नवजात शिशु क्यों अकसर रातों को जगते हैं?

नवजात शिशु क्यों अकसर रातों को जगते हैं?

3 Jan 2020 | 1 min Read

शिशु जब मां के गर्भ से जन्म लेता है तो बाहर की दुनिया उसके लिए एकदम नई होती है। मां के पेट में वह आराम से रहता था। लेकिन बाहर आते ही उसकी जरूरतें बढ़ जाती हैं। अब मां हरदम उसके पास नहीं रहती। अब उसे भूख-प्यास, ठंडी-गर्मी, नींद लगती है। वह बीमार भी हो जाता है। उसके मन में डर और असुरक्षा के भाव होते हैं। रात के सन्नाटे में ये बातें उसे सताती हैं और वह रो-रोकर मां को अपने पास बुलाता है। ऐसे अनेक कारण हैं बच्चे के रातों को जगने के। अगर बच्चा रात में जग कर रोने लग जाए तो उसे कैसे संभालें-

भूख लगने पर: दो महीने से छोटे शिशु हर रात कम-से-कम दो बार दूध पीने के लिए जागते हैं। इसलिए बच्चे के जगने पर उसे स्तनपान कराएं।

डायपर गंदा होने पर: बच्चा जब सूसू-पॉटी कर देता है तब उसे असुविधा होती है और रोकर वह मां को इसे बदलने के लिए जगाता है। इसलिए बच्चे के जगने पर पहले उसका डायपर देखें और गंदा होने पर बदल दें।

पेट दर्द या गैस होने पर: अक्सर बच्चे को गैस बन जाती है। सोने से पहले उसे ग्राइप वॉटर जरूर पिलाएं। यदि कोई और दवा भी चल रही हो तो वह भी पिलाएं। हर स्तनपान के बाद बच्चे को डकार जरूर दिलाएं।

अकेलापन या डर से: कई बार बच्चे नींद में अकेलापन या डर लगने से जग कर रोने लगते हैं। ऐसे में बच्चे का गोद में लेकर सीने से चिपका लें। उससे बातें करें। गोद में लेकर झुलाएं। थोड़ी देर में वह सो जाएगा।

सर्दी या गर्मी से: मौसम बदलने के कारण भी बच्चे रोने लगते हैं। अगर गर्मी है तो कमरे को ठंडा रखें। बच्चे को खुले, हवादार सूती कपड़े ही पहनाएं। अगर ठंड है तो बच्चे को ऊनी कपड़े पहनाएं। उसके बिस्तर को गर्म रखें। उसका सिर ढंक कर रखें। बच्चे को मच्छर के काटने से बचाएं।

नींद में खलल पड़ने से: रात में अचानक शोर या हलचल होने के कारण या किसी के लाइट जला देने के पर बच्चे की नींद में खलल पड़ता है। तेज पंखा होने या बिजली चली जाने से या अंधेरा होने के कारण पालतू कुत्ते के भौंकने कारण भी बच्चे रोने लगते हैं। बच्चे को ऐसे कारणों से दूर रखें।

#babychakrahindi

A

gallery
send-btn

Related Topics for you

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.