क्या ऐसा आपके साथ भी हुआ कि गलती आपके बच्चे की हो और आप उसे डांट रहे हो। लेकिन आपका बच्चा आपके ऊपर ही गुस्सा करके आपकी बात दबाने की कोशिश कर रहा हो। बच्चों को गुस्सा करने की आदत सामान्य नहीं है देखा जाए तो गुस्सा हर किसी को आता है। लेकिन बहुत ज्यादा गुस्सा सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।
अगर बात बच्चों की जाए तो आखिर बच्चों को गुस्सा क्यों आता है और कैसे बच्चों के गुस्से को कंट्रोल करे।
- बच्चे अपने माता-पिता को देखकर बहुत कुछ सीखते हैं। अगर पेरेंट्स बहुत ज्यादा गुस्सैल प्रवृत्ति के हैं। तो इसका असर बच्चे पर भी पड़ता है। हालिकी यह सब पूरी तरह से निर्भर करता है कि माता-पिता बच्चों के सामने गुस्सा करते हैं या नहीं।
- बचपन में बच्चों को अगर ऐसा माहौल मिलें जहां बच्चे को लडाई-झगडा, घर में आपसी विवाद या फिर बच्चों को ऊपर बहुत ज्यादा रोक-टोक की जाए। तो बच्चे अपनी बात गुस्से के जरिए कहते हैं फिर वह चिल्लाना हो या फिर किसी चीज को तोड़ता।
- टीवी में हिंसात्मक कार्टून और फिल्में देखना यह भी बहुत बड़ी वजह है बच्चों के गुस्से की। क्योंकि बच्चे किसी भी पात्र को असली मान लेते हैं। उनका लगता है कि यह जो कर रहा वह सही है।
- अगर माता-पिता अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं। अपने बच्चों की बात नहीं सुनते हैं तो बच्चों के मन में कहीं ना कहीं असुरक्षा की भावना पनपने लगती है। इसी असुरक्षा का नतीजा बहुत ज्यादा गुस्सा करना होता है। बच्चों के गुस्से को कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन इसके लिए सबसे ज्यादा प्रयास पेरेंट्स को ही करना होगें।
अपने बच्चे के गुस्से को किस तरह से कंट्रोल करें
बच्चों के गुस्से को कंट्रोल करना इतना आसान नहीं है क्योंकि अगर आप बच्चों को समझायेंगे भी तो भी उन्हें बुरा लगेगा। इसके लिए पहले यह समझे कि बच्चे को गुस्सा सबसे ज्यादा किस बात से आता है।
- आपके डॅाटने से, आपके समझाने पर या फिर बच्चे की कोई जिद्द नहीं पूरी की जाए तो। इसके अलावा क्या बच्चा किसी अजनबी और घर के सदस्यों को देखकर गुस्सा करता है। सबसे पहले कारण जानने की जरूरत है, क्योंकि बच्चों का गुस्सा करना मनोवैज्ञानिक भी हो सकता है।
- बच्चा अगर आपकी बात नहीं सुनता है तो बच्चे के साथ कुछ समय बिताएं उनसे धीरे-धीरे बात करने की कोशिश करे।
- बच्चों से दोस्ताना व्यवहार करे, पहले वजह जानने की कोशिश करे कि गुस्से का कारण क्या है। अगर बच्चा कोई जिद्द कर रहा है तो उसे समझाएं कि क्या यह सही है। अगर सही है तो अपने गुस्से को कम करना होगा। तभी यह बात मानी जाएगी, बच्चों को समझना और समझाने में बहुत अंतर है। लेकिन इस अंतर को कम किया जा सकता है।
- क्योंकि बच्चे गुस्सा करके यह बताना चाहते हैं कि उन्हें आपकी जरूरत है। लेकिन अगर आप उन्हें समय नहीं देंगे तो वह अपनी मनमानी करेगें। अपने बिजी रुटीन में से कुछ समय निकाल कर आप बच्चों को कहीं पार्क घुमाने ले जाएं।
- बच्चों के साथ घर पर गेम खेलें, साथ ही कुछ क्राफ्ट एक्टिविटी करे। बच्चों को उनकी पसंदीदा ड्राइंग बनाने को बोले, क्योंकि बच्चे चित्रों के माध्यम से अपनी बात कहते हैं। अगर बच्चों को गुस्सा आ भी रहा है तो आप थोड़ा शांत रहकर समझें कि यह सही नहीं है। बच्चों का बहुत ज्यादा गुस्सा मनोवैज्ञानिक कारण भी हो सकता है इसलिए आप किसी मनोचिकित्सक से अवश्य सलाह ले।
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