12 Oct 2021 | 1 min Read
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नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां कात्यायनी की विधि विधान से पूजा करने से शादी संबंधी परेशानियां दूर होती है। मां कात्यायनी का पसंदीदा रंग लाल है, मान्यता है कि मां का शहद का भोग लगाना काफी शुभ माना गया है।
पूजा विधि
सुबह स्नानादि से निवृत होकर साफ कपड़े पहने। जिस चौकी पर अपनी मां की स्थापना की है वहां पर रोली और सिंदूर का तिलक लगाकर मंत्रों का जाप करे। कात्यायनी देवी को फूल अर्पित करके आप शहद का भोग लगाएं। उसके बाद धूपबत्ती, घी का दीपक जलाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करे। दुर्गा चालीसा का भी पाठ करके प्रसाद सभी लोगों में बांटे।
आज के भोग की रेसिपी
मां कात्यायनी को भोग लगाने के लिए आप साबूदाना की खीर का भोग लगा सकते है। साबूदाना खीर बनाने के लिए आप साबूदाना को 4 से 6 घंटे भिगो कर रख दे। अब फुल क्रीम मिल्क लेकर उसमें बारीक कटे हुए ड्राई फ्रूट मिक्स करे। आवश्यकतानुसार चीनी मिलाकर साबूदाना मिला ले और दूध को अच्छी तरह से मिलाते रहे। अब साबूदाना को हल्का ठंडा होने रख दे, अब यह खीर का भोग माता को लगाए।
दुर्गा पूजा का महत्व
दुर्गा पूजा की शुरुआत हो चुकी है। दुर्गा पूजा विशेषकर बंगाल, असम, बिहार, झारखंड, कोलकाता, मणिपुर में मनाई जाती है। दुर्गा पूजा में मां दुर्गा के पंडाल लगाने की परंपरा है। दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे बड़ा पर्व है। दुर्गा पूजा का आयोजन शारदीय नवरात्री के दौरान होता है। बंगाली समाज में इस दुर्गा पूजा बहुत महत्व है, क्योंकि कई तरह की रस्में इस दुर्गा पूजा के दौरान होती है। जिसमें कि सबसे लोकप्रिय रस्म है सिंदूर खेला की रस्म। इस दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।
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