शिशुओ मे मलेरिया के 5 लक्षण

शिशुओ मे मलेरिया के 5 लक्षण

10 May 2019 | 1 min Read

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बडो की तुलना मे मलेरिया बच्चो को अधिक प्रभावित करता है. यह भारत मे सबसे आम मच्छर द्वारा होने वाली बीमारी है.डब्ल्यूएचओ के अनुसार 12 महिने से कम उम्र के बच्चो मे मलेरिया होने की सबसे ज्यादा संभावना होती है.हालांकी शिशु की एक छोटी सी छीक आपको दर्द दे सकती है,और यदि मलेरिया के लक्षण दिखते है तो यह आपके लिये बहुत भयावह हो सकता है. शिशुओ मे अलग अलग लक्षण हो सकते है, मुश्कील यह है कि उन्हे सही उपचार देने की जरुरत है. यहा शिशुओ मे मलेरिया के 5

लक्षण बताये गये है:

उच्च बुखार

शिशुओं में मलेरिया का सबसे अधिक पाया जाने वाला लक्षण तेज बुखार है । बुखार कुछ हफ्तों तक रह सकता है । यह पसीने के साथ भी होगा और आपके बच्चे को काफी चिड़चिड़ा बना देगा । वे तेजी से सांस लेना शुरू कर सकते है और बेचैन हो सकते है और शरीर के गंभीर दर्द से पीड़ित हो सकते है ।  यदि आपके बच्चे का शरीर सामान्य से अधिक गर्म महसूस करता है और उपरोक्त लक्षणों में से एक से अधिक दिखता है,तो आप उन्हें डॉक्टर
के पास ले जाने पर विचार कर सकते है ।

भूख नही लगना

हर माता-पिता को ऐसा लगता है कि उनका बच्चा पर्याप्त भोजन नही करता है । लेकिन यह बहुत ही चिंता का विषय है जब आपका बच्चा कम खाने की क्षमता रखता है । थकान और नींद की कमी के कारण भूख कम लगती है । चिड़चिड़ापन उसकी भूख का कम होने का कारण बन सकता है । यदि यह कुछ हफ्ते तक जारी रहे तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें ।

उल्टी और दस्त

यदि आपका शिशु मलेरिया से पीड़ित है तो वह मिचली महसूस करेगा और उल्टी भी हो सकती है । शिशुओ में डायरिया और मलेरिया का भी एक आम लक्षण है दस्त का रंग हरे रंग का होगा और सामान्य से अधिक बार होगा और सिर दर्द भी हो सकता है ।

अल्प तपावस्था

यदि आपके बच्चे को तेज बुखार नही है और अल्प तपावस्था है तो हो सकता है कि आपका बच्चा हाइपोथर्मिया से पीड़ित है । हाइपोथर्मिया एक कम शरीर का तापमान है यदि आपका बच्चा मलेरिया से पीड़ित है तो आपके बच्चे के शरीर का तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट से नीचे जा सकता है । हाइपोथर्मिया शिशुओ मे मलेरिया का एक गंभीर लक्षण है और यह घातक भी है । यदि आपके बच्चे का शरीर 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बनाये रखने के लिये गर्मी पैदा करने की क्षमता खो रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये ।

खांसी

मलेरिया एनोफिलिज मच्छरो में मौजूद किटाणुओं की वजह से होता है । यह किटाणु बच्चे के फेफेड़े में जलन और बलगम पैदा करते है,तब उनका शरीर गंदगी को बाहर निकालने के लिये खांसी द्वारा उनकी रक्षा करनी शुरू कर देता है । आपके बच्चे को बहुत अधिक सूखी खांसी हो सकती है जिसे रोकना भी मुश्किल हो सकता है । 

 

शिशु मलेरिया उत्प्रेरण के किटाणुओं के प्रति संवेदनशील होते है इसलिये आपको कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से सहारा लें । बच्चे को मलेरिया से बचाने के लिये शुरूआती चिकित्सा सबसे अधिक अच्छा तरीका है ।

यदि शिशु को मलेरिया है तो उचित चिकित्सा के बाद आपका शिशु कुछ ही समय में रेंगने लगेगा ।

 

 

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