13 Dec 2019 | 1 min Read
Soma Sur
Author | 5 Articles
एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए आवश्यक है कि मां पोषण युक्त संतुलित आहार ले। शायद मां अपने होने वाले बच्चे को यह सर्वोत्तम उपहार दे सकती है। स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आवश्यक है कि जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन किया जाए। भ्रूण के सम्पूर्ण विकास के लिए दूसरे पोषक तत्वों के साथ ही प्रोटीन की समुचित मात्रा आवश्यक है।
होने वाली मां के आहार में प्रोटीन की संतुलित मात्रा विकास और बचाव में सहायक होता है। बच्चे के विकास में सहायक, प्रोटीन की मात्रा मां के द्वारा ही बच्चे तक पहुंचती है। इसलिए यदि मां का शरीर प्रोटीन की कमी से जूझ रहा हो तो बच्चे में भी इसका असर दिखता है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि होने वाली मां को भोजन में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए और प्रोटीन की कमी से दूर क्यों रहना चाहिए।
गर्भावस्था में प्रोटीन की भूमिका
प्रोटीन शरीर में संरचनात्मक भूमिका निभाता है। शरीर की आवश्यक क्रियाओं के लिए भी प्रोटीन की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के समय होने वाले बच्चे के कोशिका निर्माण के लिए प्रोटीन आवश्यक है। शरीर की प्रत्येक कोशिका, त्वचा, मांसपेशियों, बालों, नाखून तथा प्रत्येक ऊतकों में प्रोटीन मिलता है। प्रोटीन कोशिकाओं को संरचना प्रदान करती है तथि उनके सही प्रकार से काम करने में सहायक होती है तथा कोशिकाओं की मरम्मत के लिए भी आवश्यक है। गर्भावस्था में भ्रूण के ऊतकों के विकास के साथ ही मस्तिष्क का विकास भी मां के भोजन से प्राप्त प्रोटीन द्वारा ही होता है।
होने वाली मां के भोजन में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा बढ़ाने की आवश्यकता होती है। गर्भधारण के कुछ सप्ताह के पश्चात, प्रोटीन मेटाबॉलिज्म के संयोजन से भ्रूण में विकास आरंभ होता है तथा मां के आंतरिक संतुलन को बनाकर जगह बनाता है। प्रोटीन होने वाली मां के स्तन तथा यूटेराइन ऊतकों के विकास और रक्त संचरण के लिए आवश्यक है।
पर्याप्त या अपर्याप्त
क्या आप जानते हैं कि सम्पूर्ण गर्भधारण काल में अतिरिक्त 77,000 किलो कैलोरी की आवश्यकता होती है। समुचित मात्रा में प्रोटीन और एनर्जी का उपयोग सुनिश्चित करता है कि गर्भावस्था के पूरे समय में एक स्वस्थ शिशु का विकास होगा।
प्रोटीन के मुख्य स्रोत तथा ग्रहण
गर्भावस्था में भ्रूण तथा मां के शरीर के ऊतकों की संख्या बढ़ती रहती है। द्वितीय तथा तृतीय ट्राइमेस्टर में भ्रूण का विकास तेजी से होता है। अतः गर्भावस्था के प्रथम महीनों की तुलना में बाद के 6 महीनों में प्रोटीन की आवश्यकता अधिक होती है।
एक व्यस्क मनुष्य में प्रति किलो शारीरिक वजन में 0.75 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता प्रतिदिन होती है। गर्भावस्था में 6 ग्राम अतिरिक्त प्रोटीन प्रतिदिन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन ग्रहण करना ही काफी नहीं है क्योंकि विभिन्न प्रकार के स्त्रोतों द्वारा पाए गए प्रोटीन में विभिन्न प्रकार के अमिनो एसिड होते हैं। एक नियम ये है कि अलग-अलग तरह के प्रोटीनयुक्त भोजन को अपने आहार में स्थान दें तो आप आवश्यकता के दो-तीन भाग प्रोटीन को ग्रहण कर सकते हैं।
गर्भावस्था वह समय है जब आप का भोजन किसी और जीवन पर प्रभाव डालता है। यह ये भी सुनिश्चित करता है कि आपके स्वस्थ खान-पान की आदत आपके बच्चे के बचपन तथा बाद में भी उसको प्रभावित करेगा। गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन से भरपूर स्वस्थ भोजन सुनिश्चित करता है कि आपकी सारी आवश्यकताएं पूरी हो रही है।
अस्वीकरण: भोजन में पोषक तत्वों और उसकी खुराक लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
इस लेख में सभी विचार केवल लेखक के हैं और यह जानकारी के रूप में व्यक्त किए गए हैं।
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