17 Feb 2020 | 1 min Read
सुमन सारस्वत
Author | 60 Articles
घर में इस्तेमाल होने वाली कपड़ों से बनी कई चीजें होती हैं जिनमें बहुत सी धूल-गंदगी जमा हो जाती हैं। सफाई न होने के कारण इनमें बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। रीडर्स डाइजेस्ट के मुताबिक इंसान के शरीर से हर घंटे त्वचा की करीब 15 लाख कोशिकाएं निकलती हैं जो उसके इस्तेमाल किए हुए कपड़ों में जमा हो जाती हैं। फिर जिन पर बैक्टीरिया पनपते हैं जो बीमारी पैदा करते हैं।
रोजाना सिर्फ झाडू-पोंछा लगा देने से ही घर साफ़ नहीं हो जाता। घर में ऐसी कई चीजें और कई जगहें होती हैं जहां आपका ध्यान नहीं जाता जबकि वहां हद से ज्यादा धूल और गंदगी चिपकी हुई होती है जिसे छूने या उसके संपर्क में आने से आपके हाथो में गंदगी चिपक जाती है। इसलिए उन जगहों को और ज्यादा साफ़ करना चाहिए। आइए जानते हैं घर की कुछ ऐसी ही जगहें जहां सबसे ज्यादा गंदगी होती है।
किचन नैपकीन में होता है सबसे ज्यादा बैक्टीरिया
किचन में इस्तेमाल होने वाला नैपकीन एक तरह से घर की सबसे ज्यादा बैक्टीरिया से भरी हुई चीज होती है। दिन में कई बार यह गीला होता है और इसमें खाने वाली चीजों की कुछ मात्रा हमेशा चिपकी रहती है, जिस वजह से यह बैक्टीरिया के पनपने के लिए अनुकूल माहौल बना देता है। इसके लिए आपको सुबह-शाम दोनों समय खाना बनाते समय धुला हुआ नैपकीन इस्तेमाल करना चाहिए। किचन के हर काम के लिए अलग-अलग नैपकीन रखना चाहिए। गीले हाथ पोंछने का अलग नैपकीन, बर्तन पोंछने का अलग होना चाहिए। इन नैपकीन के कम-से-कम दो सेट होने चाहिए जिसे इन्हें आप रोज धो सकें।
मैट्स से आने लगती है बदबू
किचन नैपकीन के बाद बाथ मैट्स और डोर मैट्स घर की दूसरी सबसे जल्दी गंदी होने वाली चीज होती है। हमेशा गीलापन रहने के कारण कुछ ही दिनों में इससे बदबू भी आने लगती है। इसलिए इसे समय समय पर धोएं और इसे धूप में अच्छी तरह सुखाएं फिर इस्तेमाल करें। डोर मैट्स को तो कई घरों में महीनों तक सा नहीं किया जाता है। उन्हें लगता है कि इसे साफ़ करना उतना ज़रूरी नहीं है। जबकि यह गलत आदत है क्योंकि धीरे-धीरे उसमें बहुत गंदगी जमा हो जाती है और कई तरह के बैक्टीरिया और कीटाणु पनपने लगते हैं। इसलिए इसे कुछ समय बाद ठीक से साफ़ करें और अच्छे से सुखाकर फिर इस्तेमाल करें।
परदे खींचते हैं धूल
धूप और प्राइवेसी बनाए रखने के लिए घर में पर्दे लगाए जाते हैं। ये परदे धूल के लिए चुंबक का काम करते हैं। जिसमें रेशे, धूल के कण, कीड़ों के अंडे, कॉक्रोच और उनके शरीर के हिस्से, आपके पालतू जानवरों के खाने-पीने की चीज़ें भी छुप या चिपक सकती हैं। अमेरिकन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी के अनुसार धूल से भी एलर्जी हो सकती है। इसलिए, जब भी आप परदे को झटकते हैं तो परदेमें बैठी हुई धूल घर में फैल जाती है। हवा में फैली यह धूल सांस के साथ आपके नाक और गले में चली जाती है जिससे खांसी और छींक आने लगती है। इसलिए परदों को भी नियमित रूप से साफ करें।
सोफे से आती है अजीब-सी गंध
कई घरों में सोफे इतने गंदे होते हैं कि उनमें से अजीब-सी गंध आने लगती है। यकीन मानिए घर में सबसे ज्यादा धूल सोफे पर ही जमी रहती है। जिन घरों में छोटे बच्चे होते हैं वे बिना जूते उतारे ही सोफे पर चढ़कर खेलने लगते हैं। छोटे बच्चे तो उस पर सूसू-पॉटी भी कर देते हैं। मांएं बस ऊपर से साफ कर देती हैं लेकिन वे नहीं जानती कि इसके कुछ हिस्से सोफे के अंदर तक चले जाते हैं। बड़े हो या बच्चे टीवी देखते हुए सोफे पर बैठकर खाते-पीते रहते हैं इससे वे और गंदे हो जाते हैं। इसलिए नियमित रूप से सोफे और उसके कवर को साफ़ करते रहें।
तौलिया में होता है बैक्टीरिया का भोजन
‘इनीशियल वॉशरूम हाइजीन’ के निदेशक डॉक्टर पीटर बैरट के मुताबिक बैक्टीरिया को विकास के लिए तीन चीजों की जरूरत होती है नमी, उच्च तापमान और जैविक पदार्थ। उन्होंने बताया कि तौलिया गीला तो होती ही है, तौलिया से पोंछने पर त्वचा के कुछ बारीक कण भी चिपक जाते हैं जो कि बैक्टीरिया के लिए भोजन का काम करती है। तैलिये को हफ्ते में एक बार गर्म पानी से धोना चाहिए।
कालीन है बैक्टीरिया का घर
बैक्टीरिया के लिए कालीन रहने की बढ़िया जगह है। कालीन में हमारे पैरों की त्वचा झड़ती रहती है। कालीन में प्रति वर्ग इंच में दो लाख बैक्टीरिया होते हैं। यानि कालीन परजीवी बैक्टीरिया के लिए खानपान की बढ़िया जगह है। कालीन के नीचे भी काफी धूल जमा हो जाती है। कुछ खाना गिरा रहे तो उस कारण चींटी और कॉकरोच भी आ जाते हैं। इसलिए कालीन को सप्ताह में एक बार उठाकर साफ करना चाहिए। साल में एक बार बाहर भी धुलवा लेना चाहिए।
अब तो आप समझ गई होंगी कि अपने परिवार की सेहत को ठीक रखने के लिए घर को बैक्टीरिया-फ्री रखना कितना जरूरी है। घर के साथ-साथ घर की चीजों की सफाई करनी भी बेहद जरूरी है।
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