करवा चौथ के कभी इस नज़रिये से देखा है आपने ?

करवा चौथ के कभी इस नज़रिये से देखा है आपने ?

25 Oct 2018 | 1 min Read

Priya Sood

Author | 7 Articles

हम सभी एक सर्कल में बैठे और अपने खूबसूरत लेहंगो को ठीक से समेटा । चूड़ियों की खनक  और लोक गीतों की मधुर धुन में हम अपने पेट में लगी भूख की गुड़गुड़ाहट को भुला चुके थे । हम प्रत्येक करवा चौथ पर चंद्रमा की प्रतीक्षा करते थे। यह एक परंपरा थी जिसे मैंने माना क्योंकि दूसरे लोग भी इसे मानते थे । सबसे पहले यह विश्वास मुझे  मेरे परिवार ने और फिर मेरे दोस्तों और मेरे पड़ोसियों ने मुझे दिया था। मैंने इसके बारे में ज़्यादा सोचा नहीं न ही खुद को किसी सवाल से परेशान किया । और सोचना भी क्यों ? यह मेरी शादी के लहंगे को एक बार फिर से पहनने का अवसर था, जो, ईश्वर की कृपा से , मुझे अब भी फिट आता है, कुछ दोस्तों को बुलाना होता है , और पारंपरिक समारोहों और मनोरंजक कहानी में भाग लेना होता है ।

 

मेरे पति ने न कभी मुझे करवा चौथ का व्रत रखने के लिए ज़ोर दिया और न ही उन्होंने मेरे साथ कभी उपवास किया । मैंने कभी इसकी उम्मीद नहीं की, लेकिन कही न कहीं  मेरा मन चाहता था कि वे ऐसा करके अपने प्यार का इज़हार करें । लेकिन करवा चौथ के लिए मेरे विचार बदलने का कारण यह नहीं, बल्कि कुछ शब्द हैं , जिन्होंने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया ।

 

मुझ जैसे, खाने -पीने के शौक़ीन इंसान  के लिए, एक दिन खाना न खाने से कोई नुकसान होने वाला नहीं था मगर  मेरे लिए यह थोड़ा कठिन था ,लेकिन मैं जानती थी कि मैं यह कर सकती हूँ । मैं नवरात्रि और शिवरात्रि के दौरान व्रत रखने का प्रयास करने के लिए हमेशा तैयार हूं। मैं रोज़ ईश्वर की पूजा करती हूँ  और अपने पति की लम्बी उम्र की हमेशा कामना करती हूँ । तो मैं करवा चौथ का व्रत क्यों करती हूँ ? मैंने खुद से यह सवाल पहली बार तब पूछा जब मेरे चार साल के बच्चे ने मुझसे यह प्रश्न किया , जो मेरा हर कदम,मेरे हर निर्णय को समझने की कोशिश कर रहा था।

 

“सभी माँ क्यों भूखी रहती हैं?” उसने उत्सुक हो कर पूछा।

 

“डैडीज के लंबे जीवन की  प्रार्थना करने के लिए।” मैंने जवाब दिया।

 

“तो मेरी पत्नी भी भूखी रहेगी और मुझे एक लंबा जीवन मिलेगा?” उसने अपनी आंखों में मासूमियत लिए एक बड़ी मुस्कुराहट और आखों में  चमक के साथ मुझसे यह पूछा। “आपके लंबे जीवन के बारे में क्या?” उसने कहा। मैं बस मुस्कुरा कर रह गई ।

 

मेरे परिवार के लंबे व स्वस्थ जीवन के लिए मैं सुनिश्चित करती  हूं कि हम सभी नियमित रूप से व्यायाम करें। मैंने तेल और जंक फ़ूड की कटौती की  और डॉक्टर के द्वारा नियमित जांच का समय भी निर्धारित किया।

 

मुझे नहीं लगता कि  मैं अपने बेटे को सही जवाब दे पाई हूँ। इसलिए, मैंने यह जानने के लिए थोड़ा सा आत्म मंथन शुरू किया कि मैंने यह परंपरा क्यों निभाई । मुझे अपनी संस्कृति पर बहुत गर्व है और मैं यह सुनिश्चित करती  हूं कि मैं अपने बच्चे में भी गर्व और पारंपरिक मूल्यों की भावना को जगा पाऊंगी ।

 

हर त्यौहार के लिए, मैं उसके कारणों, मूल्यों और विरासत को समझने और उसकी सराहना करने का प्रयास करती हूं।

 

व्रत करना है या नहीं करना है? यह हमेशा मेरा ही फैसला था । और मैंने फैसला ले लिया है । मैं अभी तक ये तर्क समझ नहीं पाई हूँ ।और तब तक मेरी प्रार्थनाएं, स्वस्थ जीवनचर्या और हमारे कर्म ही हमारे जीवन का मार्गदर्शन करेंगे।

 

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