ऐसे करें अपने शिशु के गर्भनाल की देखभाल

ऐसे करें अपने शिशु के गर्भनाल की देखभाल

9 Oct 2018 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

कहते हैं कि एक माँ का रिश्ता बच्चे के साथ हर रिश्ते से ज्यादा गहरा और 9 महीने पुराना होता है। ये बात यूं ही नहीं कही जाती। शिशु जब गर्भ में पल रहा होता है, तभी वो गर्भनाल के जरिए माँ से जुड़ जाता है। माँ द्वारा ली गई सांस इसी नाल के जरिए बच्चे तक पहुंचती है और उसे ऑक्सीजन देती है। प्रसव के बाद बच्चे की माँ से बंधी इस डोर को काटा जाता है। इसलिए शिशु के गर्भनाल की देखभाल की जाती है।

यहां गर्भनाल क्या है और बच्चे के नाल का ख्याल कैसे रखें, इनसे जुड़ी सभी बातें बताई गई हैं।

गर्भनाल क्या है  (What is Umbilical Cord in Hindi)

गर्भनाल एक माँ के शरीर का वो हिस्सा होता है, जिससे गर्भस्थ शिशु जुड़ा रहता है। इसी गर्भनाल से ही शिशु तक माँ द्वारा लिए गए पोषक तत्व पहुंचते हैं। अगर कहें कि गर्भनाल के कारण ही शिशु गर्भ में जिंदा रह पाता है, तो गलत नहीं होगा। जी हां, गर्भनाल के लाभ के चलते ही शिशु को ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, जिससे बच्चा सांस लेता है और विकसित होता है। 

गर्भनाल को ठूंठ भी कहते हैं। अंग्रेजी में इसे अम्बिलिकल कॉर्ड कहा जाता है। यह नाल महिला की नाभि से बच्चे की नाभि से होते हुए उसके लिवर तक जुड़ी होती है। प्रसव के बाद डॉक्टर  गर्भनाल को तुरंत या एक मिनट रूककर काट देते हैं। 

अम्बिलिकल कॉर्ड करीब 50 सेमी तक लंबी होती है। इसे काटने के लिए डॉक्टर नवजात की नाभि से जुड़ी नाल को किसी बैंड व उपकरण से दबाकर यानी क्लैंपिंग करके काट देते हैं। इस दौरान करीब एक से डेढ़ इंच नाल बच्चे के नाभि से जुड़ी रहती है, जो कुछ समय बाद अपने आप गिर जाती है। लेकिन शिशु के गर्भनाल की देखभाल (umbilical cord care tips in hindi) रखना पड़ता है, वरना इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।

शिशु की गर्भनाल का ख्याल रखना जरूरी है – स्रोत – पिक्साबे

शिशु के गर्भनाल की देखभाल करने के तरीके (Umbilical Cord Care Tips in Hindi)

आप ऊपर अम्बिलिकल कॉर्ड क्या है, यह समझ गए हैं। अब इसके गर्भनाल की देखभाल के टिप्स (Umbilical Cord Care Tips in Hindi) जानिए।

  • कभी भी स्टंप वाले हिस्से में साबुन न लगाएं।
  • नाल पर पाउडर, तेल, दवा, बैंडेड इत्यादि न लगाएं।
  • गर्भनाल के बचे हुए हिस्से यानी स्टंप को हमेशा साफ रखें। 
  • गलती से स्टंप में पानी चला जाए, तो उस हिस्से को तुरंत सूखा लें।
  • नाल और पेट की दिवार के बीच कोई रिसाव दिखे, तो उसे तुरंत साफ करें। 
  • बच्चे को स्पंज बाथ देते समय व नैपी बदलते समय नाल को चेक करना न भूलें।
  • नाल को सिर्फ हल्का गीला सूती कपड़े से साफ करें। इसे एकदम हल्के हाथों से साफ करना होगा। 
  • नैपी ज्यादा कस कर नहीं बांधे और नैपी को हमेशा गर्भनाल के नीचे ही रखें। ऐसा करने से गर्भनाल को नेचुरल तरह से सूखने में मदद मिलेगी और वो अनावश्यक रगड़ या घिसाव से बची रहेगी।
  • नाल का झड़ कर गिर जाना प्रकृति का कार्य है। अगर यह एक धागे जैसे चमड़ी से भी लटका रह गया है, तो भी इसे छेड़ना या खींचना नहीं चाहिए।
  • नाल के  झड़ने के बाद इस में से बार-बार खून आए तो डॉक्टर से सलाह ले कर ही कोई एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं।

डॉक्टर से कब संपर्क करें

  • अगर नाल से ज्यादा खून बहने लगे, तो विलम्ब नहीं करना चाहिए।
  • बच्चे को इस दौरान बार-बार बुखार आता है, तो भी तुरंत डॉक्टर को बताएं।
  • नाभि के आस-पास की त्वचा को छूने पर बच्चा रोता है, तो भी सचेत हो जाएं।
  • अगर नाभि से बुरा गंध आने लगे, तो यह संक्रमण का संकेत है, तुरंत डॉक्टर से मिलें। 
  • गर्भनाल के आस-पास का क्षेत्र लाल हो गया हो या सूजन दिखाई दे रही हो, तो ढील न बरतें। 

अब आप जान ही गए होंगे कि अम्बिलिकल कॉर्ड क्या है और इसकी देखभाल कैसे की जाती है। आप सिर्फ गर्भनाल का ही नहीं, उसके हर अंग को साफ रखें और उसे कॉटन के ढीले कपड़े पहनाएं। कहा जाता है कि बच्चे की नाल का धार्मिक महत्व भी होता है, लेकिन आप किसी भी परिस्थिति में बच्चे की नाभि में बचे हुए गर्भनाल को हाथ न लगाए। इससे शिशु को संक्रमण हो सकता है।

आपको बच्चे को गर्भनाल के इंफेक्शन से बचाने के लिए डॉक्टर द्वारा दी गई सभी हिदायतों का पालन करें। आप सभी जरूरी बातों का पालन करके ही सही मायने में मातृत्व सुख का आनंद ले पाएंगी। ध्यान रखें कि नवजात की सही देखभाल ही सुखद मातृत्व का आधार है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – FAQ

बच्चे की नाल का क्या करें?

प्रसव के दौरान गर्भनाल को काट दिया जाता है और बच्चे की नाभि में करीब एक इंच का स्टंप (नाभि ठूंठ) रह जाता है। इसके सूखने तक इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। कुछ हफ्तों में नाल का बचा हुआ यह हिस्सा पूरी तरह सूखकर गिर जाता है।

हां, बच्चे की नाल का क्या करें, सवाल का एक जवाब मेडिकल साइंस के पास भी है। आजकल पूरी गर्भनाल को संभालकर रखा जाने लगा है। क्योंकि इससे बच्चे की आनुवांशिक बीमारियों को समझने में मदद मिलती है। अब आप समझ गए होंगे कि बच्चे की नाल का क्या करें।

बच्चे की नाल का धार्मिक महत्व क्या है?

हर धर्म के अनुसार बच्चे की नाल का धार्मिक महत्व अलग हो सकता है। कहीं नाल को डब्बे में बंद करके रख दिया जाता है, तो कहीं नाल को दफनाया जाता है।

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