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जन्म के कुछ ही दिनों में बच्चे का वज़न 5 से 10 परसेंट तक घटता है I

जन्म के कुछ ही दिनों में बच्चे का वज़न 5 से 10 परसेंट तक घटता है I

13 Jul 2018 | 1 min Read

Dr. Indu Khosla

Author | 10 Articles

जन्म के बाद बच्चे का वज़न कितना होना चाहिए? एक फुल टर्म नॉर्मल प्रेगनेंसी में बच्चे का वज़न 2.5 किलो से 3.5 किलो के बीच होना चाहिए। समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चे का वज़न 2.5 किलो से कम होने की वजह से बच्चे की ग्रोथ रुकने का खतरा रहता है. Premature बच्चों का वज़न उनके जन्म पर निर्भर करता है.

 

इसके अलावा, माँ की हेल्थ, उसका खान-पान, उसका BP, डायबिटीज़, Premature डिलीवरी, ट्विन प्रेगनेंसी, जेनेटिक प्रॉब्लम का भी बच्चे की हेल्थ पर असर पड़ता है.

 

जन्म के कुछ ही दिनों में बच्चे का वज़न 5 से 10 परसेंट तक घटता है और अगले 10 दिन, एक हफ़्ते तक इस घटे हुए वज़न की भरपाई होती है. Premature बच्चों को अपना वज़न बढ़ाने के लिए 2 से 3 हफ़्तों का टाइम लगता है. जन्म के कुछ समय बाद बच्चे का वज़न शरीर से ज़रूरी Fluids के निकलने की वजह से घटता है.

 

बच्चा ढंग से खा रहा है, उसे पोषण मिल रहा हो, वो पॉटी ढंग से कर रहा है, तो वो स्वस्थ है.

 

बच्चे का वज़न इस सब के बावजूद भी न बढ़ रहा हो, तो डॉक्टर को दिखाने की ज़रूरत है.

 

वज़न बढ़ाने के लिए बच्चे को क्या दें?

 

बच्चे के विकास के लिए सबसे सही खुराक माँ का दूध है. उसकी शारीरिक ज़रूरतों और मानसिक विकास के लिए माँ का दूध बढ़िया है. ये बच्चे को 6 माह तक दिया जाना ज़रूरी है.

 

माँ का पहला दूध, जिसे कोलस्ट्रम कहा जाता है, वो बच्चे को जन्म के फ़ौरन बाद दिया जाना चाहिए। इसमें मौजूद विटामिन, प्रोटीन और बाकी ज़रूरी पोषक तत्वों से बच्चे क विकास में मदद मिलती है.

 

बच्चे का विकास 6 से 9 माह के बीच ज़्यादा होता है और साल भर का होने पर वो तिगुनी तेज़ी से बढ़ता है. पहले साल में बच्चे का वेट गेन थोड़ा स्लो होने के कारण उनका वज़न 1 से 3 किलो ही बढ़ पाता है.

 

बच्चे के लिए हाई कैलोरी फ़ूड

 

6 माह का होने पर बच्चे को दूध सहित सॉलिड फ़ूड भी दिया जाना चाहिए। इस फ़ूड में कैलोरी और पोषक तत्वों की मात्रा ज़्यादा होनी चाहिए। आलू,  शकरकंद, केले, सेब, Avocado, चावल जैसी चीज़ों में कैलोरी की अधिक मात्रा होती है और ये बच्चे के बढ़ते वज़न के लिए सही होते हैं.

 

चावल, ब्राउन ब्रेड, ओट्स, दाल, अलसी, पीनट बटर, पनीर, कोकोनट ऑइल, सनफ्लावर ऑइल जैसे वसायुक्त खाने को बच्चे की डाइट में शामिल करें। इन्हें डॉक्टर भी रेकमेंड करते हैं.

 

9-10 माह का होने पर बच्चे की डाइट में अंडा, मछली और मीट को शामिल करें। ये उसकी ग्रोथ और वज़न बढ़ाने में मदद करते हैं.

 

दुग्ध पदार्थ भी बच्चे की हेल्थ के लिए ज़रूरी हैं. साथ ही फाइबर भी.

 

आर्टिफीसियल चीनी और डब्बाबंद जूस बच्चे को न दें, ये मोटापे का कारण बनता है.

 

किसी भी चीज़ को लेकर शंका होने पर डॉक्टर से संपर्क  करें।

#shishukidekhbhal

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