• Home  /  
  • Learn  /  
  • बच्चे के पाचन के लिए श्रेष्ठ आयुर्वेदिक दवाइयाँ
बच्चे के पाचन के लिए श्रेष्ठ  आयुर्वेदिक दवाइयाँ

बच्चे के पाचन के लिए श्रेष्ठ आयुर्वेदिक दवाइयाँ

13 Aug 2018 | 1 min Read

Medically reviewed by

Author | Articles

अपच  किसी को भी हो सकता है।  लेकिन अगर ये बच्चे को होता है तो अक्सर निदान करना मुश्किल होता है और नरमी से  इलाज किया जाना चाहिए।  चूंकि शिशु असुविधा को स्पष्ट रूप से व्यक्त नहीं कर सकता है, इसलिए यह समझने में कुछ समय लग सकता है कि आपका बच्चा सामान्य से अधिक क्यों रो रहा है। कुछ लक्षणों में जलन, निरंतर रोना, साँसों  की बदबू  और आपके बच्चे के मल की स्थिरता में बदलाव शामिल हैं।

 

अगर आप इन में से कोई भी लक्षण देखते हैं तो ये वक़्त है की आप बच्चे को चितिक्सक  के पास ले कर जाएं। चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी है की ये वास्तव में अपच की समस्या है और कुछ बड़ा नहीं है।  एक बार यह स्थापित हो जाने के बाद, दवा या उपचार तदनुसार प्रशासित किया जा सकता है। चूंकि शिशुओं में नाजुक कार्य पद्धती होती  है और वो  दवा का उच्च खुराक सहन नहीं  कर सकते हैं। आयुर्वेद एक प्राकृतिक विकल्प प्रदान करता है जो दुष्प्रभावों से मुक्त है और उपयोग करने के लिए सुरक्षित है। हालांकि, हर व्यक्ति उपचार के विभिन्न तरीकों से अलगअलग प्रतिक्रिया देता है और आपको बच्चों के साथ अधिक सावधान रहना चाहिए। तो, अपने बच्चे को कोई दवा देने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

यहाँ शिशुओं के पाचन के लिए पाँच आयुर्वेदिक दवाइयों की सूचि दी गई है जो आप अगली बार अपच होने पर उन्हें  देने का विचार कर सकते हैं।

 

 

१.अरविंदस्वाम

यह तरल दवा विशेषकर बच्चों  के लिए है जो पाचन और ताकत में सुधार करता  है। हल्के पाचन समस्या के लिए, इस दवा के एक चम्मच को बराबर मात्रा में पानी में मिलाए  और नाश्ते या दोपहर के भोजन के बाद इसे अपने बच्चे को दें। गंभीर पाचन समस्या के मामले में, आप इसे एक बार के बजाय दिन में दो बार बच्चे को  दे सकते हैं।

 

२. श्रिंगा भस्म

ये पाचन की दवा देश भर में सार्वजनिक रूप से उपयोग किया जाता है और  हिरण के सींग को पीसकर बनाया जाता है जिसमें उच्च पौष्टिक मूल्य होता है।   पाचन समस्याओं के अलावा, श्रिंगा भस्म को श्वसन संबंधी समस्याओं के लिए भी उपयोग किया जाता है। दिन के खाने के बाद,  घी या शहद के साथ अपने बच्चे को 30 मिलीग्राम पाउडर दे सकते हैं।

 

३. बलचतुरभाद्र चूर्ण

यह दवा चार जड़ी बूटीयों  का मिश्रण है और पाउडर रूप में उपलब्ध है। यह पाचन समस्याओं के अलावा बच्चों में खांसी और सर्दी  जैसे सामान्य समस्याओं में भी मदद करता है। इस पाउडर के 0.5 से 1ग्राम को शहद के साथ मिश्रित कर के  दोपहर के भोजन के बाद अपने बच्चे को दे सकते हैं।

 

 

४. जहर मोहरा पिसती

ये टैबलेट और पाउडर  दोनों रूपों में उपलब्ध है, यह दवा मोहर पत्थर से बनाई गई है और बच्चों में अपचन के इलाज में बहुत प्रभावी है। यह खांसी और अम्लशूल जैसी समस्याओ  के लिए भी प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह एक प्राकृतिक शीतलक है और भोजन से पहले या बाद में लिया जा सकता है।

 

 

५. त्रिफला

जैसा कि नाम से पता चलता है, यह दवा तीन फलों – आंवला, वसंत फल(बिहारा), और चेबुल्ला(हरदा)  से बनता है। इसका उपयोग बच्चों के साथ साथ वयस्कों द्वारा भी किया जा सकता है। यह पेट के समस्याओ  जैसे अपचन, कब्ज, इत्यादि के इलाज में काम आता है। रात्रिभोज के बाद अपने बच्चे को इस दवा का एक चम्मच दें सकते हैं।

 

 

संक्षेप में:

आयुर्वेद नियमित स्वास्थ्य समस्याओं जैसे अपच के इलाज का एक पुराना और  प्रभावी तरीका है।

तो, अगली बार अगर आपका बच्चा पाचन समस्या से पीड़ित है, तो आपको बस  इस लेख को देख कर उपरोक्त पांच पाचन दवा विकल्पों में से एक को चूनना है। लेकिन याद रखें, खुद से निदान करना  खतरनाक हो सकता है, यही कारण है कि आपको इन दवाओं को देने से पहले चिकित्सक से अनुमति की आवश्यकता है।

#shishukidekhbhal #hindi

A

gallery
send-btn

Related Topics for you

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.