क्या आपका बच्चा दूसरे बच्चों को मारता है?

क्या आपका बच्चा दूसरे बच्चों को मारता है?

16 Aug 2018 | 1 min Read

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आप अपने बच्चे को स्कूल के बाद घर ले जाने के लिए आते हैं और तब आपको अपने बच्चे की अन्य बच्चों को मारने के बारे में शिकायतें सुनने को मिलती हों, तो यह किसी भी माता-पिता के लिए परेशान करने और दिल को दुखाने वाली बात हो सकती है, खासकर अगर अतीत में भी इसी तरह की घटनाएं हुईं हों।ऐसा नहीं है कि इसमें आपकी परवरिश की कोई चूक है या आपका बच्चा किसी मनोवैज्ञानिक स्थिति से गुज़र रहा है और न ही ये कोई चरण (फेज) है, जिससे आपका बच्चा अपने आप बाहर आ जाएगा और यह आदत छूट जाएगी । अगर इस आदत को समय पर सुधारा न जाए तो यह व्यक्तित्व का एक हिस्सा बन जाती है ।

यदि आपका बच्चा दूसरे बच्चों को मारता है या उनपर हाथ उठता है , तो इस स्वभाव को बदलने के लिए पढ़ें ये उपाय :

क्रमबद्धता (पैटर्न) देखें

जब भी आपके सामने यह शिकायत आती है कि आपके बच्चे ने किसी दूसरे बच्चे पर हाथ उठाया है तो पहले इस स्वभाव की वजह का पता लगाएं। ज्यादातर मामलों में, बच्चे कुछ भावनाओं को व्यक्त करने या समझने में असमर्थ होते हैं और एक विकल्प के रूप में. मारने का सहारा लेते हैं । जैसे, अगर एक नर्सरी कक्षा का बच्चा दूसरों को मारता है तो यह उसकी झुंझलाहट (टैंट्रम) को दर्शाता है। एक बार जब आप पैटर्न या ट्रिगर्स की पहचान कर लें, तो उनको सुधारने का प्रयास करें ।बच्चे के इस स्वभाव को बिलकुल भी बढ़ावा न दें।

 

अपने बच्चे के साथ रहें

अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को दूसरे बच्चों को मारने की आदत पड़ रही है, तो आगे बढ़ें और जितना संभव हो सके अपने बच्चे के करीब रहें। इससे उन्हें किसी भी अप्रिय स्थिति को संभाल लेने का अधिक आत्मविश्वास मिलता है और उन्हें यह विश्वास हो जाता है कि अगर वह स्तिथि नहीं संभाल पाए, तो वे आपकी मदद ले सकते हैं ।

 

बच्चे पर हाथ न उठाएं

आपके बच्चे का व्यवहार आपको कितना ही क्रोधित, निराशाजनक या चिड़चिड़ा कर रहा हो, उन्हें सुधारने या उनकी वह हरकत रोकने के लिए उन पर हाथ कभी हाथ न उठाएं ।क्यूंकि पहला, इससे आपके बच्चे को लगेगा कि किसी भी अप्रिय स्थिति अथवा घटना को रोकने के लिए हाथ उठाना सही प्रतिक्रिया है और दूसरा, उसके मन में उठ रही कुछ नासमझ व अनसुलझी भावनाएं उसे और चिड़चिड़ा बनाएंगी, जिससे उसके आक्रामक स्वभाव को बढ़ावा मिलेगा।

 

शांति से जवाब दें

अपने परेशान बच्चे से संपर्क करने से पहले, अपने आप को शांत करें । कुछ गहरी सांस लें और तनाव को शरीर से बाहर निकालने का प्रयास करें । इस तरह के व्यवहार पर परेशान या चिंतित महसूस करना आपके लिए स्वाभाविक है, लेकिन इससे पहले कि आप अपने बच्चे से बात करें, आपको अपनी भावनाओं को शांत करना होगा । बच्चे आपके अंदर की नकारात्मक भावनाओं को समझ लेते हैं और इससे उनके परेशान मन की स्थिति और अधिक खराब हो सकती है ।

 

तत्काल प्रतिक्रिया दें

यदि आपको अपने बच्चे की, किसी अन्य बच्चे को मारने की शिकायत मिलती है तो तुरंत अपने बच्चे से बात करें। घर पहुँचने का इंतज़ार या बाद में बात करने से आपका बच्चा उस स्थिति से अपने आपको जोड़ नहीं पाएगा और उसके परिणाम भी नहीं समझ पाएगा । अपने बच्चे को प्यार से लेकिन दृढ़ आवाज़ में बताएं ‘किसी को मारना ठीक नहीं है’।अपने बच्चे को दूसरे बच्चे से माफ़ी मांगने के लिए कहें, और यदि आवश्यक हो, तो आप भी बच्चे के साथ क्षमा मांगें, और फिर, बच्चे को कुछ समय के लिए वहाँ से हटा दें।

 

अपने बच्चे पर अतिरिक्त सतर्कता रखें

जब तक आप बच्चे की, अन्य बच्चों पर हाथ उठाने की समस्या का समाधान नहीं कर लेते हैं, तब तक ऐसी परिस्थितियों को रोकने के लिए उन पर अतिरिक्त नजर रखें। आप स्कूल में शिक्षक या देखभाल करने वालों से भी इस कार्य में सहायता मांग सकते हैं, जिससे यह अप्रिय घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों।

 

बैनर छवि:  mamamia

 

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