• Home  /  
  • Learn  /  
  • पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग होना – Mood Swings In Periods
पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग होना – Mood Swings In Periods

पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग होना – Mood Swings In Periods

31 Oct 2021 | 1 min Read

Medically reviewed by

Author | Articles

मूड स्विंग यानी कि कभी गुस्सा तो कभी प्यार। कभी खट्टा खाने का मन तो कभी मीठा सबसे ज्यादा मूड स्विंग पीरियड के दौरान ही होता है। पीरियड् के दौरान मूड बदलना कभी-कभी काफी परेशानी खड़ी कर देता है और आपका दैनिक जीवन भी इससे बहुत ज्यादा प्रभावित होता है। इसकी वजह से कभी बहुत ज्यादा रोना आता है। तो कभी लगता है सब कुछ खत्म सा हो गया है। बेबीचक्रा के इस लेख में जानेंगें कि पीरियड्स में मूड स्विंग्स (Mood swings in periods) क्या है और मूड स्विंग्स से बचाव के उपाय क्या हैं?

चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान मूड क्यों खराब रहता है (Mood swings during periods) ?

पीरियड्स के दौरान मूड क्यों बदलता है? जानिए इसके कारण!

पीरियड्स से पहले शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। जैसे कि ब्रेस्ट में दर्द होना बहुत भूख लगना। नींद आना यह सब आपको पीरियड आने के 15 या 10 दिन पहले से महसूस होने लगता है। इसकी बड़ी वजह है, हार्मोन्स का बदलना है। इन हार्मोनों में बदलाव से शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आइए, जानते हैं कि हार्मोन्स कैसे मूड स्विंग्स की प्रॉब्लम पैदा करते हैं 

  • पीरियड्स के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में परिवर्तन आता है जिससे सेरोटोनिन का स्तर भी प्रभावित होता है।
  • सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो आपके मूड, नींद और भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है। सेरोटोनिन का निम्न स्तर उदासी और चिड़चिड़ापन की भावनाओं को पैदा करता है।
  • कुछ अटपटा और चटपटा खाने की इच्छा भी इस हार्मोनल बदलाव के कारण पैदा हो सकती है। इससे पेट खराब हो सकता है जो मूड को और खराब कर देता है।

आइए, अब जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स से कैसे बचें ? 

पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स से हो जाते हैं परेशान, तो अपनाएं ये आसान उपाय

पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स की वजह से महिलाओं को तनाव, रोना, गुस्सा आना कई तरह की दिक्कतें होनी लगती है। जिसका असर उनकी निजी जिंदगी पर भी पड़ता है। इसलिए पीरियड्स के दौरान अपना मूड खराब होने से कैसे बचाएं जानिए – 

  • मेडिटेशन एक ऐसा जरिया है जिससे काफी हद तक आप अपना मूड सही कर सकती हैं। इसलिए पीरियड की डेट के पहले कुछ समय मेडिटेशन करे।
  • शरीर को हाईड्रेट रखना, यह भी हार्मोनंस को बैलेंस करता है। पीरियड के दौरान खूब पानी पिएं, पानी के अलावा नारियल पानी का भी सेवन करे।
  • हेल्दी और प्रोटीन युक्त डाइट भी हार्मोंनल बदलाव के लिए आवश्यक होती है। क्योंकि जंक और अनहेल्दी खाने का असर आपके मूड पर भी पडता है।
  • 9 घंटे की नींद आपके मूड पर अच्छा असर डालती है। क्योंकि भरपूर नींद लेने से आपका दिमाग शांत रहेगा।
  • तनाव मूड स्विंग इस बात पर भी निर्भर करता है ज्यादा स्ट्रेस तनाव और चिड़चिड़ेपन का कारण बन सकता है।

तो इस लेख में आपने जाना कि पीरियड्स में मूड स्विंग सिर्फ हार्मोनल परिवर्तन की वजह से होते है। हालांकि पीरियड्स के अलावा मूड स्विंग प्रेगनेंसी के दौरान भी होते है। पीरियड में होने वाले मूड स्विंग में भी उतनी क्रेविंग होती है जितनी प्रेगनेंसी में होती है।पीरियड के दौरान या गर्भावस्था के समय मूड स्विंग को ठीक करने के लिए एक अच्छी जीवनशैली अपनाएं। किसी भी तरह की चिंता से दूर रहे, विटामिन सी युक्त डाइट का सेवन करे। पीरियड के दर्द से बचने के लिए गर्म पानी का सेवन करे। इस तरह के उपाय आपको पीरियड मूड स्विंग से निजात दिलायेगें।

A

gallery
send-btn

Related Topics for you

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.