10 May 2019 | 1 min Read
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पारंपारिक रूप से होमयोपॅथी को बच्चो मे बिमारियो को ठीक करने के लिये जाना जाता है. होमिओपॅथी का मानना है कि यह दवा की एकमात्र ऐसी शाखा है जो बच्चे की बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने मे सक्षम है.यदि आपका बच्चा अस्थमा से पीडित है ,तो होमिओपॅथिक उपचार आपको एक राहत दे सकता है.
बच्चो मे अस्थमा का इलाज करने के लिये, सबसे पहले होमिओपॅथ को बीमारी का कारण समझना बहुत जरुरी है. अस्थमा वायू से होने वाला एक रोग है, जो फेफडो को प्रभावित करता है और सांस लेने मे कठीनाई करता है.बच्चो मे अस्थमा के प्रमुख कारण एलेर्जी, माता पिता का धुम्रपान करना, समय से पहले जन्म, जन्म के दौरान वजन का कम होना, या आनुवांशिकी होना है. यहा निम्नलिखित अलग अलग प्रकार के के अस्थमा के लिये कुछ उपचार दिये गये है:
यह दो पदार्थो के रासायनिक रूप से तैयार किया जाता है, आर्सेनिक और आयोडीन. इसका उपयोग एलेर्जी अस्थमा के लिये किया जाता है. यह ज्यादातर धूल और पराग या पालतू जानवरो के बाल से होता है.आर्सेन आयोड ऐसे व्यक्ती के लिये होता है जिसको बैचेनी, प्रकोप के दौरान अतिसक्रीय और चिडचिडा होता है.यह उन बच्चो के लिये भी दिया जाता है जो अपने मे भावनात्मक संतुलन बढाना चाहते है.
यह एक पर्वतारोही का उपाय है, जो छोटे बच्चे अस्थमा से पीडित है यह उनके लिये बनाया गया है. जो बच्चे छोटी शारीरिक गतिविधि को करने के बाद थकावट महसूस करते है या मानसिक तनाव से ग्रासित है ,यह उनके लिये बहुत उपयोगी है.यदि आपका बच्चा पारदर्शी बलगम बाहर निकाल रहा है तो होमीओपेथ आपके बच्चे को कोका की सलाह दे सकता है.
जिन बच्चो को सुखी खांसी होती है, उनके लिये होमियोपेथ स्पोन्जीया टोस्टा लिखते है. इसमे बच्चे को सुखे अस्थमा या बच्चे को घरघराहट होती है और इससे आपके बच्चे को सांस लेते वक़्त तेज तेज छाल जैसी खांसी की आवाज आती है. यह अस्थमा दिन और रात मे हमला करता है .ऐसे मामलो मे, बच्चो मे अस्थमा के इलाज के लिये स्पोन्जीया टोस्टा एक बेहतरीन उपाय है.
चीन एक अर्रटेमिसिया मेरीटाइम नामक पोधे से प्राप्त होता है.इसे अस्थमा पीडित बच्चे को दिया जाता है. होमियोपेथ के अनुसार, खांसी का प्रकार अस्थमा के प्रकार से काफी अलग हो सकता है. क्युकी यह आमतौर पर अस्थमा मे जो लक्षण दिखाई देते है उनसे भिन्न होता है. अस्थमा के साथ साथ अन्य एलेर्जी होने कि संभावना बढ जाती है. सीने के साथ साथ खांसी वाले वेरीयेंट अस्थमा का इलाज करने से फेफडो की विफलता और निमोनिया जैसे स्तीथियो को रोकने मे मदद करता है . इस कारण होने वाली खांसी प्रकार का अस्थमा ,अस्थमा के सबसे जटील रूपो मे से एक माना जाता है.
ब्रिटीश असोसियेशन के अनुसार, होमियोपेथी मे बच्चो की पुरानी बीमारी जिसमे अन्य दवाये विफल हो चुकी है ,यः होमियोपेथ आपको उपचार का समर्थन करने और पुनार्प्राप्ती प्रक्रिया को तेज करने के लिये दवाओ के साथ अपने बच्चे के लिये एक परिवर्तित जीवन शैली और व्यक्तिगत आहार अपनाने के लिये कह सकते है .प्रत्येक रोगी के लिये होमियोपेथिक इलाज अनुकूलीत है, इसलिये बच्चो मे अस्थमा के उपचार की सफलता दर सबसे अधिक है.
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