गर्भवस्था मे स्वस्थ भोजन : मासिक योजना

गर्भवस्था मे स्वस्थ भोजन : मासिक योजना

24 Apr 2019 | 1 min Read

जब मे गर्भवती थी मेरी मां कि सहेली ने मुझे उन चीजो की लिस्ट दी जो मुझे गर्भवस्था के हर महिने खाने के लिये जरूरी थी. इन चीजो की सलाह आयुर्वेद और प्राक्रतिक चिकित्सक के द्वारा दी जाती है .याद रखे ये चीजे सारे पोषन की पूर्ति नही करते ये आपके सामान्य गर्भावस्था आहार के ऊपर निर्भर करता है.

 

सबसे पहले मै आपको बताती हू गर्भवस्था के दोरान क्या खाये और क्या ना खाये :

पपीता ,अन्नानास ,टिडा,ग्वार् फ़ली ,ये सब ना खाये . पपीता मे पपैन पाया जाता है जो समय से पहले संकुचन पैदा करता है ,मै यह जानती हू कि ग्वार् फ़ली बहुत ज्यादा गैस और आन्तो को नुकसान पहुचा सकती है. अफ़्सोस् करने से सुरक्षा बेहतर है .

१ और २ महीने क्या खाये :

१ और २ महीने ज्यादातर महिलाओ को शायद ही पता हो कि वो गर्भवति है या कितने महीने की गर्भवती है .इसलिये पोषन आहार ३ महीने से शुरु करेगे .

 

३ महीना :

दुधी लोकी का हलवा बनाये उसमे मावा ना डाले .पेठा खाये. लोकी और पेठे मे शीतलन गुण होते है जिसकी जरुरत पह्ली तिमाहि मे होती है .

४ महीना :

बादाम की गोलिया –
बादाम कतरन -१५० ग्राम
मिश्री- १५० ग्राम
इलाइची पावडर-एक चुटकी
लम्बी काली मिर्च –छोटा चम्मच
घी-अवाश्यकतानुसार्
थोडा सा घी गरम करे और उसमे मिश्रि डाले ,अच्छी तरह मिलाये ,थण्डा होने पर पैन मे बादाम पावडर, काली मिर्च और इलाइची डाले .मिला लीजिये .चार महीने के हर दिन के लिये ३० गोली बनाये .अब एक मिट्टी के बर्तन मे थोडा पानी भरे और एक बादाम की गोली को एक छोटे चान्दी के कटोरे मे रखकर इसे ढक दे और उस कटोरे को मिट्टी के बर्तन मे रातभर के लिये रख दे. अगली सुबहः से खाना शुरु करे.

५ महीना :

रोज सुबहः १ चम्मच च्वन्प्राश् दूध के साथ खाये.
किसा हुआ नारियल-१५० ग्राम
मिश्रि -७५ ग्राम
गुड -७५ ग्राम
घी- आवश्यकतानुसार
एक पैन मे घी गरम करे और मिश्रि पावडर और गुड डाले, गैस बन्द करके उसमे किसा हुआ नारियल डाले और मिला लीजिये.पैन की पूरी सामग्री को घी के साथ मिला ले और ठ’डा होने दे .थोडी देर बाद हीरे के आकार के टुकडे काट ले .पुरे ५ महीने एक रोज खाये.

 

६ वा महीना :

रोज सुबह एक गिलास गरम दूध पिये जिसमे थोडा केसर और इलाइची पावडर मिला हो.
हर रात हल्दी वाला दूध् पिये .
यह आपके बच्चे के लिये बहुत ही लाभकारी है .मुझे लगता है बच्चे के र’ग के अलावा केसर उसके ओष्धीये लाभ के लिये खाया जाता है.
७ वा महीना :
शाही जीरा -५० ग्राम
सादा जीरा- ५० ग्राम
मिश्रि- १०० ग्राम
इन सबको मिलाके एक जार मे रखदे और रोजाना १ चम्मच ले.

 

८ वा महीना :

मेथी के गोले:
गेहु का आटा- २०० ग्राम
मेथी के बीज के पावडर -७५ ग्राम
मिश्रि- ३५० ग्राम
लम्बी काली मिर्च- १ चम्मच
घी- आवश्यकतानुसर
एक पैन मे घी गरम करके गेहू का आटा भूने .आटा अपना रग बदले ,तुरन्त गैस बन्द करदे .अब सारी चिजे उसमे डालकर मिलाये और ३० बोल बना ले.दुध के साथ रोजाना एक ले .

 

९ वा महीना:

अब बच्चा पूरी तरह बन चुका है अब आप सबकुछ खा सकते है.पपिते से लेके अन्नानास तक सब.इससे मुझे कोइ नुकसान नही हुआ क्युकी अब बच्चा पूरी तरह विक्षित हो चुका था .
सावधान रहे और स्वस्थ गर्भावस्था रखे
डिसक्लैमेर –लेख मे दी गयी जानकारी का उद्देश्य व्यवसायिक चिकित्सा, सलाह ,निदान,उपचार, आदि का विकल्प नही है.हमेशा अपनी डोक्टर से सालाह ले.

#babychakrahindi

A

gallery
send-btn

Related Topics for you

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.