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गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी है एमनियोसेंटेसिस के बारे में जानना

गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी है एमनियोसेंटेसिस के बारे में जानना

9 May 2019 | 1 min Read

Dr Shreyasi Sharma

Author | 3 Articles

गर्भवती महिलाओं के मुंह से एमीनोसेंटेसिस के बारे में सुनना अब कोई नई चीज़ नहीं रह गई है। कई स्त्री रोग विशेषज्ञ आजकल इस प्रक्रिया की सिफारिश कर रहे हैं। ज्यादातर लोग एमनियोसेंटेसिस के बारे में डरते हैं और ढेर सारे सवालों के साथ अपने डॉक्टर पास पहुंचते हैं।

एमनियोसेंटेसिस के बारे मेरे अपने मरीज़ों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले 10 सवालों की एक लिस्ट मैंने बनाई है जो नए माता-पिता बनने वाले कपल्स के लिए बड़े काम की है।

एमनियोसेंटेसिस की प्रक्रिया को भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ  (फीटल मेडिसिन स्पेशलिस्ट) पूरा करता है जो बेहद ही सुरक्षित और अपेक्षाकृत कम दर्दनाक प्रक्रिया है।

एमनियोसेंटेसिस क्या है?

यह गर्भावस्था के दौरान रोगों के निदान के लिए किया जाने वाला एक परीक्षण है। इसमें गर्भाशय से एमनियोटिक(उल्व) द्रव का एक छोटा-सा नमूना लिया जाता है। इस नमूने में भ्रूण की कोशिकाएं होती हैं। प्रयोगशाला में इसका विश्लेषण किया जाता है।

आमतौर पर एक एमनियोसेंटेसिस की जरूरत कब पड़ती है?

निम्नलिखित परिस्थितियों में डॉक्टर आपको एमनियोसेंटेसिस करने की सलाह दे सकता है:

  • यदि भ्रूण में डाउन सिंड्रोम का खतरा सामान्य से अधिक है।
  • यदि दंपति का पिछला बच्चा आनुवांशिक विकार से प्रभावित है।
  • अगर दंपति या उनके एक या अधिक रिश्तेदार या तो आनुवांशिक विकार से प्रभावित हैं या आनुवांशिक बीमारियों के वाहक हैं, जैसे- थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया आदि।
  • भ्रूण में संक्रमण की जांच के लिए।

 

यह परीक्षण कौन करता है?

फीटल मेडिसिन स्पेशलिस्ट (भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ) यह परीक्षण करता है। गर्भवती को इस परीक्षण की जरूरत है या नहीं इस बारे में भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ ही तय करता है। जरूरत पड़ने पर वह गर्भवती और उसके पति को इस बारे में सलाह-मशविरा देता है।

एमनियोसेंटेसिस कैसे किया जाता है?

यह प्रक्रिया पूरी तरह से अल्ट्रासाउंड मार्गदर्शन के तहत की जाती है, जहां भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ एक महीन सुई के द्वारा गर्भवती के पेट के अंदर गर्भाशय में से एमनियोटिक(उल्व) द्रव को सिरिंज में भरता है। इस प्रक्रिया के दौरान गर्भस्थ शिशु और प्लेसेंटा को सुई के संपर्क से बचाते हुए बच्चेदानी से एमनियोटिक(उल्व) द्रव को बाहर सिरिंज में खींच लिया जाता है। एमनियोटिक द्रव के नमूने में भ्रूण की कोशिकाएं होती हैं, जिनका उपयोग आनुवंशिक परीक्षण के लिए किया जा सकता है।

क्या एमनियोसेंटेसिस प्रक्रिया में दर्द होता है?

एमनियोसेंटेसिस प्रक्रिया से गुज़रने वाली ज्यादातर गर्भवती महिलाओं का मानना है कि इसमें बहुत ही मामूली दर्द जितना कि किसी सामान्य ब्लड टेस्ट में होता है। फिर भी आमतौर पर किसी भी दर्द से बचने के लिए लोकल एनीस्थीसिया दिया जाता है।

क्या एमनियोसेंटेसिस की प्रक्रिया में कोई जोखिम है?

