गर्भावस्था में एक मां को यह सलाह अक्सर दी जाती है कि बादाम खूब खाओ बच्चे का दिमाग तेज होगा। लेकिन बच्चे के मस्तिष्क का विकास जितना गर्भावस्था के दौरान होता है। उससे कहीं ज्यादा शिशु के दिमाग का विकास जन्म के बाद होता है। सबसे शुरुआत के 0 से 8 वर्ष में मस्तिष्क का विकास बहुत तेजी से होता है। बच्चा जो इसी समय सीखता, सुनता और समझता है। उसका असर वयस्क होने तक पड़ता है।
बच्चों में प्रारंभिक मस्तिष्क का विकास
- विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों में दिमागी विकास गर्भधारण से लेकर 6 वर्ष की आयु तक बहुत तेजी से होता है। इस दौरान मां जैसा सोचती है उसका असर बच्चे पर भी पडता है। अगर मां बहुत ज्यादा चिंता करती है या तनाव में रहती है। तो कहीं ना कहीं आपके देखेंगे कि बच्चों में भी यह गुण आते है। इसलिए कहा जाता है कि प्रेगनेंसी के दौरान किसी तरह का तनाव नहीं लेना चाहिए।
- बच्चा जन्म के बाद कई सारी गतिविधियां करना शुरू करता है। जैसे कि पलटना, घुटनों के बल चलना यह सारी गतिविधि बच्चों को सिखाई नहीं जाती है। यह बच्चा स्वयं से करता है क्योंकि इस दौरान बच्चों के मस्तिष्क के विकास बहुत तेजी से हो रहा होता है।
- बच्चे के मस्तिष्क का 90 प्रतिशत विकास 2 वर्ष की आयु तक हो जाता है। इसलिए इस समय बच्चों को जो सिखाया जाए वह उसे कहीं ना कहीं याद रखता है। अगर इस समय बच्चों को मोबाइल या टीवी देखने की आदत डाल दी जाए। तो इसका असर आपको स्वयं देखने को मिलेगा। यही समय होता है जब आप अपने बच्चे में अच्छी चीजें सिखा सकते है।
- बच्चों के मस्तिष्क के संपूर्ण विकास के लिए हेल्दी डाइट भी बहुत आवश्यक होती है। बच्चों को 6 महीने बाद जब ठोस आहार देने की शुरुआत की जाती है। तभी से आप बच्चों को फल खाने की आदत डाले। हरी सब्जियों का सूप, दाल का पानी, मेवे युक्त खीर इन सब को बच्चे की डाइट में अवश्य शामिल करे।
- 0 से 6 महीने के दौरान नवजात शिशु आपकी बातों पर इशारों के माध्यम से प्रतिक्रिया करते है। क्योंकि उस समय बच्चे का दिमाग का विकास बहुत तेजी से हो रहा होता है।
- शिशुओं का मस्तिष्क का विकास इतनी तेजी से होता है कि बच्चे आवाज को बहुत ही आसानी से समझते , और याद रखते है। जब बच्चा बोलना सीखता है तो वह अपने माता-पिता के शब्दों को भी दोहराना शुरू करता है। इसलिए आप जो भी बोल रहा है बच्चा कहीं ना कहीं वह सब सीख रहा है।
बच्चों के दिमागी विकास के लिए आप भी निम्नलिखित बातों पर ध्यान दे।
- बच्चा जो भी बोले उसे ध्यान से सुने।
- जब नवजात शिशु इशारे करे तो उस पर फौरन अपनी प्रतिक्रिया दे।
- अपने शिशु से बात करते हुए सही शब्दों का प्रयोग करे।
- अपने शिशु से बातें करे।
- बच्चा जब बोलना शुरू करें उसकी बातें सुने।
- एक पेरेंट्स के लिए अपने बच्चे को समय देना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। इसलिए सबसे पहले अपने बच्चे को प्राथमिकता दे।
- बच्चे के मस्तिष्क के अच्छे विकास के लिए माता-पिता को बच्चों की हर बात को समझना होगा। सबसे ज्यादा बच्चे की डाइट का ध्यान रखे। बच्चों की बातों को अनसुना नहीं करे।
- भाषा का सही उच्चारण करना सीखिए।
बच्चों के प्रारंभिक मस्तिष्क के विकास के लिए आप स्वयं को तैयार करे। कि आपको कैसे बच्चों को अच्छी चीजें सिखानी है। इसलिए सभी बातों का ध्यान रखते हुए सही तरह से संवाद करने की कोशिश करे।
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