2 Nov 2021 | 1 min Read
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आज है धनतेरस, आज के दिन शाम में पूजा करने का विधान है। धनतेरस के दिन बहुत से लोग वाहन भी खरीदते हैं। कहा जाता है कि आज के दिन खरीदारी करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। धनतेरस वाले दिन लोग गृह प्रवेश, सगाई और अन्य शुभ कार्य करवाते है। बच्चे के जन्म के बाद धनतेरस वाले दिन नामकरण करने की भी परंपरा है।
धनतेरस की पूजा विधि
धनतेरस की शाम में उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और गणेश लक्ष्मी की पूजा की जाती है। बहुत से लोग आज के दिन श्री यंत्र और लक्ष्मी यंत्र की भी पूजा करते है। पूजा के समय घी का दीपक जलाए। कुबेर भगवान को सफेद मिठाई और धन्वंतरि भगवान को पीली मिठाई का भोग लगाएं। पूजा के समय “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” मंत्र का जाप करें। फिर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करके मां लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन करे। इसके बाद आरती या हवन करके पूजा का समापन करे।
दिवाली का त्यौहार पांच दिन का होता है और इस दिन कई तरह के पकवान बनाने की परंपरा है। आज के दिन उत्तर भारत में दही बताशे खाने की परंपरा है।
बताशे यानी की गोलगप्पे आइये जानते हैं दही बताशे बनाने की विधि।
सामग्री
दही बताशे बनाने के लिए सबसे पहले सफेद मटर को उबालने रख दें। ध्यान रहे कि मटर एकदम गल जाए। उसके बाद मटर को ठंडा करके उसमें नमक, भुना हुआ जीरा हरा धनिया मिलाकर मिक्स कर दें। अब बताशे भून लें, भूनने के बताशों के बीच में मटर और अब इसमें मीठी चटनी, दही अनार दाने और अदरक के लच्छों के साथ सर्व करे। यह बताशे धनतेरस वाले दिन कन्याओं को खिलाये जाते हैं। इसका स्वाद ही अलग होता है, तो इस धनतेरस यह रेसिपी अवश्य बनाएं।
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