21 Sep 2021 | 1 min Read
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एक पति-पत्नी के बीच प्यार के साथ हर मुद्दे पर आपसी सहमति होना आवश्यक होता है। फिर चाहे वह घरेलु मुद्दा हो या फिर आपसी। प्यार के साथ एक दूसरे के साथ शारीरिक तौर से सहज होना भी जरुरी है। आज मैं इसी विषय में बात करुूंगी।
प्रेगनेंट होने के बाद अपने बच्चे के लिए खुशी प्रत्येक माता-पिता को होती है। लेकिन एक कपल के तौर पर उनके साथ बहुत कुछ अलग होने वाला होता है। यानी कि पहले जैसे शारीरिक तौर से जुड़ना संभव नहीं हो सकता है। ऐसे में क्या करे एक पत्नी के ऊपर दबाब या उसकी सहमति जानिए इस कहानी के जरिए।
प्रेरणा शुरु से ही काफी शांत और सहज थी। शादी के बाद उसकी लाइफ परफेक्ट थी, उसका पति गौरव उसे प्यार और रिस्पेक्ट उसकी उम्मीद से कहीं ज्यादा देता था। शादी के 2 साल तक प्रेरणा और गौरव हर पल एंजाए कर रहे थे। 2 साल बाद प्रेरणा प्रेगनेंट हुई गौरव तो खुशी से झूम उठा कि अब सब कुछ और भी परफेक्ट होगा।
प्रेगनेंसी के 1 महीने तक गौरव और प्रेरणा सेक्स लाइफ भी एंजाय कर रहे थे। लेकिन डॅाक्टर ने दूसरे महीने से दूरी बनाने को बोला। प्रेरणा को इसमें कोई दिक्कत नहीं थी, और गौरव ने भी प्रेरणा का साथ दिया।
दूसरी तिमाही के आते ही प्रेरणा के मूड स्विंग, वजन बढ़ना, दिन भर थकान रहना शुरु होने लगा। गौरव प्रेरणा का बहुत सपोर्ट करता लेकिन कुछ गुस्सें में गौरव भी रहने लगा। कभी-कभी प्रेरणा के ऊपर चिल्लाता, देर रात तक पार्टी से आना। ड्रिंक करना किसी के सामने भी चीख देना प्रेरणा दुखी हो चुकी थी। उस रात गौरव ड्रिंक करके आया और प्रेरणा के साथ क्लोज होने लगा।
प्रेरणा ने एकदम से चिल्लाया गौरव होश में आओ मेरा 6 मंथ शुरु हो गया है। और तुम ये क्या कर रहे हो। गौरव ने कहा प्रेरणा मुझसे नहीं रहा जा रहा प्लीज। प्रेरणा गुस्से में दूसरे कमरे में चली गई और खूब रोई जो उसकी हेल्थ के लिए ठीक नहीं था।
फिर से अगले दिन गौरव का यही बर्ताव, गौरव के लिए प्रेरणा का माॅं बनना कुछ नहीं था। गौरव केवल अपने बारे में ही सोच रहा था। प्रेरणा अपने पति के इस व्यवहार से परेशान होकर अपने मायके चली आई। लेकिन रोकर नहीं उसने खुलकर इस बात को अपनी माॅं और सास से बोला। यहां तक अपनी डॅाक्टर से भी इस बारे में बात की।
प्रेगनेंसी के 9 महीने तक प्रेरणा अपने मायके मे रही। प्रेरणा के साथ उसके घर का सपोर्ट था, लेकिन हर महिला के साथ ऐसा नहीं होता है।
ऐसे में एक पति और पिता होने के नाते जिम्मेदारी यह होनी चाहिए। कि आप अपनी पत्नी का पूरा सहयोग करे, पत्नी को सेक्स के लिए कभी दबाब मत डाले। यह सोचकर देखे कि आने वाले बच्चे के लिए आपने क्या सपने देखे। पत्नी की सहमति और डॅाक्टर की सलाह के बगैर ऐसा कदम नहीं उठाए। क्योंकि यह दूरी आपके बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए ही है। इसलिए पिता बनने के सफर को आप भी एंजाए करे।
हैप्पी पैरेंटिंग
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