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बच्चो मे डायपर दाने(रेश )का इलाज करने के लिए 7 अद्भुत घरेलू उपचार

बच्चो मे डायपर दाने(रेश )का इलाज करने के लिए 7 अद्भुत घरेलू उपचार

14 May 2019 | 1 min Read

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क्या आपका छोटा सा बच्चा परेशान नजर आ रहा है या डायपर बदलते वक़्त जलन के लक्षण दिखाई दे या चक्कते की जांच के लिये डायपर वाली जगह को ध्यान से देखे.

क्या आपने इसे स्पॉट किया?

यदि आपके बच्चे को डायपर रेश होगया है और वह परेशान और चक्कतो और जलन से पीडित है और आपकी उसकी प्यारी सी मुस्कान वापस लाना चाहते है तो तेजी से काम ले और लक्षणो को अनदेखा ना करते हुए उसका इलाज कीजीए. डायपर दाने के संकेत त्वचा मे दाने, छोटे पिंपल, और कभी कभी फफोले भी होते है. जिनमे जन्नांग क्षेत्र, उपरी जांघ, और नितंब शामिल है. यदि इन लक्षणो को अनदेखा कर दिया जाये तो यह बेकटीरिया धीरे धीरे गंभीर संक्रमण का रूप ले लेता है.

डायपर दाने क्या है?

गीले डायपर, मूत्र से लथपथ, मल से भरा हुआ डायपर लंबे समय तक पहनने से संवेदनशील डायपर क्षेत्र मे सूजन, दाने, हो सकते है. अनुचित रूप से कपडे के डायपर, खाद्य एलेर्जी, तंग डायपर, और पाचन हिचकी भी डायपर चक्कते का कारण बन सकती है.

ध्यान रहे कि आपके बच्चे को कुछ समय नंगे तल मे रखे,  इससे त्वचा को सांस लेने और नमी को सोखने मे मदद मिलेगी. जब तक दाने प्रभावित जगह सूखा और घर्षण मुक्त हो, तब तक हीलिंग तेज होती है. डायपर दाने होने पर बच्चे के लिये घरेलू उपचार करे जिनसे बच्चे शांत हो सकते है.

डायपर पहनने से उत्पन्न दाने:

डायपर चक्कते को ठीक करने के लिए दस आजमाए हुय घरेलू उपचारो की इस सूची को देखे:

1. नारीयल का तेल:

नारियल तेल एन्टी माईक्रोबियल और एन्टी फंगल गुणो के लिये जाना जाता है. अपने हीलिंग इफेक्ट्स के अलावा, नारियल तेल आपके बच्चे की संवेदनशील त्वचा को कोमल और नमीयुक्त बनाए रखने के लिए संतर्प्त वसा से भरपूर होता है. डायपर क्षेत्र को हर बार डायपर बदलने के बाद गर्म पानी से धोए और सूखने दे. चक्कते पर नारियल तेल लगाए.

2. दलिया स्नान:

दलिया मे भरपूर मात्रा मे प्रोटीन होता है जो आपके बच्चे की नाजुक त्वचा के प्राकृतिक अवरोध को बनाये रखने मे मदद करता है. यह सेपोनिंस मे भी समृद्ध है. जो छेदो से गंदगी और तेल हाटाने मे मदद करता है. और यह जलन को भी कम करता है एवं त्वचा को सामान्य करता है. अपने बच्चे के नहाने के पानी मे एक चम्मच दलिया डाले और बच्चे को इस पानी से साफ करे या नहलाये.

3. पेट्रोलियम जैली:

यह एक प्राकृतिक मोईसचराईजर है. यह संक्रमण को बिगडने से रोकता है.और रोगाणुओ को नाजुक त्वचा पे हमला करने से रोकता है. डायपर वाली जगह को गुनगुने पानी से धोये और थोडा थपथपाये ताकी नमी हट जाये. दाने वाली जगह पर पेट्रोलियम जेली की एक पतली परत लगाये .यह दिन मे दो बार जरूर करे.

4. बेकिंग सोडा:

बेकिंग सोडा असिड को बेअसर करता है और आपके बच्चे के पीएच स्तर को संतुलित करता है. यह डायपर वाली जगह पर संक्रमण को रोकता है और फंगल संक्रमण को प्रभावी होने से रोकता है. बेकिंग सोडा के दो बडे चम्मच गर्म पानी मे मिलाये और इसे ठीक से मिला ले. अपने बच्चे की त्वचा पर जहा दाने हुए है उस जगह को इस मिश्रण से धोइये .त्वचा को स्वाभाविक रूप से सूखने दिजीये. एक ही तौलीया बिना धोये बार बार इस्तेमाल ना करे .

5. सेंधा नमक:

मेगनीशियम सल्फेट,जिसे आमतौर पर एपसम नमक के रूप मे जाना जाता है, को मजबूत गुणो के लिये जाना जाता है. क्योंकी यह मेग्निशियम से भरा है. यह त्वचा को ठीक करने और सूजन रोकने मे मदद करता है. एक कप गर्म पानी मे आधा कप सेंधा नमक मिलाये .अपने बच्चे को हफ्ते मे दो से तीन बार 10 से 15 मिनिट के लिए इस पानी मे भिगाये.

6. कोर्नस्टार्च:

यह नमी शोषक के रूप मे जाना जाता है, कोर्नस्टार्च डायपर दाने के इलाज मे प्रभावी है.यह डायपर जलन और घर्षण को कम करता है. डायपर वाले क्षेत्र को गुनगुने पानी से धोये और त्वचा को मुलायम कपडे से धोये .त्वचा को खुद से सूखने दे और फिर अपने कोर्नस्टार्च हल्का से छिडके . जब भी डायपर बदले इसका छिडकाव करे. तबतक यह उपयोग करे जब तक चक्कते ठीक ना होजाये.

7. सेब का सिरका:

सेब साइडर सिरका मे एसिटिक एसिड एन्टी-फंगल, जीवाणूरोधी और एन्टीवायरल गुणो के साथ एक प्राकृतिक कीटाणुनाशक है .यह डायपर दानो को ठीक करता है. एक कप गर्म पानी मे एक चम्मच साइडर विनेगर मिलाये. इस घोल मे साफ कपडा डुबोये और डायपर क्षेत्र पर साफ करे .यह प्रयोग अप एक या दो बार दैनिक रूप से करे.

8. लपेट कर रखे :

आम समस्याओ का सबसे अच्छा उपाय है घर पर झूठ बोलना और डॉक्टर या ओवर द काउनटर योगो के लिये हेल्टर स्केलर शिकार चलाते है.यदि डायपर रेश के कोई भी लक्षण दिखाई दे तो इन घरेलू उपचारो को अपनाइये .बिना मतलब मे अनावश्यक दवाईयो का सहारा लिये बिना अपने बच्चे के लिये घरेलू इलाज किजीये. यदि दाने गंभीर हे, तो बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह ले. बिना देरी करे दवा ले.

 

यह भी पढ़ें: बच्चे के त्वचा में चकत्ते

 

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