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डिलीवरी के बाद पीसीओडी को कैसे करे कंट्रोल

डिलीवरी के बाद पीसीओडी को कैसे करे कंट्रोल

7 Oct 2021 | 1 min Read

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शिशु के जन्म के बाद एक मां के लिए शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होना सामान्य है। लेकिन डिलीवरी के बाद एक कई तरह की समस्याएं सामने आती है। जैसे कि पीरियड्स का रेगुलर नहीं होना, वजन बढ़ना, डिप्रेशन ऐसी कई तरह की दिक्कत की वजह से पीसीओडी की शुरुआत होनी लगती है।

अगर आपको पहले से ही पीसीओडी है तो डिलीवरी के बाद भी पीसीओडी बनी रहती है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो डिलीवरी के बाद पीसीओडी को दूर किया जा सकता है।

पीसीओडी क्या है

पीसीओडी, पोलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें महिलाओं का हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है। जिसकी वजह से पीरियड का देरी से आना, चेहरे पर मुहांसे और बाल होना, आवाज में भारीपन, कंसीव नही कर पाना ऐसी समस्याएं देखने को मिलती है। पीसीओडी का कारण है अनियमित जीवन शैली, अगर अपने लाइफ स्टाइल में कुछ बदलाव किए जाए तो। इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।

हेल्दी लाइफ स्टाइल- पीसीओडी ऐसा डिसऑर्डर है जो अनियमित जीवन शैली की वजह से होता है। डिलीवरी के बाद कहीं ना कहीं आपके लाइफ स्टाल पर सबसे ज्यादा असर पडता है। डिलीवरी के लगभग 2 महीने बाद आप रूटीन में वापस आने की कोशिश करे। अपने सोने का सही टाइम फिक्स करें, क्योंकि पीसीओडी के लिए 9 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है। इसके अलावा अपनी डेली रूटीन में आपको बदलाव करने होगे। जैसे कि समय पर नाश्ता करना, लंच करना, रात में देर तक नहीं सोना।

 

योगा और एक्सरसाइज- योगा और एक्सरसाइज पीसीओडी के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। अगर आप नियमित तौर से योग करती हैं काफी हद तक स्ट्रेस लेवल कम रहता है। योग करने से आप स्वयं में फिट महसूस करेंगी, योगा के साथ एक्सरसाइज करने से काफी हद तक वजन भी कम होता है।

 

जंक फूड को कहें ना- जंक फूड की क्रेविंग सभी को होती है। जंक फूड पीसीओडी के समस्या को और बढाता है। क्योंकि पीसीओडी में हार्मोनल बदलाव की वजह से आपको क्रेविंग हो सकती है। मीठा, नमकीन किसी भी तरह की क्रेविंग को शांत करने के लिए आप अपनी डाइट में फलों को शामिल करे।

 

रोजाना वॉक करना- सुबह शाम की सैर आपके वजन को तो कंट्रोल करेगी। साथ ही आपके मूड को भी अच्छा रखेगी, आप चाहे तो अपना एक लक्ष्य तय करे। जैसे कि रोजाना 1000 कदम से शुरुआत करे।

 

स्ट्रेस को कहें अलविदा- तनाव हार्मोनल बदलाव का एक बहुत बडा कारण होता है। अगर आप किसी बात को बहुत ज्यादा सोचते है तो इसका असर आपके मूड पर भी पड़ता है। पीसीओडी के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए किसी भी तरह का स्ट्रेस नहीं ले। स्ट्रेस दूर करने के लिए आप मेडिटेशन का सहारा ले। क्योंकि मेडिटेशन बहुत हद तक आपके तनाव को दूर करता है।

 

पैक्ड फूड से परहेज- अगर आपका वजन बहुत तेजी से बढ रहा है तो पैकेट फूड का इस्तेमाल करना बंद कर दे। पीसीओडी में वजन कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। इसलिए ऐसी चीजों का सेवन करने से बचे।

डिलीवरी के बाद पीसीओडी को आप कंट्रोल कर सकती है। इसके लिए आपको एक अच्छी जीवन शैली को अपनाना होगा। प्रसव के बाद रूटीन में आना इतना आसान नहीं है। लेकिन पीसीओडी से बचने के लिए आप तनाव लेना सबसे ज्यादा हानिकारक है। इसलिए पीसीओडी के लक्षणों को पूरी तरह से कम करने के लिए आप हेल्दी डाइट ले और साथ ही अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले।

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