड़ सकता है या फिर निशि को दिन भर स्कूल में रहने से तनाव और चिंता हो जाती होगी जिससे निपटने में उसे मुश्किल होती होगी स्कूल में बच्चे के साथ बदमाशी या बुलिंग गंभीर समस्या है और इसमें मातापिता और स्कूल की तरफ से तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। फिर भी चिंताओं और तनाव से निपटने के लिए बच्चे को मानसिक रूप से मज़बूत बनाना ज़रूरी है |

 

माइंडफुलनेस अथवा सचेतना का मतलब होता है वर्त्तमान पर ध्यान देना | बच्चों की किताबगुड मॉर्निंग, सनशाइन | स्टोरी ऑफ़ माइंडफुलनेसकी लेखक ट्रीना मारकुसून कहती हैंहमारे पास इतने सारे खूबसूरत क्षण होते हैं जिन्हे हम रोज़ नज़रअंदाज़ कर देते हैं क्यूंकि हम उन ख्यालों में खोये रहते हैं जो हमें हमारे वर्त्तमान से दूर ले जाते हैं

 

हमारे बच्चों को सचेतना का अभ्यास करने में मदद करने का पहला कदम यह है कि हम खुद पर अभ्यास करें। हमारे अपने विचारों पर नजर रखनी  होगी यह महसूस करने के लिए कि क्या यह हम मातापिता, जो अपने बच्चों को तनाव और चिंता दे रहे हैं, प्रारंभिक बिंदु हो सकते हैं।

 

बच्चों के साथ काम करने वाले एक सचेतना की शिक्षक, सुसान कैसर ग्रीनलैंड ने कहा, “सचेतन सीखना पियानो की तरह नहीं है, जहां आप इसे किसी और को अपने बच्चों को सिखाने के लिए कह सकते हैं।” “आपको इसे खुद सीखना होता है।

अपने बच्चों के साथ सचेतन का अभ्यास करने के कई तरीके हैं :

  • जब बच्चे आपके आस पास हों तो स्मार्टफोन्स जैसे विकर्षण को स्वयं से दूर रखें या फिर बार बार उसकी तरफ ना देखते रहे |
  • उन गतिविधियों को समय दीजिये जिनसे एकाग्रता, रचनात्मकता और सवाल पूछने बढ़ती है, जैसे पढ़ना, चित्र बनाना और बातें करना और ना कि दिन भर टीवी के सामने बैठे रहना |
  • भले ही आप किसी बात को लेकर विचलित हों या निराश हों, तब भी दूसरों से उदारपूर्वक व्यवहार करें, खासकर अपने बच्चों से | इसमें बहुत ही अधिक अभ्यास की आवश्यकता है |
  • अपने जीवन में उन चीजों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करें जिनके लिए आप आभारी हैं।

 

बच्चों के लिए सचेतक गतिविधियां :

 

  • बेली ब्रीथिंग अर्थात पेट से सांस लेना : श्वास अभ्यास आपको आपके शरीर की ले से परिचित कराता है | बच्चे का पसंदीदा खिलौना उसके पेट पर रख कर उसे लम्बी सांसें लेने को कहिये जब तक कि वो सो जाए | यह बहुत ही आसान है और एक कारगर तरीका है बच्चे को सोने से पहले शांत करने का और इससे उसकी रात काफी आराम से गुज़रेगी |
  • पाँचों इन्द्रियों पर ध्यान केंद्रित करना : बाहर जाकर शांति से तेहेलिए, आस पड़ोस में घूमिये, उन चीज़ों को देखिये जिन पर आपने पहले कभी ध्यान नहीं दिया | अपने आस पास की आवाज़ों को सुनिए, मेंढक, चिड़ियों की चहचहाहट, हवा की आवाज़ | भोजन करते समय सुनिश्चित कीजिये कि पृष्टभूमि में कोई आवाज़ नहीं हो रही और भोजन की गंध, स्पर्श और स्वाद को महसूस करते हुए खाइये |
  • कृतज्ञता व्यक्त करनाकृतज्ञता सचेतन का एक मौलिक घटक है। अपने जीवन में बहुतायत की सराहना करने के लिए बच्चों को शिक्षण देना, और ना कि हर समय खिलौनों और उपहारों पर ध्यान केंद्रित करना |
  • एक मन का जार बनाइये : मन का जार बर्फ की गोल दुनिया की तरह हैइसे हिलाने पर तूफ़ान  सा देखने को मिलता है ! लेकिन यदि आप शांति से बैठते हैं और लम्बी सांस लेते हैं और शान्ति से अशांति को देखते हैं, तो यह ठीक हो जाता है। हमारा मन भी ऐसा ही  होता है |

 

#anxiouskids #toddlerbehaviour #mindfulnessactivities #hindi #balvikas

A

gallery
send-btn

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.