• Home  /  
  • Learn  /  
  • अब तक आपको कई प्रीनेटल विज़िट का अनुभव हो चूका होगा लेकिन चौथे विज़िट की इन बातों को ज़रूर ध्यान में रखिए
अब तक आपको कई प्रीनेटल विज़िट का अनुभव हो चूका होगा लेकिन चौथे विज़िट की इन बातों को ज़रूर ध्यान में रखिए

अब तक आपको कई प्रीनेटल विज़िट का अनुभव हो चूका होगा लेकिन चौथे विज़िट की इन बातों को ज़रूर ध्यान में रखिए

30 Jul 2018 | 1 min Read

Baby 360 Degrees

Author | 62 Articles

इस विज़िट से पहले, अल्ट्रासाउंड के ज़रिये आपने ये पता लगा लिया होगा कि किसी भी प्रकार का बर्थ डिफ़ेक्ट तो नहीं, कितने बच्चे हैं, प्लसेंटा कहां है और प्रेगनेंसी को कितना समय हो गया है. अब तक आप अपने बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति समझ चुके होंगे.

 

ये बात सुनिश्चित कर लें कि इस महीने जब भी आप डॉक्टर के पास चेक-अप के लिए जाएं तो अपनी अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट ज़रूर साथ ले जाएं. अपने डॉक्टर से कुछ पूछना हो तो ज़रूर पूछ लें.  

 

आपका रेगुलर वज़न और BP चेक होगा जो आपकी एंटीनेटल फ़ाइल पर लिख दिया जाएगा.

 

आपके बच्चे की दिल की धड़कन डॉप्पलर पर चेक होगी. डॉक्टर आपके पेट को छू कर आपकी यूटेरस का साइज़ और ऊंचाई का अंदाज़ा लगाएंगे.  

 

इस चौथे महीने के चेक-उप में, डॉक्टर आपको दुगनी, तिगनी या चौगुनी मार्कर टेस्ट भी करवाने को कह सकते हैं जिससे किसी भी प्रकार के प्रीनेटल जेनेटिक डिफ़ेक्ट की शुरुवाती जांच होती है.  .

 

अगर डॉक्टर अपने ही क्लीनिक पर अल्ट्रासाउंड करते हैं तो आपको अपने बच्चे का हिलना और लात मारना भी देखने को मिल सकता है.

 

चूंकि मतली जैसे गर्भावस्था के लक्षण अब कम हो गई हैं, दूसरा तिमाही सफ़र करने का उचित समय है. आप डॉक्टर से अपनी यात्रा के बारे में चर्चा भी कर सकते हैं.

 

अगर आपके डॉक्टर ने आपको और आपके साथी को पहले तिमाही में  सेक्स से बचने के लिए कहा था, तो इस विज़िट में वो आपको इसकी इजाज़त दे सकता है. अगर आपके या आपके साथी के मन में किसी भी तरह का सवाल या संदेह है, तो उसे ज़रूर क्लियर कर लें.  

 

#garbhavastha #hindi

A

gallery
send-btn

Related Topics for you

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.