18 Sep 2021 | 1 min Read
Babychakra
Author | 1369 Articles
नेहा कुछ दिनों से काफी चुप सी रहती किसी काम में मन भी नहीं लगता। वर्क फ्राम होते हुए भी आफिस से लीव भी ले ली। ठीक से किसी से बात नहीं करना हर टाइम गुस्से में रहना बातों को गलत तरीके से लेना। नेहा के लिए यह सब ठीक भी नहीं था क्योंकि नेहा 7 महीने की प्रेगनेंट है। ऐसा सिर्फ नेहा के साथ ही नहीं हर मां के साथ कहीं ना कहीं यही स्थिति रहती है।
प्रेगनेंसी में डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, नेगेटिव सोच यह सब होना आम समस्या होती है। लेकिन यह छोटी से परेशानी तब बढ़ती है जब अपनों का साथ नहीं मिलता है।
इस समय सबसे ज्यादा जरुरी होता है हस्बैंड का सपोर्ट। भूलकर भी अपनी वाइफ से ये बातें ना बोले-
यही सब बातें मन को परेशान करती है इसी वजह एक मां के मन में चिंता, डर बैठ जाता है। इसका नतीजा डिप्रेशन होता है। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते है। एक मां के ऊपर दबाब डाला जाता है कि ऐसा ही करो क्योंकि हमारे टाइम में ऐसा होता था। क्या यह दबाब सही है सलाह वह अच्छी लगती है जो मेंटली खुश रखे।
सबसे ज्यादा जरुरी है पति का साथ ऐसे समय में एक पिता होने के नाते सपोर्ट देना चाहिए। हो सकता है कि आपकी पत्नी गुस्सा करे, चिल्लाएं ऐसे समय में प्यार से काम ले। बातों को समझे एक-दूसरे के साथ टाइम बिताए एहसास दिलाए कि तुम सबसे खूबसूरत हो तुम्हारे साथ बिताया हुआ हर पल मेरे लिए काफी खास है।
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.