20 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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क्या आप भी इस बात से परेशान रहते हैं की आपके शिशु को ठीक से ना सुन पाने की समस्या उत्पन्न हो रही है या हो सकती है? इसका पता लगाने के क्या तरीके हैं? खैर आपको बता दें की ना सुन पाने के लक्षण सभी शिशुओं में अलग-अलग प्रकार के होते हैं, इसलिए इसका पता लगाने का कोई निश्चित तरीका नहीं है।
लेकिन यह है कुछ बातें,जो दर्शाती है की आपके शिशु को ठीक से ना सुन पाने की समस्या है।
शिशु अचानक हुए शोर या तेज़ आवाज़ से चौंक जाते है। अगर आप यह देखें कि आपका शिशु घर में हुई किसी आवाज से नहीं चौंकता है या लगातार हो रहे शोरगुल के बीच भी सोया रहता है, तो यह एक संकेत है कि आपके शिशु को सुनने में समस्या है।
जब आप अपने शिशु को सुलाने के लिए लोरी या किसी संगीतमय धुन का इस्तेमाल करती हैं लेकिन शिशु इससे ना ही कम उत्तेजित होता है और ना ही सोता है,तो इसका अर्थ यह है की वह इन आवाज़ों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। हालांकि सभी मामलों में यह सही नहीं होता है। हो सकता है की शिशु भूख या नींद ना पूरी होने के कारण चिड़चिड़ा हो गया हो।
रैटल्स (झुनझुना), आवाज़ करने वाले खिलौने और संगीतमय आवाज़ वाले खिलौने, यह सब एक ऐसी चीज़ है जो बच्चे बहुत पसंद करते हैं। अगर आपके शिशु के कान इनपर वैसी प्रतिक्रिया नहीं देते हैं, जैसे उन्हें देनी चाहिए। तो वह इन संगीतमय खिलौनों को भी बाकी आम खिलौनों की तरह लेंगे।
4. आवाज़ों की नकल उतारने कि कोशिश ना करना
जब आपका शिशु छः महीने का हो जाता है,तो उन्हें अपने आसपास की कुछ आवाज़ों की नकल उतारने में सक्षम होना चाहिए। शिशु के कानों के अपरिपक्व विकास का यही मतलब है की वह आवाज़ सुन नहीं पा रहें हैं और ना ही समझने या नकल उतारने की कोशिश कर रहे हैं।
आपका शिशु जानी-पहचानी आवाज़ों को सुनने पर शांत हो जाएगा या प्रतिक्रिया देगा। यह क्रिया शिशु के जन्म के दो से तीन महीने के बीच शुरू होती है। अगर आप यह देखें कि जब आप शिशु से बात करने या उसका मनोरंजन करने का प्रयास कर रहे हैं और वह आपकी या आपके पति की आवाज़ नहीं पहचान रहा है, तो यह साफ दर्शाता है की उन्हें सुनने में समस्या आ रही है।
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