14 Aug 2018 | 1 min Read
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कान का संक्रमण बच्चों और शिशुओं में सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। दोनों, कारणों और लक्षणों को देखते हुए, ये कई प्रकार के हो सकते है – माता–पिता को समस्या की पहचान करना मुश्किल हो जाता है , खासकर जब बच्चा इसे शब्दों में व्यक्त करने के लिए छोटा होता है। ज्यादातर, बच्चों में कान संक्रमण गंभीर स्वास्थ्य चिंता नहीं है , लेकिन निश्चित रूप से यह दर्द उन्हें बड़ी असुविधा में डालता है । बच्चों और शिशुओं में कान संक्रमण के सही समय पर इलाज के लिए कुछ कॉमन संकेतो को जानना जरुरी है।
कान संक्रमण बच्चों और शिशुओं में:-
कान के संक्रमण को बच्चों और शिशुओं में ओटिटिस कहा जाता है, जो ज्यादातर ईयर कैनाल और मिडिल ईयर पर असर करता है मगर कभी कभी ये इनर ईयर पर भी असर करता है। संक्रमण का स्थान उसके कारणों और संकेतों से पता चलता है। अधिकतर यह वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन अथवा अन्य बिमारियों जैसे सर्दी, बुखार या किसी एलर्जी के कारण होता है।बैक्टीरिया और वायरस के कारण उष्टचियन ट्यूब में सूजन आ जाती है ।सूजन के कारण म्यूकस तथा अन्य स्त्राव कान के अंदर ही रह जाते हैं। यह रुका हुआ फ्लूइड कान पर न सिर्फ दबाव डालता है बल्कि अन्य तरह के बैक्टीरिया के पनपने को बढ़ावा देता है , जिस से दर्द और खुजली होती है।
बच्चों में कान संक्रमण के संकेत:
वयस्कों और बड़े बच्चों के मुकाबले , छोटे बच्चों में यह संक्रमण अधिक पाया जाता है क्युकि उनकी उष्टचियन ट्यूब पतली होने के कारण जल्दी बंद होजाती हैं। दूसरा, नेसल पैसेज के अंत में पाया जाने वाला अन्डेनोइड टिश्यू भी बच्चों में जल्दी सूज जाता है जिस से उष्टचियन ट्यूब बंद हो जाती है, और कान से आना वाला तरल गले तक नहीं पहुंच पता ।
बच्चों में कान संक्रमण के प्रमुख संकेत निम्न हैं :
१) कान में दर्द : यदि बच्चे बहुत छोटे हैं और वो अभी बोलना नहीं जानते तो वो अपने कान बार बार खींचते हैं, रोते हैं तथा उनका बर्ताव भी बहुत चिड़चिड़ा होजाता है|
२) बच्चे रात में सो नहीं पाते तथा रोते हैं, क्युकि लेटने पर दर्द और खुजली बढ़ सकती है ।
३) बच्चो की भूख पर भी इसका असर पड़ता है क्युकि उन्हें चबाने और खाना निगलने में तकलीफ होती है। भूख कम लगना कान संक्रमण का प्रमुख लक्षण है।
४) कान में से सफ़ेद या पीला स्त्राव , कान के संक्रमण का प्रमुख सूचक है।
५) कान में से किसी प्रकार की बदबू भी संक्रमण के कारण ही है ।
६) बच्चा अगर अचानक लड़खड़ा कर चलने लगे तब भी एक बार कान का परीक्षण करवाना चाहिए. कान से ही हमारे शरीर का संतुलन बना रहता है । संक्रमण के कारण यह संतुलन बिगड़ सकता है।
७) बच्चे को बुखार भी इसका एक संकेत है ।
यदि आपके बच्चे को कान संक्रमण हुआ है तो उसके कान को गरम सेक दें जिस से उसको दर्द और तकलीफ से कुछ आराम महसूस होगा ।और यदि आपके पेडिअट्रिशन ने कान की कोई ड्रॉप्स दी हैं तो आप वो भी डालें । बच्चो को अच्छी मात्रा अनेक प्रकार के में तरल पदार्थ पिलाएं और आराम करने दें, इस से उन्हें जल्दी आराम मिलेगा । इस संक्रमण का घरेलु इलाज नहीं करें , कान में कोई भी तरल पदार्थ या कुछ और न डालें। अपने डॉक्टर की सलाह लें ।
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