एमनियोसेंटेसिस एक बहुत ही सुरक्षित प्रक्रिया मानी जाती है। हालांकि, गर्भपात का समग्र जोखिम लगभग 0.1% (1000 में 1) है। इस प्रक्रिया को नियमित रूप से करने वाले विशिष्ट भ्रूण चिकित्सा केंद्रों में गर्भपात का खतरा कम होता है। अस्पताल अपने गर्भपात के रिकॉर्ड रखते हैं। इसलिए अपने डॉक्टर से इस बारे में पूछना अच्छा रहेगा।

क्या जुड़वां गर्भधारण में भी एमनियोसेंटेसिस किया जा सकता है?

यह जुड़वां गर्भधारण में भी किया जा सकता है। हालांकि, जुड़वा बच्चों के प्रकार (एकल बनाम विभिन्न आंवल यानी प्लेसेन्टा) को जान लेना जरूरी है। जुड़वा बच्चों के केस में यह जानना भी बहुत महत्वपूर्ण है कि दोनों द्रवों में से कौन-सा नमूना किस भ्रूण का है जिससे आपके डॉक्टर यह जान सकें कि कौन-सा बच्चा प्रभावित है। इसके लिए आमतौर पर उच्च स्तर की विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है और यह स्पेशलाइज्ड फीटल मेडिसिन सेंटरों में किया जाता है।

एमनियोटिक(उल्व) के नमूने के साथ क्या किया जाएगा?

एमनियोटिक(उल्व) द्रव के नमूने को जेनेटिक लैब में भेजा जाता है, जहां लक्षण के आधार पर उपयुक्त आनुवंशिक परीक्षण किया जाता है। सबसे आम परीक्षण में फ़िश (फ़्लोरेसेंस इन सीटू हेबराइज़ेशन) और कारियोटाइप आते हैं।
फ़िश (फ़्लोरेसेंस इन सीटू हेब्राईज़ेशन) एक ऐसा परीक्षण है जो सामान्य ट्राइसॉमी यानी ट्राइसॉमी-21 (डाउन सिंड्रोम), ट्राइसॉमी-18 (एडवर्ड सिंड्रोम) और ट्राइसॉमी-13 (पैटो सिंड्रोम) की जांच करता है। इस परीक्षण का परिणाम आमतौर पर 3 दिनों में मिल जाता है। एक पूर्ण कैरियोटाइप जांच में भ्रूण के सभी गुणसूत्रों की जांच की जाती है और इसका परिणाम आमतौर पर 3 सप्ताह में मिल जाता है।

ये परीक्षण इस बात की सौ फीसदी पुष्टि करते हैं कि क्या शिशु किसी ज्ञात गुणसूत्र विकार से प्रभावित है। इसके बोद भी यदि अधिक जटिल आनुवंशिक परीक्षणों की आवश्यकता होगी तो इस बारे में डॉक्टर आपको जरूर समझाएंगे।

क्या एमनियोसेंटेसिस कराने के लिए अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है?

यह एक आउट पेशेंट प्रक्रिया है और इसमें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं। एमनियोसेंटेसिस की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद गर्भवती लगभग आधे घंटे तक आराम करने के बाद अपने रोजमर्रा के काम शुरू कर सकती है।

गर्भावस्था के दौरान चेतावनी के संकेत-

अत्यधिक दर्द, रक्तस्राव या पानी की थैली के फटने की स्थिति में, आपको तुरंत अपने फ़िजीशियन को तुरंत बताना चाहिए। इस हालत में यदि आपका डॉक्टर एमनियोसेंटेसिस करने को करता है, तो डरें नहीं। बिना डरे किसी अच्छे फीटल मेडिसिन सेंटर में जाकर एमनियोसेंटेसिस परीक्षण करवाएं। भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ (फीटल मेडिसिन स्पेशलिस्ट) आपको इस परीक्षण के बारे में अच्छी तरह से समझाएगा और आपको राहत मिलेगी। एमनियोसेंटेसिस के जरिये आपको अपने शिशु के बारे में बेहद कीमती जानकारी मिलेगी जो आपके और शिशु के लिए फैसला लेने के लिए मददगार साबित हो सकता है।

डॉ. श्रेयासी शर्मा: एम बी बी एस, एम डी(प्रसूति एवं स्त्री-रोग), फीटल मेडिसिन में फेलोशिप

 

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